लखनऊ/दिनाँक 02 अगस्त 2023
इतिहास गवाह है कि जब भी कोई हारा/अपनो ने ही गद्दारी किया…डॉ संजय निषाद
डॉ संजय निषाद ने बताया कि “घर का भेदी लंका ढाए” इतिहास गवाह है कि जब भी कोई हर है तो अपनो ने ही गद्दारी की है, चाहे प्राचीन काल के रामायण को देखें या मध्य कालीन भारत के युद्धों को विभीषण और जयचंद जैसे लोग कालांतर में भी थे और आज भी हैं। डॉ निषाद ने बताया कि दुनिया जानती है कि जयचंद और मानसिंह जैसे गद्दारों की वजह से आज देश को कितने गंभीर परिणाम भुगतने पड़े हैं,,मगर इन जयचंद और मानसिंह का सिलसिला आज भी हर स्तर पर बरकरार है। चाहे वह देश के संबंध में हो या किसी धर्म के संबंध में हो या किसी जात के संदर्भ में हो।
डॉ संजय निषाद ने बताया कि
ऐसे ही कुछ जयचंद और मानसिंह आज निषाद समुदाय में पैदा हो गए हैं,जो निषाद समाज की जड़ काटने में लगे हुए हैं, मगर पता नहीं क्यों यह अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखते हैं कि जयचंद और मानसिंह जैसे लोगों का क्या परिणाम हुआ था। आज गद्दारों की जब सूची बनाई जाती है तो सबसे पहले इन्हीं लोगों का नाम आता है और तमाम उदाहरण इनके नाम को लेकर दिए जाते हैं। ऐसे ही कुछ जयचंद लोगों का नाम भविष्य में निषाद समुदाय के लिष्ट में गद्दारों में लिया जाएगा जो आज निषाद बिरादरी को अपने वर्चस्व तक पहुंचाने में लगने वाली निषाद पार्टी के साथ धोखा कर रहे हैं । कुछ लोग व्यक्तिगत लाभ लेकर दूसरों के तलवे चाटने वाले दूसरा कोई नहीं/कोई जयचंद हो सकता है अपना कुछ भला कर लें मगर निषाद समुदाय के साथ किए गए धोखे को इतिहास याद रखेगा। इसके लिए निषाद समाज इनको माफ नहीं करेगा। इसीलिए साथियों ऐसे जयचंदों को आगामी लोकसभा 2024 में सबक सिखाने की जरूरत है, मतदाता का सबसे बड़ा हथियार उसका वोट होता है, और निषाद बिरादरी को ऐसे जयचंदो के खिलाफ अपने हथियार का प्रयोग करना ही सही न्याय समझती है। उन्होंने कहा कि हमारा देश 1947 में आजाद हुआ था। मछुआरों का गौरवशाली इतिहास रहा है। संविधान 1950 में बना, पहला चुनाव 1952 में हुआ, हमारे पुरखे क्रिमिनल ट्राइब एक्ट काला कानून से प्रभावित थे, पहला चुनाव हमारे पुरखों को जेल में बंद करके कराया गया था।
डॉ संजय निषाद ने बताया कि
31 अगस्त 1952 को आजाद हुए संविधान सभा में डॉ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने लेदरमैन, वासरमैन, फिशरमैन, क्राफ्ट्समैन के सभी पर्यायवाची जातियों क्रो चमार धोबी मझवार और शिल्पकार के आरक्षण की सुविधा संविधान में सूचीबद्ध है। चमार भाइयों ने 35 साल लगातार संघर्ष कर एक नेता एक नारा एक झंडा को बुलंद किया। बहुजन समाज पार्टी भारतीय जनता पार्टी से मिलकर सरकार बनाई तब जाकर आरक्षण पाए।साथियों एससी/एसटी भाइयों से सीखना होगा। गुस्सा नेता पर नहीं आरक्षण पर रुकावट पैदा करने वाली पार्टियों को सत्ता से बेदखल कर उखाड़ फेंकना होगा। आरक्षण के विसंगतियों को जानना होगा जिस रास्ते पर चलकर लेदरमैन के लोगों ने अपनी संख्या से 100 गुना ज्यादा आरक्षण पर कब्जा किया। उन्होंने कहा कि इन सब लोगों ने पहले वोट पर कब्जा किया,फिर सत्ता पर कब्जा किया, उसके बाद आरक्षण पर कब्जा कर नोट/नौकरी पर कब्जा करके दिखाया।
डॉ संजय कुमार निषाद ने निषाद पार्टी बनाया आपके हक हिस्से पर कब्जा करने वाले पार्टियों को सत्ता से हटाया। यह सभी पार्टियां आपको रसगुल्ले में मीठा जहर मिलाकर मारने की कोशिश कर रहे हैं सावधान रहे सपा बसपा कांग्रेस के द्वारा किये गए विश्वासघात को न भूलें।
डॉ संजय निषाद ने कहा कि
समाज में पल रहे आस्तीन के सांप और विभीषण को पहचाने अपने आने वाली पीढ़ी की बेहतर भविष्य का निर्माण करें।
डॉ संजय निषाद ने कहा कि इसके लिए आप सभी से निवेदन है कि ज्ञान, ध्यान, धैर्य, के साथ निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल का झंडा उठाएं। राजनीतिक रूप से एक रहे 18% आबादी को सामाजिक ऊर्जा को राजनीतिक ऊर्जा में बदलने वाले निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं की बात सुने।हमने 13 किताबें लिखी हैं।
आरक्षण के हकदार सबसे पहले यह लोग निषाद वंश निषादों का इतिहास महाराजाधिराज निषाद भारत का असली मालिक कौन पुस्तक पढ़ें समझें और समझाएं और जय निषाद राज का नारा लगाएं। मछुआ एस.सी. आरक्षण सहित निषाद पार्टी के 9 साल बेमिसाल! सबको जोड़ो अभियान!
