सिद्धार्थनगर-25-09-020
एकात्म मानववाद दर्शन के प्रणेता, राष्ट्रवादी राजनेता, प्रखर विचारक, हमारे पथ प्रेरक थे श्रद्धेय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी
सिद्धार्थनगर- एकात्मवाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय समाज के सबसे तेजस्वी, तपस्वी और यशस्वी चिंतक रहे हैं। उनके चिंतन के मूल में लोकमंगल एवं राष्ट्र का कल्याण समाहित है। उन्होंने राष्ट्र को धर्म अध्यात्म और संस्कृति का सनातन पुंज बताया। आज हमारा कर्तव्य है कि उनके आदर्शों को जीवन में समावेश करते हुए राष्ट्र को विकास की ओर अग्रसर करें एवं सरकार के नारे सबका साथ सबका विकास को सार्थक करें राष्ट्रीय एकता तथा सामाजिक समरसता बनाए रखें।
उक्त विचार जिला एकीकरण समिति सिद्धार्थनगर के तत्वाधान में एकात्म वाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर जनपद वासियों को एक संदेश के माध्यम से श्री पुलकित गर्ग मुख्य विकास अधिकारी सिद्धार्थनगर ने व्यक्त किया।
उक्त क्रम में जिला सूचना कार्यालय में जिला एकीकरण समिति के तत्वाधान में एकात्म वाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती अवसर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए विमलेश कुमार सहायक सूचना अधिकारी सिद्धार्थ नगर व संतोष श्रीवास्तव अध्यक्ष सिद्धार्थ प्रेस क्लब सिद्धार्थ नगर व सिद्धार्थ शंकर जिलासह समन्वयक ने माल्यार्पण कर नमन किया।
सहायक सूचना अधिकारी ने उक्त अवसर पर कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामाजिक समरसता के संवाहक थे।
सिद्धार्थ प्रेस क्लब के अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि आर्थिक योजनाओं तथा आर्थिक प्रगति का माप समाज के ऊपर की सीढ़ी पर पहुंचे हुए व्यक्ति नहीं बल्कि नीचे के अवसर पर विद्यमान व्यक्ति से होगा। उक्त अवसर पर एडवोकेट जयशंकर प्रसाद, सुशील मिश्र, संजय तिवारी, इरशाद अहमद, ज्ञानेंद्र त्रिपाठी, विनय सिंह, नवेनद्र शुक्ला, दयाराम लव-कुश आदि उपस्थित रहे।
(न्यूज़ 17 इंडिया एडिटर इन चीफ विजयकुमारमिश्र)