इटावा,औरैया/ 03 दिसंबर 2024
कौशल किशोर पांडे ने अपने जीवन में अपनी लगन व दृढ़ इच्छाशक्ति से समाज में बनाई अपनी एक नई पहचान
कौशल किशोर पांडे ने अपने जीवन में अपनी लगन व दृढ़ इच्छाशक्ति से कई सामाजिक संगठनों में अपनी पहचान बनाई है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव ऊंचा में हुआ था। उन्होंने बचपन से बढ़ती उम्र व संसाधन के अभाव में जीवन यापन किया है। फिर भी बचपन से ही देश सेवा के साथ सामाजिक सेवा में उनकी काफी रुचि थी।उन्होंने बताया की हमारी शुरू से भावना थी कि हम समाज व देश के लिए कुछ अच्छा करें।उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा दीक्षा गांव में ही ग्रहण किया था। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत व लगन से पोस्ट ग्रेजुएट किया था।कौशल पांडे की जिंदगी के लंबे सफर के पड़ाव में काफी उतार चढ़ाव आने के बाद वह कभी अपने रास्ते से विचलित नहीं हुए।कौशल किशोर पांडे ने अपने जीवन में कड़ी मेहनत व लगन से समाज सेवा में जो मुकाम हासिल किया है उसको देखते हुए खासकर युवा वर्ग के लोग उनसे काफी प्रभावित हैं।
कौशल किशोर पांडे की उम्र इस समय 68वर्ष है।उनका जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के एक छोटे से गांव ऊंचा में हुआ था,उन्होंने राजनीति शास्त्र से एम0ए0 किया,पढ़ाई पूरी करके उन्होंने प्रण किया और समाज सेवा का संकल्प लिया और समाज सेवा को ही अपने जीवन में उतार लिया।इसीलिए उन्होंने जीवन भर अविवाहित रहने का संकल्प लिया। आज भी 68वर्ष होने के बाद भी समाज सेवा में उम्र आड़े नहीं आया। उन्होंने बताया कि पहले अपने परिवार के साथ एक झोपड़ी में जीवन यापन करते थे। जीवन में संसाधन की तमाम कमियों के बावजूद सामाजिक सेवा में कोई कमी नहीं आई है। कौशल किशोर पांडे 22 जुलाई 1957 को अजीमतल ब्लॉक में सेंगर नदी के किनारे टीले पर बसा ऊंचा में हुआ था। उन्होंने जिला विज्ञान क्लब के कोऑर्डिनेटर पद पर काम किया है अब पद पर नहीं है। उन्होंने लगभग 24 वर्ष काम किया है जिला विज्ञान क्लब के जिला समन्वयक इटावा औरैया पद पर काम किया है।उनके पिता रामसेवक के तीन पुत्रों में सबसे बड़े कौशल किशोर पांडे थे। कैशल किशोर पांडे ने बाल्यकाल में अपने ताऊ स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी स्व: राम गोविंद पांडे को अपना आदर्श माना. उनके ताऊ ने देश की आजादी की लड़ाई में सत्य नारायण दूबे, गेंदालाल दीक्षित, कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया के साथ अंग्रेजो एवम सामंतवादी लोगों के साथ मोर्चा लिया था। उनकी ही प्रेरणा से उनके अंदर समाज सेवा करने की भावना जगी। उनके पिता रामसेवक के तीन पुत्रों में सबसे बड़े कौशल किशोर पांडे थे। उन्होंने बाल्यकाल में अपने ताऊ स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी स्व: राम गोविंद पांडे को अपना आदर्श माना।
