इस बार नागपंचमी श्रावण मास की 25 जुलाई शनिवार को मनाई जाएगी। नाग पंचमी पूजा का मुहूर्त सुबह 5.38 से 8.22 तक है।
नागपंचमी पर वासुकि नाग, तक्षक नाग और शेषनाग की पूजा का विधान है।
इस बार नागपंचमी श्रावण मास के शनिवार (25 जुलाई) को मनाई जा रही है। नाग पंचमी पूजा का मुहूर्त सुबह 5.38 से 8.22 तक है। इसकी अवधि 2 घंटे 43 मिनट है। इस दिन नागों की पूजा प्रधान रूप से की जाती है।
बता दें कि नाग को जहां भगवान शिव के गले के हार कहा जाता है। तो वहीं भगवान विष्णु की शैय्या भी यही है।
गरुड़ पुराण के अनुसार सांप के काटे से हुई मृत्यु ठीक नहीं मानी जाती। अधोगति की प्राप्ति होती है।
मान्यता है कि अगर नाग पंचमी के दिन किसी को नागों के दर्शन होते हैं तो उसे बेहद शुभ माना जाता है। मन को शिव के प्रति समर्पण के उद्देश्य से भी नाग पंचमी पर सांप को दूध पिलाया जाता है।
नाग (सांप) को शिव का सेवक भी कहा जाता है।
महादेव का है आभूषण
श्री विष्णु का है शेषनाग सिंहासन
अपने फन पर जिसने पृथ्वी उठाई
ऐसे नाग देवता को मेरा वंदन।
नाग पंचमी की शुभकामनाएं