सिद्धार्थनगर: दिनांक 02 अक्टूबर 2024
बीडीओ जोगिया एवं ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि श्रीष चौधरी ने महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर किया नमन
सिद्धार्थनगर: आज 02 अक्टूबर के अवसर पर राष्ट्र पिता महात्मा गांधी एवं लालबहादुर शास्त्री जी के जयंती के मौके पर विकास खंड जोगिया में ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि श्रीष चौधरी एवं खंड विकास अधिकारी जोगिया राजकुमार ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस मौके पर ब्लॉक के समस्त स्टाफ एवं कर्मचारियों द्वारा उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया ।
इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी जोगिया ने कहा कि गांधी जी के बचपन का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था,राज्य के पोरबंदर जिले के मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गाँधी एवं उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। वे अपने तीन भाईयों में सबसे छोटे थे। राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी का हमारे देश को अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद करवाने में महत्वपूर्ण योगदान था। महात्मा गांधी हिंसा के विरोधी थे। उन्होंने सदैव अहिंसा और सत्य का रास्ता अपनाने पर जोर दिया। गांधीजी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुजरात से की उसके बाद वकालत की शिक्षा लंदन से पूरी की। उन्होंने 1930 में दांडी यात्रा कर सत्याग्रह आंदोलन किया था। 15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हो गया था,महात्मा गांधीजी के इस योगदान के कारण ही उन्हें लोग राष्ट्रपिता कहते है, और सभी भारतवासी उन्हें प्यार से बापू के नाम से कहकर पुकारते हैं, बीडीओ जोगिया ने कहा कि इसी कारण लोग इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस एवं गांधी जयंती के नाम से जानते है।
इनके पिता करमचंद गांधी एक दीवान थे,
इनकी माताजी पुतलीबाई का धर्म के प्रति काफी झुकाव था।
गांधी जी का विवाह केवल 13 वर्ष की आयु में ही कस्तूरबा गांधी से कर दिया गया था,उन्होंने कहा कि गांधीजी के जीवन के 3मुख्य सिद्धांत थे- “सत्य, अहिंसा और ब्रम्हचर्य” गांधीजी एक कुशल राजनीतिक और समाज सुधारक भी थे। गांधी जी को स्वच्छता बहुत पसंद था। गांधीजी का वेशभूषा बहुत साधारण था,उनका पहनावा सफेद धोती और आंख में चश्मा तथा हाथ में लाठी लिए रहते थे।
खंड विकास अधिकारी जोगिया ने लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर भी विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि शास्त्री जी एक उत्कृष्ट राजनेता रूप में याद किये जाते हैं। शास्त्री का जन्मदिन,महात्मा गांधी के जन्मदिन के साथ ही 2 अक्टूबर को मनाया जाता है. लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय,के एक छोटे से रेलवे कस्बे में हुआ था. उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे, जिनका निधन तब हो गया जब शास्त्री जी सिर्फ डेढ़ साल के ही थे।
उन्होंने कहा कि भारत माता के वीर सपूत व देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एक उत्कृष्ट राजनेता रूप में याद किये जाते हैं। लाल बहादुर शास्त्री का जन्मदिन, महात्मा गांधी के जन्मदिन के साथ ही 2 अक्टूबर को एक साथ मनाया जाता है,जवाहरलाल नेहरू के बाद लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे। शास्त्री जी के पीएम बनने के बाद खाद्यान संकट पैदा हो गया था,तब उन्होंने देश की जनता से अपील किया था कि हर देशवासी हफ्ते में एक दिन उपवास रखेगा,हम इस मुसीबत से भी बाहर निकल जायेंगे,उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच से आवाहन किया कि देशवासियों हमें किसी से भीख नहीं चाहिए।शास्त्री जी का कार्यकाल ईमानदारी, सादगी और राष्ट्रीय विकास पर केंद्रित था। उन्होंने सैनिकों और किसानों की अहमियत पर जोर देते हुए नारा दिया था “जय जवान जय किसान” इसीलिए शास्त्री जी के अल्प समय के राष्ट्रभक्ति एवं उनके शौर्य गाथा तथा कौशल को लोग आज भी याद करते हैं।
माल्यार्पण के अवसर पर उपरोक्त के अलावा परमात्मा यादव,मनीराम वर्मा,डी0सी0 पांडे, सुभास चंद्र,तारकेश्वर मणि,अवनीश मणि,दीपक श्रीवास्तव,लक्ष्मी प्रसाद,जय प्रकाश यादव, अबु सद्दाम,प्रदीप कुमार,अवधेश कुमार एडीओ पंचायत, आनन्द कुमार,मुस्तफा खान आदि लोगो उपस्थित रहे।
