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आपदा काल को कई फर्जी ग्रुप्स और वेबसाइट्स ने अवसर बना लिया है। कोरोना काल में लोगों को उनके पसंद का रिश्ता दिलाने के नाम पर लोगों के साथ की जा रही ठगी

ब्रेकिंग अपडेट-08-09-020

आपदा काल को कई फर्जी ग्रुप्स और वेबसाइट्स ने अवसर बना लिया है। कोरोना काल में लोगों को उनके पसंद का रिश्ता दिलाने के नाम पर लोगों के साथ की जा रही ठगी

कोरोना वायरस महामारी के कारण जहां ज्यादातर उद्योग और व्यापार पर भारी नुकसान का सामना कर रहे हैं वहीं, मेट्रीमोनियल साइट और ग्रुप्स की कमाई पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है।

यह कहना गलत नहीं होगा कि महामारी के इस दौर में इनकी मांग और भी बढ़ गई है। दरअसल कोविड-19 के कारण लोग मिलने के बजाए वर्चुअल मीडियम का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके चलते मेट्रीमोनियल साइट का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। लेकिन इस आपदा काल को कई फर्जी ग्रुप्स और वेबसाइट्स ने अवसर बना लिया है। कोरोना काल में लोगों को उनके पसंद का रिश्ता दिलाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी की जा रही है। ऐसे में कहीं आप भी इन फर्जी ठगों का शिकार न हो जाए इसलिए आपको यह खबर पूरी पढ़नी चाहिए।

रिपोर्ट के मुताबिक गुरुग्राम की रहने वाली ममता अग्रवाल अपनी बेटी के लिए रिश्ते की तलाश कर रही थीं। इस दौरान एक दिन उन्हें गौरी नाम की एक लड़की का फोन आया। खुद को मेट्रीमोनियल ग्रप का हिस्सा बताने वाली गौरी ने ममता को उनकी बेटी के लिए Whatsapp पर कई लड़कों के फोटोज भेजे। ममता को कुछ लड़के पसंद भी आए। इसके बाद जब ममता ने गौरी से लड़कों से बात कराने के लिए कहा तो गौरी ने उनसे पैसे की मांग की। ममता ने कहा कि एक बार वो लड़कों से कॉन्फ्रेंस कॉल पर बात करा दे फिर वो पेमेंट कर देंगी, लेकिन गौरी ने मना कर दिया। इसके बाद जैसी ही ममता ने 3,500 रुपये का भुगतान किया लड़की ने उनका फोन उठाना बंद कर दिया।

दिल्ली की रहने वाली प्रिया गुप्ता ने बताया कि उन्हें पिछले काफी समय से फर्जी मेट्रीमोनियल ग्रुप्स की तरफ से फोन आ रहे थे। इन ग्रुप्स की तरफ से उन्हें लड़कों की फेसबुक प्रोफाइल दिखाई गई। इन ग्रुप्स ने लड़कों के परिवार से बात कराने के लिए उनसे पैसों की मांग की। प्रिया ने जब पेमेंट कर दिया तो मेट्रीमोनियल ग्रुप की तरफ से नंबर दिए गए, लेकिन बाद में ये सभी नंबर फर्जी निकले।

कमल शर्मा नाम के व्यक्ति ने बताया कि उन्हें फेसबुक पर एक लड़के का पोस्ट दिखाई दिया, जिसमें लिखा था कि लड़का 18 से 20 लाख रुपया साल का कमाता है और एक अच्छी लड़की की तलाश में है। कमल शर्मा भी उस पोस्ट के झांसे में आ गए और नीचे कमेंट में अपने बेटी का प्रोफाइल भेजने के लिए तैयार हो गए, लेकिन जब उनकी बेटी को इसका पता चला तो उसने लड़के की प्रोफाइल चेक करने के लिए कहा, जिसके बाद शर्मा हैरान रह गए। लड़के की प्रोफाइल पिक्चर के अलावा उस अकाउंट में एक भी फोटो नहीं थी। ऐसे ही फर्जी अकाउंट बना कर यह फर्जी ग्रुप्स लड़कियों के प्रोफाइल का पता लगाते हैं, जिसका इस्तेमाल वो लोगों को झांसा देने के लिए करते हैं।

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट मुकेश चौधरी ने बताया कि ऐसे केस को ‘एडवांस फी फ्रॉड’ कहा जाता है। यानी जहां लोगों से वादे कर के पैसे लिए जाते हैं, लेकिन पेेमेंट होने के बाद उन्हें पूरा नहीं किया जाता। यह गैरकानूनी काम है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोगों को भावनाओं में आकर नहीं बहना चाहिए। पहले उन्हें मेट्रीमोनियल ग्रुप्स या वेबसाइट का अच्छे से पता लगा लेना चाहिए। इसके अलावा बिना किसी भी ठोस आधार के पैसों का भुगतान नहीं करना चाहिए। इसके अलावा यह भी पता लगा लेना चाहिए कि इन मेट्रीमोनियल ग्रुप्स या वेबसाइट्स की तरफ से जो प्रोफाइल दिखाए जा रहे हैं, कहीं वो फर्जी तो नहीं हैं।

(लखनऊ से न्यूज़ 17 इंडिया संपादक राजन द्विवेदी की रिपोर्ट)

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