दिनाँक 25 जुलाई 2022
पीएम मोदी ने अपनी राजनीतिक दुर दृष्टिकोण से आदिवासी समुदाय की महिला को सर्वोच्च पद पर आसीन करके अर्बन नक्सलवाद को चारों खाने किया चित्त-अजय पाठक
पीएम मोदी ने अपनी राजनीतिक दुर दृष्टिकोण से आदिवासी समुदाय की महिला को इस देश के सर्वोच्च पद पर आसीन करके अर्बन नक्सलवाद को चारों खाने चित्त और मटियामेट कर दिया–अजय पाठक राजनीतिक विश्लेषक
नागपुर महाराष्ट्र :- क्या पीएम मोदी ने नक्सलवाद को अपनी राजनीतिक दुर दृष्टिकोण से समाप्ति की तरफ लेकर गये–आदिवासी समुदाय की महिला को इस देश के सर्वोच्च पद पर आसीन करके मोदी ने अर्बन नक्सलवाद को चारों खाने चित्त और मटियामेट कर दिया जिन आदिवासियो के नाम पर अर्बन नक्सल फाईव स्टार का जीवन व्यतीत कर रहे थे ओ शायद अब समाप्ति की तरफ जाऐगा और भारत के मुख्यधारा से जिनको ये अर्बन नक्सली कोसों दुर रखे थे अपनी ऐसो आराम जिंदगी के लिए मोदी की एक राजनीतिक स्ट्राइक से ध्वस्त हो गये।
आपको बता दें कि आज़ादी के बाद से ही जल जंगल जमीन बचाने के नाम पर इनके हाथो में हथियार थमा कर अपने ही लोगों के खिलाफ खडां कर दिया और खुद बडें आराम से अपने आलिशान घरों और फाईव स्टार होटल्स में हाथों में जाम लिये आदिवासी समुदाय की बातें करते और ओ विचारे इनके झांसे में आकर अपनी ही फोर्स और अपने ही गांव परिवार से दूर होकर निर्वासित जिंदगी जिने को मजबूर होकर रह गये थे।
लेकिन अब मोदी की अति महत्वपूर्ण राजनीतिक समझ ने भारत को अखंड भारत बनाने का मेरे दृष्टिकोण में ये सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला है हमारे आदिवासी भाई अब अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहें हैं। आज हमारी बहन दौपदी मुर्मू भारत के सबसे बड़े पद पर आयुक्त होकर हमारा यानी आदिवासी समुदाय के साथ समुचित भारत का वैभव बड़ा रहीं है।
पीएम मोदी के बारे में आज जो लिखा है और बोला जा रहा है की मोदी ने आदिवासी समुदाय का वोट हासिल करने के लिए ये सब किया है,ये भी अर्बन नक्सलियों की बौखलाहट ही है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की कूटनीति और राजनीति को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है –अजय पाठक प्रदेश राजनीतिक विश्लेषक