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भाजपा अनुसूचित मोर्चा महानगर द्वारा गोरखपुर में बाबा साहेब का मनाया महापरिनिर्वाण दिवस

गोरखपुर,दिनाँक 06.12.2022

भाजपा अनुसूचित मोर्चा महानगर द्वारा गोरखपुर में बाबा साहेब कामनाया महापरिनिर्वाण दिवस

गोरखपुर। मंगलवार को भारत रत्न बाबा साहब डा. भीम राव आंबेडकर का 66 वां महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया। बाबा साहब की प्रतिमा पर प्रदेश अध्यक्ष भाजपा अनुसूचित मोर्चा माननीय रामचन्द्र कनौजिया ने माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया ने कहा बौद्ध साहित्य महापरिनिर्वाण सुत्त के अनुसार, भगवान बुद्ध की मृत्यु 80 वर्ष की आयु में हुई थी,आज का दिन- बौद्ध कैलेंडर में सबसे पवित्र दिन माना जाता है, इसीलिए आज के दिन मूल महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जाता है।

14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश में, एक महार (दलित) परिवार में जन्मे, डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर को एक ‘अछूत’ के रूप में बहुत सामना करना पड़ा और उन्हें सामाजिक-आर्थिक भेदभाव का सामना करना पड़ा। हालाँकि दलितों को स्कूलों में जाने की अनुमति थी, अम्बेडकर और अन्य अछूत बच्चों को अन्य बच्चों से अलग कर दिया गया था, और शिक्षकों द्वारा उन पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया था। उन्हें न तो कक्षा के अंदर बैठने दिया जाता था और न ही कक्षा में रखे बर्तन को छूने या पानी पीने के लिए ईजादत थी,उनको ऊंचाई से पानी डालकर पिलाया जाता था।आमतौर पर स्कूल के चपरासी युवा अम्बेडकर को पानी पिलाते थे, लेकिन अगर वह उपलब्ध नहीं होता, तो अम्बेडकर को पानी के बिना ही रहना पड़ता था। डॉ भीमराव बाबासाहेब आंबेडकर संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष और भारत में दलित और अल्पसंख्यक अधिकार आंदोलन के नेता थे। उन्होंने स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री के रूप में भी कार्य किया ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि यह भाजपा के लिए सौभाग्य की बात है कि निरंतर प्रयासों के बाद बाबा साहेब से जुड़े स्थलों को ‘पंच तीर्थ’ के रूप में विकसित करने में सफलता मिल रही है। उन्होंने कहा कि चाहे अंबेडकर की जन्मभूमि महू हो या महाराष्ट्र में इंदु मिल की जमीन खरीदकर ‘चैतन्य भूमि’ पर स्मारक बनाने की पहल हो,नागपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दीक्षांत स्थल विकसित करना हो या महापरिनिर्वाण पर स्मारक बनाने की पहल हो. दिल्ली में बाबा साहेब का स्थान और 15 जनपथ। सरकार ‘पंच तीर्थ’ के विकास के लिए समर्पित है।

महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से लोकप्रिय डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर एक न्यायविद, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ थे। उन्हें भारतीय संविधान के पिता के रूप में भी जाना जाता है। एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और एक प्रख्यात न्यायविद्, अस्पृश्यता और जाति प्रतिबंध जैसी सामाजिक बुराइयों को मिटाने के उनके प्रयास उल्लेखनीय थे।

अपने पूरे जीवन में, उन्होंने दलितों और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी । उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ था और 6 दिसंबर 1956 को उनका निधन हो गया था। अनुराग मझवार प्रदेश उपाध्यक्ष अनुसूचित मोर्चा ने कहा कि अम्बेडकर भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए और एक क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, अर्थशास्त्री, विचारक और राजनीतिज्ञ के रूप में अपनी छाप छोड़ी।

इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, मंत्री अजय श्रीवास्तव, प्रदेश उपाध्यक्ष अनु. मोर्चा अनुराग मझवार, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अमृतलाल भारती (संचालन), क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश सोनकर, महानगर अध्यक्ष अनु. मोर्चा कृष्ण कुमार (आभार ज्ञापन), मंडल अध्यक्ष अजय मणी व छोटेलाल पासवान,महामंत्री अनिल कुमार व दुर्गेश कोरी, जिला महामंत्री संजीव, उपाध्यक्ष राजेश पासवान, अनिल कनौजिया, अखिलेश आर्या, जिला मीडिया प्रभारी के एम मझवार, महानगर मीडिया प्रभारी इं.बृजमोहन, मंत्री रविन्द्र कुमार, पूर्व पार्षद दशरथ, मनीराम,बरकत अली, विवेक सेठ, रिंकू, श्रीराम, बाबूराम,रेनू, बिंदु समेत अन्य पदाधिकारीगण व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

इं बृजमोहन (महानगर मीडिया प्रभारी)भाजपा,अनुसूचित मोर्चा महानगर गोरखपुर

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