सिद्धार्थनगर 30 जनवरी 2025
डीएम ने कृषि विभाग द्वारा आयोजित गोष्ठी में कालानमक चावल की खेती एवं उत्पाद की मार्केटिंग के बारे में दी जानकारी
सिद्धार्थनगर महोत्सव 2025 के दूसरे दिन कृषि विभाग द्वारा आयोजित गोष्ठी जिलाधिकारी डॉ राजा गणपति आर की अध्यक्षता एवं जिलाध्यक्ष भाजपा कन्हैया पसवान, मुख्य विकास अधिकारी जयेंद्र कुमार एवं अन्य संबंधित की उपस्थिति में संपन्न हुआ,जिलाधिकारी ने कालानमक चावल की खेती और उत्पाद की मार्केटिंग के लिए सतत प्रयास हो रहे हैं। एक जनपद-एक उत्पाद के तहत विविध सफलताएं मिली हैं। इंडो-नेपाल बॉर्डर पर 123 वर्ष बाद 10 जलाशयों की खुदाई करने की योजना है। इसके बाद से एक तरफ जहां कालानमक की खेती के लिए सिंचाई को लेकर व्यवस्था बेहतर होगी, साथ ही पर्यटन क्षेत्र का एक बड़ा हब भी बनेगा। डीएम ने गुरुवार को बीएसए ग्राउंड में सिद्धार्थनगर महोत्सव के दूसरे दिन आयोजित कृषि गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
जिलाधिकारी ने कहा कि कालानमक को विदेशों में ब्लैक साल्ट कहते हैं, इसे सरल रूपांतर करते हुए बुद्धा राइस के रूप में बीते दिसंबर माह में प्रदेश स्तरीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन संपन्न हुआ। इसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा।उन्होंने कहा कि कालानमक चावल (बुद्धा राइस) के गुणवत्तायुक्त बीज की टेस्टिंग के लिए जिले में तीन करोड़ की लागत से सेंटर की स्थापना की जाएगी। इसके लिए जल्द ही शासन को प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। इसके साथ ही कालानमक बोर्ड के गठन को मजबूती देने के लिए ठोस एवं सकारात्मक प्रयास शुरू हो चुके हैं। डीएम ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में भी विकास की अपार संभावनाएं हैं, बशर्ते किसान खेती किसानों को वैज्ञानिक विधि एवं उन्नतिशील बीज का प्रयोग करें। सीडीओ जयेंद्र कुमार ने कहा कि जनपद कृषि प्रधान है। व्यवसाय दृष्टि से किसान नगदी फसलों की खेती करके आत्म निर्भर बन सकते हैं। किसान मेला कृषकों के खुशहाली एवं बेहतरी में मील का पत्थर साबित होगा।
भाजपा जिलाध्यक्ष कन्हैया पासवान ने कहा कि यहां के लोग अपनी सांस्कृतिक, विरासत, परंपरा व जनपद की स्थापना के प्रति सजग हैं। महोत्सव अब बहुआयामी हो गया है। सांसद प्रतिनिधि एसपी अग्रवाल ने कहा कि इस मिट्टी के गौरव एवं विरासत को याद करके गौरवशाली महसूस कर रहे हैं।
उपनिदेशक कृषि अरविंद कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि यदि किसान अपने खेती किसानी में तकनीकी ज्ञान का 50 फीसद भी प्रयोग कर ले तो वह उत्पादन बढ़ाकर स्वावलंबी बन सकते हैं। इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को कई अहम जानकारियां दी। आने वाले समय में निश्चय ही कृषक सफलता की ओर से आगे बढ़ने में सफल होंगे।
इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसके मिश्रा, भुवनेश्वर पांडेय, विवेक सिंह, विकास उपाध्याय, डॉ. मारकण्डेय, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. प्रवेश कुमार, डॉ. एसएन सिंह, डॉ. प्रवीन मिश्रा, रविशंकर पांडेय समेत श्रीधर पांडेय, सुशीला मिश्रा आदि ने भी विचार व्यक्त किया। संचालन नितेश पांडेय ने किया। इस मौके पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी तन्मय, समाज कल्याण अधिकारी एमपी सिंह, प्रबंधक उद्योग दीपक मिश्रा, एडीओ कृषि दीपक कुमार, भाजपा के मीडिया प्रभारी निशांत पांडेय भी उपस्थित थे।