जनपद सिद्धार्थनगर/दिनांक 26 जून 2024
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सि0नगर द्वारा महिला ट्रैफिकिंग के संबंध में विधिक साक्षरता शिविर का किया गया आयोजन
कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,सिद्धार्थनगर द्वारा आज दिनांक 26-06-2024 को उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के दिशा-निर्देश तथा प्रभारी जनपद एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिद्धार्थनगर के आदेश के क्रम में मनोज कुमार तिवारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिद्घार्थनगर द्वारा महिला ट्रैफिकिंग के संबंध में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर की जानकारी दिये जाने हेतु जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन बुद्घ बालिका महाविद्यालय गौतमपल्ली भीमापार सिद्घार्थनगर में किया गया। विशेष जागरूकता शिविर में महाविद्यालय की ओर से अर्जुन पाल एवं अरविन्द कुमार मिश्र तथा बुद्घ बालिका महाविद्यालय गौतमपल्ली भीमापार सिद्घार्थनगर की अनेकों छात्रायें उपस्थित रही।
मनोज कुमार तिवारी अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश/पूर्णकालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिद्घार्थनगर द्वारा मानव तस्करी तथा नशे के विरूद्घ विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन बुद्घ बालिका महाविद्यालय गौतमपल्ली भीमापार सिद्घार्थनगर मेें पढ़ने वाली छात्राओ के बीच किया गया। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्घारा भारत के संविधान अनुच्छेद 23 (1) में मानव या व्यक्तियों के अवैध व्यापार के प्रतिबंध संबंधी उपबन्ध, आपराधिक कानून (संसोधन) अधिनियम 2013 के तहत भारतीय दण्ड संहिता की धारा 370 में किये गये संसोधन व नयी जोड़ी गयी धारा 370 (क) तथा 14 नवम्बर 2012 से लागू किये गये बाल संरक्षण अधिनियम 2012 के विषय में विस्तार से बताते हुये यह बताया गया कि मानव तस्करी वर्तमान में सम्पूर्ण देश व समाज के लिये गंभीर खतरा है तथा इसके व्यापक प्रभाव न केवल क्षेत्रीय बल्कि राष्ट्रीय व अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर भी है तथा मानव तस्करी का लगभग एक तिहाई हिस्सा बच्चों की तस्करी से संबंधित है, जो कि अवैध शारीरिक शोषण, यौन शोषण, गुलामीदास्ता, कालीन, पटाखा, बीड़ी बनाने जैसी फैक्ट्रियों मेंं बेगारी कराये जाने अथवा जबरन अंगों को हटाये जाने हेतु व्यापक पैमाने पर गैंग बनाकर किया जाता है जिसके कारण कई मासूम बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाता है।
उक्त शिविर में सचिव द्घारा यह भी बताया गया कि महिला एवं बच्चों के तस्करी को रोकने के लिये बाल विवाह अधिनयम 2006, बन्धुआ प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम 1976, बालश्रम निषेध अधिनियम 1986 तथा मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 एवं वैश्यावृत के उददेश्य से लड़कियों की खरीद बिक्री को रोक लगाने हेतु भारतीय दण्ड संहिता की धारा 372 व 373 में विशेष प्रावधान दिया गया है तथा अवैध मानव तस्करी को रोकने के लिये अवैध तस्करी रोकथाम अधिनियम 1956 प्राविधानिक है। उपस्थित बालिकाओं को नशा एवं उसके दुष्प्रभाव व नशे के कारण परिवार, समाज तथा राष्ट्र को हाेने वाली क्षति के रूप में जागरूक करते हुये उन्हें नशे से दूर रहने की सलाह दी गयी व एन०डी०पी०एस० एक्ट के विभिन्न प्राविधानों के विषय में बताया गया। उक्त शिविर के दौरान शिविर में प्रतिभाग कर रही विभिन्न बालिकाओ के प्रश्नों का उत्तर दिया गया तथा आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक 13-07-2024 के विषय में जागरूकता फैलाते हुये पम्पलेटस व पर्चे बांटे गये।
उक्त शिविर में पैरालीगल वॉलिंटियर रमानाथ मिश्र भी उपस्थित रहें।
Sd/- 26-06-2024
( मनोज कुमार तिवारी )
अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश/पूर्णकालिक सचिव
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
सिद्धार्थनगर।