लखनऊ 11 अगस्त 2024
प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर पांडे ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को निम्नलिखित 23 बिन्दुओं का दिया पत्र..
लखनऊ:- राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर पांडे ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य “उत्तर प्रदेश” को 23 बिंदुओं का पत्र लिखकर आग्रह किया है कि ग्राम पंचायतों के विकास के लिए यह बेहद जरूरी है जो निम्नलिखित है…
1) मनरेगा से संबंधित वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार ग्राम पंचायत को प्रदान करने के लिए कृपया संज्ञान में लेने का कष्ट करें। क्योंकि मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 दिसंबर 2021 को इसकी घोषणा की गई है।
2) ग्राम पंचायतों के अंदर कार्य कर रहे मानदेय कर्मीयों को दिए जा रहे समस्त मानदेय…जैसे पेयजल नलकूपों, स्कूलों में बिजली बिल आदि के लिए अलग से मद स्थापित किया जाए, और उसी मद से उक्त बिलों का भुगतान किया जाए तथा ग्राम पंचायतों के विकास के लिए आधी अधूरी धनराशि न दिया जाए।
3) ग्राम पंचायतों के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार एक बार में 25लाख तक की कार्ययोजना के लिए तैयार किए जाएं।
4) मनरेगा योजना के अंतर्गत कच्चे कार्य 20% तथा पक्के कार्य 80% या आवश्यकतानुसार कराए जाने का प्राविधान किया जाए।
5) रोजगार सेवक सहित सभी मानदेय कर्मियों को नामित करने या हटाने का पूर्ण अधिकार केवल ग्राम पंचायतों के अंदर निहित हों,तथा इनसे कार्य करवाने का निर्देश ग्राम पंचायत के प्रधान द्वारा ही मिले।
6) ग्राम पंचायतों को राज्य वित्त से की जा रही कटौती1/4 तथा केंद्रीय वित्त से की जा रही कटौती 1/3 को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर पूर्व की भांति कर दिया जाए।
7) शहरी गृह आवास योजना तथा ग्रामीण आवास योजना की दी जा रही धनराशि एक समान हो।
8) विधवा मां-बहनों को आवास दिलाए जाने या कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर हो,ताकि उनके सर के ऊपर एक छत का साया हो।
9) मनरेगा योजना में ठेकेदारी प्रथा को तत्काल समाप्त किया जाए, क्योंकि गुणवत्ता पूर्ण कार्य नहीं हो रहा है,समय बद्धतता बाधित है।
10) ग्राम प्रधान के विरुद्ध एक तरह की शिकायत की जांच केवल एक ही बार हो,एक ही शिकायत की जांच बार-बार न हो।
11) मात्र शपथपत्र पर लिखित शिकायत की जांच ही स्वीकार किया जाए,तथा यह शर्त रहे कि शिकायत कर्ता उसी ग्राम सभा का निवासी हो।क्योंकि अनावश्यक शिकायत से प्रशासन का समय तथा ग्राम पंचायत का विकास बाधित होता है।
12) ग्राम प्रधानों के अनुमन्य,अनुसांगिक व्यय बहुत ही कम है। इसे कम से कम बढ़ाकर चार गुना किया जाए।
13) सांसद विधायक गण की भांति ही चुने गए ग्राम प्रधान को उचित वेतन कार्यकाल की समाप्ति के बाद पेंशन दिया जाए,तथा इसके लिए अलग से मद स्थापित किया जाए ताकि पेंशन की धनराशि सीधे खाते में आए।
14) ग्राम प्रधान विवेकाधीन कोष की स्थापना की जाए।
15) कार्य योजना के हिसाब से ही धन आवंटित हो।
16) ग्राम प्रधानों को अपनी आत्म रक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस हेतु शासनादेश संख्या-784/आर/छ-पु0-5-200/1 (20) दि0 09- 10-2001 में प्राथमिकता का प्राविधान है। किंतु इसमें समय सीमा तय नहीं है। वर्षों से आवेदन लंबित रहते हैं। कृपया गृह विभाग से इस शासनादेश को और अधिक मजबूती प्रदान करने हेतु समय सीमा 03 माह तय कराने की कृपा करें।
17) निर्माण कार्य की S.O.R कार्य दर पीडब्ल्यूडी के बराबर किया जाए।
18) रोजगार सेवक का कार्यकाल प्रति वित्तीय माह में रिनुअल किया जाए।
19) काया कल्प योजना का सारा कार्य संबंधित विभाग के द्वारा कराया जाए।
20) वृक्षारोपण के लिए अलग से स्टील या लोहे का ट्रीगार्ड बनाकर शासन द्वारा उपलब्ध कराया जाए,ताकि पर्यावरण को सुरक्षित कराए जाने के लिए किया जा रहा वृक्षारोपण सुरक्षित रहे और जिस उद्देश्य के लिए पौधरोपण किया जा रहा है वह भी शत प्रतिशत पूर्ण हो सके।
21) ग्राम पंचायतों में विकाश कार्यों में टाइड और अनटाइड की व्यवस्था समाप्त किया जाए।
22) मनरेगा योजना में मजदूरों की हाजरी लगाई जाने वाली मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम को तत्काल समाप्त करने का निर्देश दिया जाए।
23) आवासों की सूची ग्राम पंचायतों द्वारा बनवाई जाए।
राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर पांडे ने विनम्रता पूर्वक आग्रह किया है कि उपरोक्त 23 सूत्रीय मांग को स्वीकार करने का कष्ट करें। तथा आपके द्वारा की गई कृत कार्यवाही से संगठन को भी अवगत कराने का कष्ट करें।
आपका
कौशल किशोर पांडे
प्रदेश अध्यक्ष
राष्ट्रीय पंचायती राज
ग्राम प्रधान संगठन
(उत्तर प्रदेश)