लखनऊ: 29 नवंबर 2024
“बाल विवाह मुक्त भारत” के आह्वान पर संवाद सामाजिक संस्थान ने निकाला जागरूकता मार्च
देश की बच्चियों को शिक्षित, सशक्त व आत्मनिर्भर बनाए बिना हम इस सपने को पूरा नहीं कर सकते/बाल विवाह सबसे बड़ी बाधा – अतुल तिवारी
लखनऊ: भारत सरकार के ’’बाल विवाह मुक्त भारत’’ के आह्वान पर संवाद सामाजिक संस्थान ने निकाला जागरूकता मार्च, हजारों की तादाद में लोग हुए शामिल।
लखनऊ 29 नवंबर। भारत सरकार द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने हेतु संवाद सामाजिक संस्थान कैंडिल मार्च कर बाल विवाह को खत्म करने का संकल्प दिलाया। संवाद सामाजिक संस्थान पिछले कई वर्षों से बाल विवाह के मुद्दे पर कार्य करते हुए ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ के सामूहिक प्रयास से विद्यालयों व ग्राम पंचायतों के साथ मिलकर जन-जागरूकता, के माध्यम से लोगों को जागरूक किया एवं बाल विवाह को रोकने हेतु प्रयास किया।
संवाद सामाजिक संस्थान सचिव अतुल तिवारी ने कहा कि इस अभियान से बाल विवाह के खात्मे की लड़ाई को और गति मिलेगी। रैली में बाल विवाह पीड़िताओं, सरकारी अधिकारियों पंचायत प्रतिनिधियों व शिक्षकों सहित बड़ी संख्या में शामिल आम लोगों ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली,उन्होंने कहा कि भारत सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ के आह्वान के समर्थन में संवाद सामाजिक संस्थान ने लखनऊ की 50 ग्राम पंचायतों में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता व शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के हर तबके के लोग शामिल हुए। इस दौरान मशाल जुलूस और कैंडल मार्च में बाल विवाह पीड़िताओं, महिलाओं, बच्चों व पुरुषों सहित लगभग 3000 से भी अधिक लोगों ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली और जागरूकता के प्रचार प्रसार के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी की।
इस दौरान पुरोहितों, मौलवियों, हलवाइयों, रसोइयों, सजावट, बैंड बाजा वालों व शादी का कार्ड छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिकों जैसे विवाह से जुड़े सभी हितधारकों ने शपथ ली कि वे बाल विवाह संपन्न कराने में किसी भी तरह से भागीदारी नहीं करेंगे और इसकी सूचना तत्काल संबंधित अधिकारियों को देंगे।
ज्ञातव्य हो कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा शुरू किए गए ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान का पुरजोर समर्थन किया गया।
बाल विवाह जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संवाद सामाजिक संस्थान के आलोक मिश्रा ने कहा, यह अभियान हमारे विकसित भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए सभी पक्षों को साथ लेकर चलने और बचाव-संरक्षण एवं अभियोजन नीति पर अमल के मंत्रालय के इस फैसले का हम स्वागत करते है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हमने इस लखनऊ जिले में जो अभियान शुरू किया था, वह अब राष्ट्रव्यापी अभियान बन गया है।”
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज वर्मा ने बताया कि यदि कहीं पर भी बाल विवाह की सूचना प्राप्त हो तो कोई भी व्यक्ति 112 नम्बर या चाइल्ड लाइन को 1098 नम्बर पर सूचित कर सकता है। जिसमें सूचना देने वाले व्यक्ति की जानकारी गोपनीय रखी जाती है। कानूनी पहलुओं पर चर्चा करते हुए विनोद कुमार ने बताया कि एक सजग नागरिक के नाते हमारा दायित्व बनता है कि बाल विवाह की सही सूचना प्राप्त होने पर बाल विवाह रोकथाम अधिकारी (बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी) जैसे जिलााधिकारी/उपजिलाधिकारी/ग्राम विकास अधिकारी को सूचना दें। माता-पिता से अंडरटेकिंग लें कि वह अपने नाबालिग बच्चे की शादी कानूनी उम्र यानि कि लड़कियों की 18 एवं लड़कों की 21 वर्ष से पहले शादी नहीं करेंगे। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत दोषी व्यक्तियों को 02 साल की जेल या 01 लाख रूपये का आर्थिक जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जायेगा।
ज्ञातव्य हो कि बाल विवाह के खिलाफ यह सामूहिक लामबंदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ के आह्वान के समर्थन में हुई है,जिसकी शुरुआत 27 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग ने की थी।
अतुल तिवारी,सचिव
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