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‘‘आजादी का अमृत महोत्सव‘‘ के अन्तर्गत तिरंगा का अंगीकरण दिवस मनाया गया

दिनाँक 22 जुलाई 2022

‘‘आजादी का अमृत महोत्सव‘‘ के अन्तर्गत तिरंगा का अंगीकरण दिवस मनाया गया

गुरू गोरखनाथ विद्यापीठ,भरोहिया पीपीगंज में आजादी के 75 वें वर्षगांठ के उपलक्ष्य आज दिनांक 22 जुलाई 2022 को तिरंगा का अंगीकरण दिवस मनाया गया। प्रातः कालीन प्रार्थना सभा के उपरान्त उपस्थित छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए अंशुमाली वर्मा ने भारतीय ध्वज के वर्तमान स्वरूप तक की यात्रा से अवगत कराया।
उन्होने बताया कि भारत का प्रथम ध्वज सन 1904 में बनाया गया था। इसे युग पुरुष स्वामी विवेकानंद की शिष्या ने बनाया था। इसमें लाल, पीला और सफेद रंग का उपयोग किया था, लाल रंग स्वतंत्रता का प्रतीक माना गया और पीला रंग जीत के लिए और सफेद रंग स्वच्छता और सादगी को दर्शाता था, इसमें बीच में एक वज्र का निशान था, यह चिन्ह बौद्ध धर्म से लिया गया था। इस चिन्ह के दोनों ओर बंगाली भाषा में वन्देमातरम् लिखा था और ध्वज के चारो और एक रेखा में 101 प्रजलित दीपक बने थे। कलकत्ता में स्थित पारसी बागान चैक में यह राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त 1906 को फहराया गया था।

महात्मा गाँधी ने ध्वज को बनाने के लिए आंध्र प्रदेश के एक युवक जिसका नाम पिंगली वैकैया को बुलाया और उन्हें यह काम सौपा उन्हें एक ऐसा ध्वज बनाने के लिए कहा जिसमे पुरे देश का चित्रण दिखाई दे इस युवक ने पांच साल में 50 देशो के झंडो का अध्ययन कर के 1921 में एक झंडा बनाया जिसमे दो रंग थे एक लाल और एक हरा, दोनों पट्टियों में मध्य में एक चरखे का चित्र बनाया गया था इसमें लाल रंग हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व करता था और हरा मुस्लिम धर्म के लिए रखा गया था। गाँधी जी के अनुसार इसमे केवल हिन्दू मुस्लिम धर्म के दर्शन हो रहें थे अन्य धर्म का कोई अस्तित्व दिखाई नही दिया, इसलिए उन्होने इसमें एक सफेद पट्टी और नीला चक्र इसमे जुड़वाया, यह सफेद रंग अन्य धर्मों का और चक्र प्रगति का सूचक है।
इस प्रकार साल 1931 में इतने बदलाव के बाद हमारे तिरंगे को मूर्तरूप मिला, और इस प्रकार इस राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण का सफर तय हुआ।

भारत देश की स्वतंत्रता के ठीक 22 दिवस पूर्व 22 जुलाई 1947 के दिन संविधान सभा की एक बैठक रखी गई, यह बैठक राजेद्र प्रसाद जी के नेतृत्व में रखी गई थी , इस बैठक में तिरंगे को भारत देश के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में पहचान दी गई अर्थात राष्ट्रीय ध्वज घोषित किया गया था।

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