सिद्धार्थनगर – 03 अगस्त 2024
ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक की मेहरबानी से…मुर्दे भी कर रहे है मनरेगा में मजदूरी
खुनियांव ब्लॉक के ग्राम मैनहवा में 03साल पहले मर चुके व्यक्ति के खाते में भेजा गया मनरेगा मजदूरी का पैसा
जनपद सिद्धार्थनगर के विकास खंड खुनियांव के ग्राम मैनहवा में मनरेगा योजना को लेकर चौकाने वाला अनोखा प्रकरण संज्ञान में आया है,जगमोहन 2020 में मर गए हैं, मरे हुए व्यक्ति को मनरेगा में कार्यरत दिखा कर मनरेगा मजदूरी का पैसा भेज दिया गया है। मजदूरों के सापेक्ष अधिक हाजिरी लगाकर बिना काम कराए भुगतान के साथ मृतक से भी कराया जा रहा कार्य और किया जा रहा है भुगतान।
आपको बता दें कि केंद्र व प्रदेश सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना केवल कागज में दिखाने के लिए शो- पीस बन कर रह गया है। 03साल पहले 2020 में जगमोहन मर गया है,वह मृतक व्यक्ति मनरेगा योजना में अभी भी मजदूरी कर रहा है। रोजगार सेवक मृतक मजदूर की हाजरी लगाते रहे. वर्ष 2020 मर चुके जगमोहन के खाते में मनरेगा मजदूरी में भुगतान का पैसा भी खटा खट भेज दिया गया। केंद्र व प्रदेश सरकार मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार रोकने के आधुनिक तकनीक उपयोग कर ले!!लेकिन सरकार के तमाम प्रयास विफल हो जा रहे हैं,सरकार के योजनाओं को विफल करने के लिए हर ताले की मास्टर चावी भ्रष्ट मास्टर माइंड के पास में है।
आपको बता दें कि जब इसकी जानकारी मीडिया को हुई तो मृतक जगमोहन के घर पर हकीकत जानने के लिए गए, वहां जाने पर उनके परिजनों ने बताया कि हमारे परिवार तीन साल पहले मर गए हैं। पैसा कौन भेजता है और निकलता है हमें नहीं मालूम है। मृतक के खाते में 14दिन मनरेगा मजदूरी करने का डिमांड है। मृतक ने 26,06,2024 से 08,07,2024 के मध्य कुल 09 दिनों की मजदूरी आई है। मृतक के घर जब रोजगार सेवक पासबुक मांगने पहुंची तो मृतक के परिजनों द्वारा पासबुक न देने पर परिजनो ने आरोप लगाया कि रोजगार सेवक ने हम लोग धमकी दी कि देख लेंगे, मनरेगा योजना में मुर्दों से काम कराने का मामला प्रकाश में आया है। खुनियांव ब्लॉक के मैनहवा गांव का है पूरा मामला।
सीडीओ सिद्धार्थनगर से जब इस बारे में पूंछा गया तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, डीसी मनरेगा को जांच करने के लिए कहा है रिपोर्ट आते ही जो भी सच्चाई होगी त्वरित संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
वैसे भी अगर जनपद में सही तरीके से सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना की गहनता से जांच की जाए तो जिले में मनरेगा के और भी इस तरह के बड़े प्रकरण का खुलासा हो सकता है। अगर इसी तरह हर ब्लॉक का सही तरीके से हर ग्राम पंचायत के द्वारा कराए गए कार्य स्थल का जांच कर लिया जाए तो इस तरह के और बड़े कारनामे प्रकाश में आयेंगे,सूत्रों के मुताबिक पूरे उत्तर प्रदेश में मनरेगा का कार्य सिद्धार्थनगर में हुआ है।