ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने गौवंश के संरक्षण हेतु 13 विन्दुओं का मुख्यमंत्री को संबोधित लिखा पत्र…
राष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर पाण्डेय ने निराश्रित गौवंश को आसरा देने हेतु तथा गौवंश को संरक्षण तथा निम्न विन्दुओं पर कदम उठाने हेतु 13 विन्दुओं का ज्ञापन मुख्यमंत्री उ0प्रदेश को लिखा पत्र..
प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर पाण्डेय ने विनम्रतापूर्वक आग्रह किया है कि प्रदेश की समृद्धि तथा नौनिहालों को सिंथेटिक दूध जैसे मिलावटी जहर से बचाने हेतु निराश्रित पशुओं को आसरा देने हेतु गौमाता के संरक्षण,संवर्धन के लिए निम्न कदम उठाने की कृपा करें।
1) मुख्य सचिव उ0प्रदेश के पत्र संख्या-4324/सैंतीस-2-2018-5 (53) 2018 दिनाँक 02 जनवरी 2019 के “10पृष्ठीय पत्र का अक्षरशः पालन” ब्लॉक ,तहसील,जनपद तथा मण्डल स्तर पर सख्ती से मुख्य सचिव उ0प्रदेश सरकार के पर्यवेक्षण में कराने की कृपा करें….
2) यदि समस्त गौशालाओं में गौमाता का मात्र ढाई साल तक अच्छे से पेट भरकर उनका भरण पोषण किया जाए तो वह थोड़े समय मे जब दूध देना शुरू कर देंगी,और वह अपना व अपने बछड़े का भरण पोषण का खर्चा स्वयं उनके होने वाले दूध से निकलता रहेगा,उस दूध की आमदनी से गौशालाओं को भी आत्मनिर्भर बना देंगी। गौमाता के दूध से प्रदेश के नौनिहाल बच्चों को भी शुद्ध लाभकारी गाय का दूध उपलब्ध हो जाएगा,देश के नौनिहालों को नकली सिन्थेटिक दूध पीने से बच जाएंगे..जिससे सरकार का करोड़ों अरबों रुपया जो बच्चों की बीमारी पर खर्च होता वह बाख जाएगा। अतः आप से विनम्र अनुरोध है कि कृपा करके ढाई साल तक गौशालाओं में संरक्षित सभी गौमाताओं का अच्छे से पेट भरने के लिए भरण पोषण की व्यवस्था सुचारू रूप से करने की कृपा करें…
3) प्रदेश के समस्त चारागाहों, सरकारी जमीनों,तालाबों झीलों, पोखरों जल निकायों के सन 1952 के रकबे के अनुसार जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की कृपा करें,यह अतिक्रमण किसी भी रसूखदार के द्वारा क्यों न किया गया हो…कृपया संज्ञान में लेने की कृपा करें,तमाम तालाब जो अभिलेखों में है लेकिन मौके पर लापता है, तमाम तालाब थे जो भूलेख में किसी अन्य श्रेणी में दर्ज थे मौजूदा समय मे वह लापता है इन सभी तालाबों को 1952 वाला स्वरूप देने की कृपा करें…..
4) गौमाता के लिए हरे चारे के उत्पादन की व्यवस्था हर हाल में बढ़ाने की कृपा करें…..
5) खेती के फसल वाले अवशेष को किसी भी हाल में औद्योगिक उपयोग में न लिया जाए,उसको सिर्फ गौमाता के पशुचारे के लिए ही उपयोग में लिया जाए…
6) पूरे प्रदेश में “कंबाइन हार्वेस्टर” मशीन बिना “स्ट्रारीपर विथ बाइंडर” के न चलने दिया जाए..
7) पशुवल को बेहतर बनाने के लिए नई तकनीक विकसित करने की कृपा करें…
8) बैलों से खेती तथा बैलों से बोझा ढोने की प्रथा को युद्ध स्तर पर प्रोत्साहित करने की कृपा करें..
9) रासायनिक खादों के इस्तेमाल की उपलब्धता में कमीं लाकर इसका उपयोग न के बराबर किया जाए,ऑर्गेनिक तरीके से खेती करने पर ज्यादा जोर दिया जाए…जिससे रासायनिक खाद के इस्तेमाल से होने वाली बीमारियो से बच जाए….
10) प्रत्येक किसान के खेतों के मृदा परीक्षण कराया जाए, उसी के हिसाब से रासायनिक खाद का इस्तेमाल कम से कम हो,ताकि गोबर की देशी खाद से मिट्टी की उर्बरक शक्ति बनी रहे…
11) वर्मी कंपोस्ट, वर्मी कल्चर, गोबर की खाद, कंपोस्ट खाद , नीम की खली का खाद, सरसो की खली के खाद का इस्तेमाल युद्ध स्तर पर प्रयोग करने के लिए किसानों को चौपाल कार्यक्रम के द्वारा जागरूक किया जाए…
12) गौमूत्र का औषधीय प्रयोग के लिए जनजागरूकता अभियान चलाकर उपयोग में लाने के लिए विशेष पहल किया जाए…
13) पालतू पशुओं का दूध का उपयोग करने के बाद उसे लावारिस छोड़ देने वालों के ऊपर कठोरतम कार्यवाही व सश्रम कारावास सुनिश्चित किया जाए,इसको संगेय अपराध मन जाए…कृपया उपरोक्त 13विन्दुओं पर सक्रिय कार्यवाही की कृपा कर मुझे भी अवगत कराया जाए…
–कौशल किशोर पाण्डेय,प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय पंचायतराज ग्राम प्रधान संगठन उ0प्रदेश…