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आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने प्रधानमंत्री भारत सरकार एवं सांसद जगदंबिकापाल को संबोधित 06 सूत्रीय सौंपा ज्ञापन

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सिद्धार्थनगर/दिनांक 02 अक्टूबर 2024

आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने प्रधानमंत्री भारत सरकार एवं सांसद जगदंबिकापाल को संबोधित 06 सूत्रीय सौंपा ज्ञापन

सिद्धार्थनगर। आंगनबाड़ी अधिकार संयुक्त मोर्चा उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में आंगनबाड़ी केदो पर एजुकेटर पद्धति रद्द करने एवं उनको पूरा करने के संबंध में प्रधानमंत्री भारत सरकार नई दिल्ली एवं डुमरियागंज सांसद जगदंबिका पाल लोकसभा क्षेत्र 60डुमरियागंज को संबोधित 06सूत्रीय ज्ञापन देकर मांगपत्र सौंपकर मांग किया है कि शिक्षा विभाग द्वारा शासनादेश संख्या -68- 5099/178/2024 अनुभाग -5 (बेसिक शिक्षा)-1/ 701861/2024 दिनांक 26 जुलाई 2024 द्वारा जारी आदेश में प्राथमिक विद्यालय में को -लोकेटेड आंगनवाड़ी केंद्रों पर 3 से 6 वर्ष के आयु के बच्चों को ई सी सी ई एजुकेटर की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।एजुकेटरो का मानदेय 10,313 प्रतिमाह निर्धारित किया गया है। जिसमें पीएफ एवं ई एस आई की सुविधा भी दी गई है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु जहां एजुकेटरो को₹10,313/-प्रतिमाह देने एवं अन्य सुविधाएं देने का प्राविधान किया है। वहीं आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को मात्र ₹6,000/-केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा दिया जा रहा है। जबकि कार्यकत्रियों द्वारा उक्त शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अन्य कई विभागीय सेवाओं के साथ गैर विभागों द्वारा कार्य सौंप दिया जाता है। ऐसी स्थिति में कम मानदेय दिया जाना कार्यकत्रियों के साथ अन्याय,धोखा तथा मिशन शक्ति का अपमान है।

आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने आग्रह पूर्वक निवेदन किया है कि महोदय आपकी सरकार द्वारा जनहित में जन लोककल्याणकारी कार्य किया जा रहा है। इस तरह सरकार की छवि गरीबों के उत्थान करने वाली सरकार की मुखिया के रूप में मुखर होकर प्रतिष्ठित हो रही है। ऐसे में उत्तरप्रदेश की समस्त आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिका बहनों की आर्थिक स्थिति एवं मानदेय विसंगति की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए सरकार के समक्ष निम्न 6सूत्रीय मांगो को ज्ञापन के द्वारा प्रेषित किया जा रहा है।

1) एजुकेटर भर्ती प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए, क्योंकि एजुकेटर का कार्य आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा स्वयं पूर्व से ही किया जा रहा है इसलिए ऐसी स्थिति में आंगनबाड़ी केंद्र पर एजुकेटर भर्ती की आवश्यकता ही नहीं है।

2) आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओ को शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।जब तक संभव नहीं है एजुकेटर के मानदेय से अधिक कार्यकत्रियों को ₹24,000/-एवं
सहायिकाओ को ₹12,000/-प्रतिमाह मानदेय देने के साथ पीएफ एवं ई एस आई की सुविधा प्रदान की जाए।

3) पोषाहार हाटकुक्ड फूडनिधि वितरण की व्यवस्था कोटेदार, एस एस जी,ग्राम प्रधान,पार्षद एवं हेडमास्टर आदि व्यवस्था में न उलझाकर किसी एक सुदृढ़ व्यवस्था द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को सीधे उपलब्ध कराया जाए।

4) भारत सरकार के पोषण 2 में मिनी कार्यकत्रियों का पद अपग्रेड करके सामान्य कर दिया गया है।इसलिए सामान्य कार्यकत्रियों के बराबर मानदेय एवं अन्य सुविधा दिया जाए।

5) आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के 62वर्ष आयु सीमा के उपरांत सेवा निवृत्ति पर एक मुस्त 10 लाख रुपए की धनराशि देने के साथ आजीवन पेंशन की व्यवस्था की जाए।

6) आंगनवाड़ी कार्यकत्री के मुख्य सेविका के पद पर चयन/पदोन्नति एवं आंगनवाड़ी सहायिका से कार्यकत्री पद पर पदोन्नति में 50वर्ष आयु सीमा की वैधता समाप्त किया जाए।

आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने केंद्र एवं प्रदेश सरकार से विनम्र निवेदन किया है कि उपरोक्त विषयांक्ति एवं वर्णित मांगों के संबंध में आवश्यक आदेश/शासनादेश निर्गत करने की कृपा करे।

इस अवसर पर सरिता सिंह संयोजक प्रभावती सहसंयोजक गीता पांडे प्रदेश अध्यक्ष अंजनी मोरिया प्रदेश अध्यक्ष हिंदू वर्मा कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष समा जमीर प्रदेश अध्यक्ष उर्मिला मिश्रा प्रदेश अध्यक्ष राजेश्वरी राठी प्रदेश अध्यक्ष तथा क्या समस्त आंगनबाड़ी कार्यकत्री उपस्थित रहे।

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