Thu. Jan 30th, 2025

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के तत्वाधान में राष्ट्र नायक महाराणा प्रताप की 482वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई

सिद्धार्थनगर-दिनांक 09/05/2022

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के तत्वाधान में राष्ट्र नायक महाराणा प्रताप की 482वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई

blank

मुगलों की अधीनता राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप सिंह ने कभी नहीं स्वीकार की-जय प्रताप सिंह

महाराणा प्रताप सिंह अपने राष्ट्रधर्म की रक्षा के लिए कई वर्ष तक मुगलों से लड़ाई लड़ी-राघवेन्द्र प्रताप सिंह

सोमवार, दिनांक 09/05/2022.

मुख्यालय/सिद्धार्थनगर। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा जनपद सिद्धार्थनगर के तत्वावधान में राष्टनायक महाराणा प्रताप सिंह की 482 वीं जयंती लोहिया कला भवन में राजन सिंह की अध्यक्षता मनाई गई।

आज आयोजित महाराणा प्रताप सिंह के जयंती समारोह में डॉ.अरविंद सिंह, प्रधानाचार्य रघुवर प्रसाद जायसवाल इण्टर कालेज सिद्धार्थ नगर के द्वारा कहा गया कि इतिहास हमने तो लिखा नहीं मेवाड़ भारत का अंग था, उन्होंने कहा क्या फिर से हम भारत के लिए कुछ करते। आज हम सबको उनके पथ पर चल कर आगे बढ़े। तभी हम सबका आज के कार्यक्रम की सफल अनावरण होगा।

उन्होंने कहा कि हल्दी घाटी की युद्ध 20 हजार सेनाओं को लेकर मुगलों को 25 किलोमीटर तक महाराणा राणा प्रताप सिंह ने खदेड़ा और जंग जीता और मेवाड़ को आजाद काराया।

इस दौरान हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी एवं पूर्व विधायक डुमरियागंज राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप सिंह ने अपने जीवन काल में ही 90 प्रतिशत जंग जीत लिया था। उन्होंने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। महाराणा प्रताप सिंह अपने देश, राष्ट्रधर्म की रक्षा के लिए कई वर्ष तक मुगलों से लड़ाई लड़ी और मुगलों का छक्का छुड़ाया। उनकी बीरता का यस पूरी दुनिया में बिख्यात है।

इस दौरान हरिशंकर सिंह ने अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा सिद्धार्थ नगर के जिला अध्यक्ष राजन सिंह, भूपेंद्र सिंह को बहुत बहुत बधाई दी।
भनवापुर ब्लाक प्रमुख लवकुश ओझा ने कहा कि महाराणा प्रताप सिंह के आदर्श को नहीं भूलना चाहिए।

पूर्व व्लाक प्रमुख राजू सिंह ने कहा कि हम सबको महाराणा प्रताप के जीवन में उतारना चाहिए, उन्हीं के पदचिन्हों पर चलकर प्रेरणा लेनी चाहिए। यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के तत्वावधान में लोहिया कला भवन मे राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप की 482 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान उन्होंने यह बातें कही।

कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री एवं बाँसी विधायक राजा जय प्रताप सिंह, हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी एवं डुमरियागंज के पूर्व विधायक राघवेन्द्र सिंह, कपिलवस्तु के विधायक श्यामधनी राही, भारतीय क्षत्रिय महासभा जिला अध्यक्ष राजन सिंह, भनवापुर ब्लाक प्रमुख लवकुश ओझा, फतेबहादुर सिंह, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा प्रदेश सचिव अखण्ड प्रताप सिंह एडवोकेट ने राष्ट्र नायक महाराणा प्रताप के द्वारा महाराणा प्रताप सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया तथा इसी क्रम में उपस्थित लोगों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

उक्त कार्यक्रम में उपस्थिति लोगों ने महाराणा प्रताप सिंह के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उनके वीरता एवं अदम्य साहस का वर्णन किया गया।

बतौर मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री एवं बांसी विधायक जय प्रताप सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया उदयपुर, मेवाड में सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा थे। उनका नाम इतिहास में वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ प्रण के लिये अमर है। उन्होंने मुगल बादशाह अकबर की अधीनता को कभी नहीं स्वीकार की और कई सालों तक मुगलों से अपने राष्ट्र व धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष किया।

उन्होंने कहा उनका जन्म 9 मई 1540, कुम्भलगढ़ फोर्ट के क़िला कुम्भलगढ़ में हुआ था। उनके बच्चे अमर सिंह, कुँवर दुर्जन सिंह, शेख सिंह, कुँवर माल सिंह, कुंवर राम सिंह थे।

सदर विधायक श्यामधनी राही ने कहा हम सबको महाराणा प्रताप सिंह के वीरता एवं उसके शोर्य को याद करके राष्ट्र धर्म को सर्वोपरि मानते हुए देश हितरक्षक के रूप में कार्य करना चाहिए तभी हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

इस अवसर पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष अध्यक्ष राजन सिंह, पूर्व मंत्री एवं बांसी विधायक जय प्रताप सिंह, पूर्व विधायक डुमरियागंज राघवेंद्र प्रताप सिंह, अंजू चौधरी, अरविंद सिंह, प्रधानाचार्य शिवपति इंटर कॉलेज, हरिशंकर सिंह, विजय सिंह, लवकुश ओझा, अखंड प्रताप सिंह, राजू सिंह पूर्व प्रमुख, बहादुर सिंह, रजनीश सिंह, विनोद सिंह, कर्ण सिंह, सोनू सिंह, प्रमुख प्रतिनिधि नौगढ राजेश मिश्रा आदि तमाम गणमान्य लोग मौजूद रहे।

Related Post