1- मछुआरो के गौरवशाली इतिहास श्रीराम चन्द्रजी के आत्म बाल सखा महाराजा गुह्यराज निषाद का किला श्रृग्वेरपुरधाम को पर्यटक स्थल घोषित करवाना,
2– बीते 9 सालों से लगातार किले पर लाखों की भीड़ के साथ जन्मोंत्सव मनवाना, हजारो करोड़ रुपये से किले को भव्य स्वरूप देकर विकसित कराना,
3- 20 करोड़ 38 लाख से निषाद राज आडिटोरियम से मान, सम्मान, स्वाभिमान बढ़ाना।
4- 7जून 2015 में गुंजी थी राजनीतिक-आर्थिक हिस्सेदारी की आवाज जब एकजुट हुआ था मछुआ समाज, कसरबल आरक्षण आन्दोलन।
5- निवर्तमान सपा सरकार के गोली का शिकार अखिलेश के सपने को करना है साकार।
6– प्रधानमंत्री गृहमंत्री तथा मुख्यमंत्री को महुआ एस. सी. आरक्षण का 18/01/2022 RGI के पत्र को जल्द से जल्द लागू कराने की मांग।
7- निषाद समाज की सभी उपजातियों का मझवार आरक्षण के रूप में पहचान दिलवाना
8- मुद्दे को शीर्ष नेतृत्व प्रधानमंत्राी और गृहमंत्री तक पहुंचाना।
9- आरक्षण के मुद्दे को लेकर रेल रोको आंदोलन, मुख्यमंत्राी आवास घेराव, दिल्ली जंतर मंतर प्रदर्शन कर देश के सामने अपने मुद्दों को लाना।
10– 2017 में निषाद पार्टी का एक विधायक 01 विधानसभा में पहुंचाना।
11- निषाद पार्टी ने 2019 में सपा – बसपा के गठजोड़ का तोड़ निषाद पार्टी के 18 प्रतिशत वोट द्वारा बी.जे.पी. को जीत दिलाकर सभी राजनैतिक दलों को ताकत का एहसास कराना।
12- 2022 में निषाद पार्टी के
11 विधायकों को विधान में पहुंचाना व निषाद पार्टी के कोटे से राष्ट्रीय अध्यक्ष को विधान परिषद सदस्य तथा कैबिनेट मंत्री बनाकर दोनों सदनों में समाज के मृद्दे को उठाकर समस्याओं के समाधान कराने लायक बनाना।
13- प्रयागराज के पावन धरती पर प्रधानमंत्राी मोदी के मुखार बिन्दु से बार-बार जय निषाद राज का उदघोष कराना।
14- निषाद पार्टी के संघर्ष का परिणाम है कि प्रधानमंत्राी मत्स्य संपदा योजना, मुख्यमंत्राी मत्स्य संपदा योजना, निषाद राज वोट योजना, मछुआ कल्याण कोष से गरीबों को आवास, चिकित्सा, शिक्षा, शादी एवं बरात घर आदि योजनाएं प्रमुख हैं।
15- महाराजा गुह्यराज निषाद के वंशज पाॅलिटिकल गाॅडफादर आफ फिशरमैन राष्ट्रीय अध्यक्ष निषाद पार्टी महामना डा. संजय कुमार निषाद सोई हुई कौम मछुआरो को जगाने वाले, राजनैतिक चेतना पैदा करने वाले, अल्प समय में संघर्षों के बल पर कम साधन – संसाधन में मछुआ समुदाय और निषाद पार्टी को क्षितिज पर लाने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार सभी जिलों में चलाया जा रहा है।
मछुआ एस.सी.आरक्षण सहित निषाद पार्टी के 9 साल बेमिसाल के महाजनसंपर्क अभियान में आप सभी अपने साथियों, सगे-सम्बन्धियों सहित सादर आमंत्रित हैं।
जय निषाद राज…
महामना डा संजय कुमार निषाद !!