कौशल किशोर पांडे शुरू से अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से 1975 में ग्राम पंचायत ऊंचा के मंगल दल के अध्यक्ष पद पर चुने गये। वह इटावा/औरैया के मंगल दल के उपाध्यक्ष रहे पूर्व प्रधानमंत्री स्व: राजीव गांधी के नेतृत्व में तालकटोरा स्टेडियम नई दिल्ली में अखिल भारतीय युवक मंगल दल के उपाध्यक्ष चुने गए।युवक मंगल दल के इटावा औरैया के जिला अध्यक्ष रहे हैं और उत्तर प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे हैं,और मंडल युवा कल्याण परिषद इलाहाबाद मंडल के भी उपाध्यक्ष रहे हैं प्रोजेक्ट यूथ काउंसिल अजीतमल के सेक्रेटरी रहे हैं। उन्होंने ऊंचा बहादुरपुर में 500 आदिवासी समुदाय को भिक्षा वृत्ति से मुक्ति दिलाते हुए स्वालंबन की राह दिखलाने का कार्य किया,तथा सामाजिक कुरुतियो को दूर करने एवं ऊंच नीच के सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने के लिए पूरे प्रदेश का भ्रमण किया। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत परिषद के माध्यम से समूचे प्रदेश में एक नई रोशनी जगाई,कौशल किशोर पांडे नागरिक परिषद में शासन के तरफ से ऑनरेरी सचिव भी रहे। कौशल किशोर पांडे आज भी विज्ञान क्लब के माध्यम से समाज में कोढ़ की तरह फैली कुरूतियो को वैज्ञानिक जागरूकता के माध्यम से निरंतर दूर करने का प्रयाश कर रहे हैं।
कौशल किशोर पांडे आज अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण
आज वह राष्ट्रीय गौरक्षक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उन्हें अभी हाल में हिंदू वाहिनी संगठन का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। वह केंद्र व प्रदेश सरकार को ग्राम पंचायतो में सर्वांगीण विकास के लिए समय समय पर पत्र व्यवहार के माध्यम से उनका ध्यान आकृष्ट कराते रहते हैं। ग्राम पंचायत के लिए बहुत काम किया तमाम से शासनादेश कराई मानदेय वृद्धि अधिकार वृद्धि और अन्य कार्यों पर बहुत काम किया। वह तमाम समाचार पत्रों, ईमेल व सोशल मीडिया के माध्यम से बदलाव के लिए अपना सुझाव देते रहते हैं। उन्होंने प्रधान संगठन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहते हुए अनेकों सुझाव दिए जिसे प्रदेश सरकार ने संज्ञान लिया और उस कार्य पर इम्लीमेंट भी किया।
कौशल किशोर पांडे ने गांवो के तालबों को अमृत सरोवर का रूप देना,हर घर को शुद्ध पेय जल उपलब्ध करवाना,पंचायत सहायक पद का अलग से सृजन करना।पंचायत भवन से ही गांव की सरकार का मॉनिटरिंग करना,जिसमे ही सेक्रेटरी,पंचायत सहायक, लेखपाल बैठकर सरकार की तमाम योजनाओं का धरातल पर क्रियान्वयन करना, आदि तमाम योजनाओं को सरकार के संज्ञान में लाना जिससे गांव का शहर की तरह समुचित विकास हो। उन्होंने भारत सरकार के प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री,पंचायती राज मंत्री के अलावा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री व प्रमुख सचिव,पंचायती राज मंत्री एवं सचिव को पत्र लिखकर ग्राम पंचायतों के चहुंमुखी विकास के लिए पत्र देकर सुझाव दिया। सरकार ने उसको संज्ञान में भी लिया।उनके इसी कार्यों को देखते हुए उन्हें राष्ट्रीय पंचायती राज का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।
कौशल किशोर पांडे ने गांव के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार के द्वारा तमाम जनकल्याणकारी एवं लाभकारी योजनाओं का लाभ सीधा दबे कुचले पात्र लाभार्थियों को बिना किसी बिचौलिए के मिले हमेशा प्रयास किया। जिससे गांव में भी शहरों की तरह सकारात्मक विकास दिखाई दे।क्योंकि आजादी के इतने साल बाद आज भी हमारे देश की 70 से 80% आबादी गांव में ही रहती है।जितना विकास होना चाहिए था वह आज भी नहीं हो पाया है। किसी भी राष्ट्र का निर्माण तभी होगा जब गांव का विकास होगा।
कौशल किशोर पांडे
प्रदेश अध्यक्ष
राष्ट्रीय पंचायती राज
ग्राम प्रधान संगठन
(उत्तरप्रदेश)