प्रेस नोट उच्च शिक्षा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों क्रियान्वयन के संबंध में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में गठित स्टीयरिंग कमेटी की हुई 19वी ऑनलाइन बैठक
सरकारी अनुदान के अतिरिक्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के लिए वित्तीय संसाधन/अनुदान जुटाए जा सकने वाले उपायों पर हुई विस्तृत चर्चा।
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों क्रियान्वयन के संबंध में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा, श्रीमती मोनिका एस गर्ग की अध्यक्षता में गठित स्टीयरिंग कमेटी की आज 19वी ऑनलाइन बैठक संपन्न हुई।
बैठक में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के लिए वित्तीय संसाधन/अनुदान जुटाने के उपाय के विषय पर विस्तृत चर्चा हुई। जिसमें यह विचार किया गया कि सरकारी अनुदान के अतिरिक्त किस तरह महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय में वित्तीय संसाधन बढ़ाए जा सकते हैं। बैठक में श्रीमती मोनिका एस गर्ग ने कहा कि हमें विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के पास उपलब्ध संसाधन के साथ सीआरपी एवं अन्य स्रोतों से भी वित्तीय संसाधन जुटाने के रास्ते तलाशने होंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय अपने क्षेत्र की कंपनियों से संपर्क कर समझौता (MoU) करें तथा उनसे कॉर्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) फंड के अंतर्गत अपने विद्यार्थियों के लिए डिजिटल डिवाइस उपलब्ध कराने का प्रयास करें।
श्रीमती मोनिका एस गर्ग ने कहा कि कंसलटेंसी, ई-सुविधा, सोलर ग्रिड को अपनाने के लिए विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय आवश्यक उपाय करें, इसमें सरकार उनकी मदद करेगी। उन्होंने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के शिक्षकों को कंसलटेंसी की अनुमति किस तरह दी जाए इसके लिए एक 3 सदस्य समिति गठित की जो इस पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि टेक्निकल संस्थानों की तरह उच्च शिक्षण संस्थाओं में भी कंसलटेंसी की व्यवस्था लागू करने के लिए समिति एक नीति बनाए। कंसल्टेंसी से न केवल संस्थान एवं शिक्षक को वित्तीय लाभ होता है इसके साथ ही उन्हें इंडस्ट्रियल एक्स्पोज़र भी प्राप्त होता है।
स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय अपने पास उपलब्ध आधारभूत संरचनाओं का उपयोग कर कुछ वित्तीय संसाधन जुटा सकते हैं, जिसका उपयोग छात्र हित के विभिन्न कार्यों में किया जा सकता है। क्षेत्रीय आवश्यकताओं एवं लोकेशन एडवांटेज का प्रयोग करते हुए विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय की आधारभूत संरचना से वित्तीय संसाधन जुटाए जा सकते हैं।
(न्यूज़ 17 इंडिया एडिटर इन चीफ विजयकुमारमिश्र)