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प्रदेश में उपचार,बचाव एवं जागरूकता में किए गए बेहतर प्रयासों के फलस्वरूप डेंगू के मरीजों में इस वर्ष में आई काफी कमी–उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक

लखनऊ: 03 नवम्बर, 2022

प्रदेश में उपचार,बचाव एवं जागरूकता में किए गए बेहतर प्रयासों के फलस्वरूप डेंगू के मरीजों में इस वर्ष में आई काफी कमी–उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक

प्रदेश में 1 नवंबर 2022 तक डेंगू रोग के कुल 7134 केस पाए गए/ जो कि वर्ष 2021 की तुलना में काफी कम

डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में कुल 37374527 घरों का भ्रमण किया गया, जिसमें कुल- 35450856 कन्टेनर्स की जाँच की गयी तथा कुल 8775 लोगों को मच्छर जनित परिस्थितियां पाये जाने पर नोटिस जारी किये गये

सभी जनपद स्तरीय चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डेंगू वार्ड चिहिन्त एवं क्रियाशील किये गये

प्रदेश के सभी ब्लाक एवं जनपदीय स्तरीय चिकित्सालयों में डेंगू मरीजों हेतु बेड़स आरक्षित

डेंगू के प्रभावी सर्वेक्षण हेतु प्रदेश के 57 जनपदों में 68 एस०एस०एच० एवं 02 एपेक्स रेफरल लैब क्रियाशील हैं जिनमें प्रदेश के समस्त जनपदों से डेंगू व चिकनगुनिया रोग की निशुल्क जाँच की जा रही है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक

पत्र सूचना शाखा/सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग-उ0प्र0

लखनऊ: 03 नवम्बर, 2022

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश में उपचार, बचाव एवं जागरूकता में किए गए बेहतर प्रयासों के फलस्वरूप वर्ष 2022 में डेंगू के संक्रमण में गत वर्ष की तुलना में काफी कमी आई है।

उन्होंने बताया कि 1 नवंबर 2022 तक प्रदेश में डेंगू रोग के कुल 7134 केस पाए गए जबकि वर्ष 2021 में 29750 से ऊपर केस से सूचित हुए थे, जो कि वर्ष 2021 की तुलना में काफी कम है। इस वर्ष प्रदेश में डेंगू से सर्वाधिक प्रभावित जनपदों में प्रयागराज 1171 केस, लखनऊ 1058 केस, गाजियाबाद 513 केस, अयोध्या 458 फेस एवं जौनपुर 371 डेंगू केस सूचित हुए हैं।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि डेंगू रोग की रोकथाम हेतु प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग एवं नगर विकास विभाग लगातार मिलकर कार्य कर रहे है, जिसमें मुख्यतः प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय भ्रमण कर मच्छर जनित परिस्थितियों को समाप्त करना, एन्टीलार्बल स्प्रे करना एवं फॉगिंग करना है। डेंगू रोग से बचाव एवं उपचार हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार का कार्य भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान तक प्रदेश के डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में कुल 37374527 घरों का भ्रमण किया गया, जिसमें कुल – 35450856 कन्टेनर्स की जाँच की गयी तथा कुल 8775 लोगों को मच्छर जनित परिस्थितियां पाये जाने पर नोटिस जारी किये गये हैं।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान वर्ष 2022 में डेंगू के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु प्रदेश में विशेष प्रयास किये गये है। सभी जनपद स्तरीय चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डेंगू वार्ड चिहिन्त एवं क्रियाशील किये गये हैं। सभी जिला चिकित्सालयों व परिधिगत चिकित्सालयो में फीवर हेल्प डेस्क स्थापित किये गये हैं। प्रदेश के 29 जनपदों में कुल 52 कम्पोनेन्ट सेपरेशन यूनिट स्थापित व क्रियाशील है। डेंगू के प्रभावी सर्वेक्षण हेतु प्रदेश के 57 जनपदों में 68 एस०एस०एच० एवं 02 एपेक्स रेफरल लैब क्रियाशील हैं जिनमें प्रदेश के समस्त जनपदों से डेंगू व चिकनगुनिया रोग की निशुल्क जाँच की जा रही है। डेंगू रोग के उपचार हेतु डेंगू ट्रीटमेन्ट प्रोटोकॉल के सम्बन्ध में प्रत्येक जनपद के 02 चिकित्सकों को प्रदेश स्तर पर प्रशिक्षित किया गया है।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश के सभी ब्लाक एवं जनपदीय स्तरीय चिकित्सालयों में डेंगू मरीजों हेतु बेड़स आरक्षित किये गये हैं। इसके अतरिक्त बड़े जनपदों एवं मेडिकल कालेजों में भी डेंगू मरीजो हेतु अतरिक्त बेड्स की व्यवस्था की गयी है। सभी चिकित्सालयों में डेेंगू से बचाव एवं इलाज हेतु आवश्यक दवाइयों एवं रक्त तथा रक्त उत्पादों की पर्याप्त व्यवस्था की गयी हैं।चिकित्सालयों में ई0एल0आई0एस0ए0 विधि द्वारा डेंगू की जॉच हेतु पर्याप्त व्यवस्था की गयी हैं।

उपमुख्यमंत्री ने आम जनता से अपील है कि हर बुखार डेंगू बुखार नही होता है तथा रक्त में प्लेटलेट की कमी होना डेंगू बुखार की पुष्टि नहीं करता है, क्योंकि अन्य वायरल बुखार में भी प्लेटलेट में कमी आती है, अतः घबराये नहीं। बुखार होने पर तुरन्त अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर उपचार करायें तथा बुखार की अवस्था में तरल पदार्थों का अधिक सेवन करे एवं मच्छरदानी का प्रयोग करते हुये आराम करें।

उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला छोटे बच्चों एवं वृद्ध व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखे, डेंगू रोग से बचाव हेतु अपने घर एवं घर के आस-पास कूलर फीज के नीचे की ट्रे पानी की टंकी, खुले में रखे टायर, गमले की नीचे की प्लेट एवं चिड़ियों के पानी पीने वाले बर्तन इत्यादि में पानी एकत्रित न होने दें। यदि ऐसे जगह पानी मिलता है तो यहाँ से पानी तुरन्त हटा दें।

इसके अतिरिक्त सभी संस्थाओं के कार्यालय blankअध्यक्ष एवं विभागाध्यक्षों से अपील है कि अपने संस्थान के परिसर की साफ-सफाई रखे एवं जलभराव न होने दें तथा कूलर इत्यादि पात्रों से पानी को साप्ताहिक रूप से हटायें।

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