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पार्टी के तीन दिवसीय शिक्षण-प्रशिक्षण शिविर के समापन दिवस पर डॉ संजय निषाद ने की प्रेसवार्ता.

लखनऊ/दिनाँक 04अक्टूबर 2023

पार्टी के तीन दिवसीय शिक्षण-प्रशिक्षण शिविर के समापन दिवस पर डॉ संजय निषाद ने की प्रेसवार्ता.

निषाद पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में अपने सिंबल पर लड़ेगी- मत्स्यमंत्री डॉ संजय निषाद

विधानसभा चुनाव की तर्ज पर लोकसभा चुनाव में भी सम्मान जनक सीटें देगी भारतीय जनता पार्टी –मत्स्यमंत्री डॉ संजय निषाद

उत्तर प्रदेश में भी जातिगत जनगणना होनी चाहिए,हम शुरू से मांग करते थे– मत्स्यमंत्री डॉ संजय निषाद

लखनऊ। आज दिनांक 04 अक्टूबर दिन बुधवार को निषाद पार्टी सुप्रीमो एवं मत्स्य विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉक्टर संजय कुमार निषाद ने अपने सरकारी आवास विक्रमादित्यमार्ग पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि निषाद पार्टी के नवनियुक्त पदाधिकारियों के तीन दिवसीय शिक्षण एवं प्रशिक्षण शिविर का समापन दिवस है, आज प्रदेश कमेटी और जिला कमेटियों द्वारा तय किया गया है कि निषाद पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में अपने सिंबल पर चुनाव लड़ेगी और बड़ी जीत दर्ज कर दिल्ली के संसद में पहुंचकर “एनडीए” गठबंधन के साथ मिलकर मजबूत सरकार बनाएगी ।

मत्स्यमंत्री ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी बड़े भाई की भूमिका में हमेशा से रही है और विधानसभा चुनाव की तर्ज पर भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में भी सम्मानजनक सीट देगी,हमने अपने पार्टी के सम्मानित कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया है। इसीलिए निषाद पार्टी के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी भारतीय जनता पार्टी के साथ लोकसभा चुनाव में एनडीए को फिर से जिताने के लिए हमारी पार्टी का हर कार्यकर्ता दमखम के साथ मेहनत करेंगे,और 2024 में पुनः नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बनाएंगे…

जातीय जनगणना पर जब मीडिया ने प्रश्न किया कि क्या यूपी में जातीय जनगणना होना चाहिए,इस पर निषाद पार्टी सुप्रीमो व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद ने कहा कि निषाद पार्टी शुरू से ही जातीय जनगणना के पक्ष में रही है किंतु मछुआ समाज के साथ हुई जातीय विसंगति दूर करके ही जातीय जनगणना करवाई जाए। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से भी अनुरोध किया है कि उत्तर प्रदेश में भी जातीय जनगणना होनी चाहिए जिससे सभी जातियों को स्पष्ट हो जाए कि उनकी कितनी आबादी है। उन्होंने कहा कि सेंसस मैनुअल1961 के आधार पर उत्तर प्रदेश राज्य में जातीय जनगणना होनी चाहिए जिसके अंतर्गत मछुआ समाज की सभी उपजातियां को अनुसूचित में गणना की जानी चाहिए। पूर्व की सपा बसपा की सरकारों ने समाज के साथ विश्वासघात किया है।उन्होंने कहा कि सेंसस मैनुअल 1961 के अनुसार मछुआ समाज अनुसूचित जाति में अंकित है, किंतु पूर्व की सरकारों ने आरक्षण के नाम पर मझवार की सभी उपजातियों को पिछड़े और अनुचित में उलझाने का काम किया था, जातीय जनगणना से पहले जातियों में विसंगति दूर की जाए उसके बाद जातीगत जनगणना की कार्यवाई की जाए।

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