चंद्रग्रहण प्रारंभ- 26 मई, बुधवार को दोपहर 3:15 मिनट पर शुरू–चंद्रग्रहण समाप्त- 7:19 बजे पर समाप्त

इस साल का पहला चंद्रग्रहण वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को लगेगा जो कि 3 घंटे का होगा. यह तिथि 26 मई को पड़ रही है. इस चंद्र ग्रहण के दिन बुद्ध पूर्णिमा भी है. इस दिन चंद्रग्रहण के साथ-साथ बुद्ध पूर्णिमा का पर्व भी मनाया जाएगा. यह चंद्रग्रहण एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा परन्तु भारत में यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण के रूप में दिखाई देगा. हालांकि यह चंद्रग्रहण भारत में हर जगह से नहीं दिखाई देगा. आइये जानें चंद्रग्रहण का समय और सूतक,यह चंद्रग्रहण 26 मई, 2021 दिन बुधवार को वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगने जा रहा है. यह दोपहर में करीब 3.15 बजे शुरू होगा और शाम के समय 7 बजकर 19 मिनट तक जारी रहेगा.
चंद्रग्रहण प्रारंभ- 26 मई, बुधवार को दोपहर 3:15 मिनट पर शुरू
चंद्रग्रहण समाप्त- 7:19 बजे पर समाप्त
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. परन्तु यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है और भारत में यह दिखाई भी नहीं पड़ेगा. इसलिए इस चंद्रग्रहण का कोई सूतक काल नहीं होगा.
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें: स्वामी उमेशानन्द जी महाराज
चंद्र ग्रहण से पहले स्नान आदि अवश्य कर लें। चंद्र ग्रहण के समय अपने इष्ट देव या किसी भी भगवान की पूजा-अर्चना आप कर सकते हैं। चंद्र ग्रहण काल में घर में शांति बनाकर रखना लाभदायक होता है। चंद्र ग्रहण में दान करना बहुत फायदेमंद माना जाता है।
चंद्र ग्रहण के बाद घर को साफ करके गंगाजल का छिड़काव करना शुभ होता है। चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी खाने-पीने की चीज पर तुलसी का पत्ता अवश्य रख दें। चंद्र ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं अपने पास नारियल का गोला अवश्य रखे इन ग्रहों से होता है
चंद्र ग्रहण काल में क्या ना करें
चंद्र ग्रहण के दौरान शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है, इस काल में भगवान की मूर्ति को ना छुएं और किसी मंदिर के दर्शन करने ना जाएं। हो सके तो अपने घर के मंदिर के कपाट को बंद कर दें।
द्र ग्रहण काल में भोजन ना पकाना चाहिए और ना ही खाना चाहिए। इस दौरान घर में कलह ना करें और ना ही शारीरिक संबंध बनाएं। गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए।