उ0प्र0,लखनऊ/दिनांक 10 नवंबर 2024
मत्स्य मंत्री उ0प्र0 ने मात्स्यिकी के क्षेत्र में समितियों के गठन हेतु प्राथमिकी मत्स्य जीवी सहकारी समिति लिमिटेड के गठन हेतु विभागीय पोर्टल का किया शुभारंभ
मत्स्य मंत्री डा0संजय निषाद ने मछुआ समाज के उत्थान व विकास के लिए: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना,सामूहिक दुर्घटना बीमा योजना, मुख्य्मंत्री मत्स्य संपदा योजना,मत्स्य पालक कल्याण कोष,निषादराज बोट सब्सिडी योजना,सघन मत्स्य पालन हेतु एयरेशन सिस्टम की स्थापना की।
लखनऊ: कैबिनेट मंत्री मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश संजय निषाद की अध्यक्षता में मात्स्यिकी के क्षेत्र में बहुउद्देशीय नई मत्स्य जीवी सहकारी समितियों के गठन हेतु विभागीय पोर्टल का शुभारम्भ हुआ। प्राथमिक मत्स्य जीवी सहकारी समितियों के निबंधन हेतु आज दिनांक: 22/09/2024 से मत्स्य विभाग के पोर्टल https://www.fisheries.up.gov.in/websitescheme के माध्यम से आम जन-मानस से आवेदन प्राप्त कर पर समिति के गठन किए जाने हेतु ऑनलाईन पोर्टल का शुभारम्भ कैबिनेट मंत्री डॉ0 संजय निषाद के द्वारा संपन्न हुआ,जिसमे ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से अब प्रस्तावित समिति के निबन्धन हेतु ऑनलाइन आवेदन प्रार्थना पत्र द्वारा समिति के गठन की सम्भावनाओं यथा मत्स्य पालन, मत्स्य उत्पादन एवं मत्स्य विपणन के आधार पर गठन की प्रक्रिया होगी,पोर्टल के शुभारम्भ से समिति के निबंधन में अनावश्यक विवाद एवं विलम्ब से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्रक्रिया से समिति गठन में पारदर्शिता एवं मछुआ समुदाय को स्व रोजगार प्राप्त करने में सुगमता होगी।
कैबिनेट मंत्री मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश संजय निषाद ने बताया कि अब तक प्रदेश में 1135 समितियां गठित है, अभियान चला कर नदी जल धारा पर 565 समितियां गठित कराई जायेंगी जिससे लगभग 16000 मछुआ समुदाय के लोगो को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे,प्रत्येक न्याय पंचायत में समिति गठन की कार्यवाही की जायेगी जिससे मछुआ समुदाय के व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे एवं उनका आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान होगा,संशोधित प्रस्तावित समिति का कायक्षेत्र तहसील के अन्तर्गत नदी के चिन्हांकित खंड तथा/अथवा तालाब पर गठित समिति को एक न्याय पंचायत तक ही सीमित रखा गया है, जिससे ज्यादा से ज्यादा मछुआ समुदाय के गरीब व्यक्तियों को समिति में सदस्य बनने का अवसर प्राप्त होगा। साथ ही साथ एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का विकास होगा, जिससे राजस्व की बढ़ोत्तरी होगी,नदी/अथवा तालाब पर गठित होने वाली समितियों मे से ठेका/पट्टा नीलामी हेतु केवल प्रथम गठित समिति ही अधिकृत होगी उसी क्षेत्र मे गठित अन्य समितियाँ मत्स्य विपणन हेतु अधिकृत होगी न कि ठेका/पट्टा नीलामी हेतु निबंधित समितियों को राजस्व विभाग की जल प्रणालियों के पट्टा आदि का आवंटन करने में राजस्व सहिंता -2016 का पालन किया जायेगा। शेष जल प्रणालियों के सम्बन्ध में संबंधित विभाग के प्रचलित नियमों का पालन किया जाएगा।निबंधित मत्स्य जीवी सहकारी समितियां मत्स्य/मत्स्य उत्पादों के विपणन आदि से सम्बंधित कार्य बिना कार्यक्षेत्र की परिसीमा के सम्पूर्ण प्रदेश में स्वतंत्र रूप से कार्य करने हेतु अधिकृत होंगी ।
इस प्रकार अब मत्स्य जीवी सहकारी समितियाँ बहुउद्देशीय समितियों के रूप में कार्य कर सकेंगी तथा उनके सदस्यों को जीविकोपार्जन के अतिरिक्त स्त्रोत प्राप्त होंगे।
मत्स्य मंत्री डॉ संजय निषाद ने बताया कि नई मत्स्य जीवी सहकारी समितियों के गठन हेतु पोर्टल पर पंजीकरण के सम्बन्ध आवश्यक निर्देश/शर्ते- पोर्टल पर मुख्य प्रवर्तक द्वारा आवेदन हेतु पंजीकरण करना होगा,पंजीकरण के उपरांत प्रस्तावित समिति के गठन हेतु क्रमशः तीन बैठको का विवरण संलग्न करना होगा,समिति गठन हेतु न्यूनतम 27 सदस्य होना अनिवार्य है,अधिकतम कितने भी सदस्य समिति के सदस्य बन सकते है,27 सदस्यों में से 03 सदस्य अनुसूचित जाति के एवं 06 महिलाओं का होना अनिवार्य है। समिति की साधारण सदस्यता केवल ऐसे व्यक्तियों के लिए खुली होगी, जिसका चरित्र अच्छा, मस्तिष्क स्वस्थ और आयु 18 साल से अधिक हो, समिति के कार्यक्षेत्र में रहता हो और मछली पकड़ने, पालने का कार्य सक्रिय ढंग से करता हो,सभी सदस्यों का अपना आधार कार्ड एवं मोबाइल नंबर भरना अनिवार्य है
एक परिवार से एक ही व्यक्ति समिति का सदस्य हो सकता है |
सचिव की आयु 20 साल से अधिक, सचिव की शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट तथा सचिव का चरित्र उत्तम होना अनिवार्य है।एक व्यक्ति मत्स्य विभाग द्वारा गठित समितियों में से किसी एक ही समिति का सदस्य हो सकता है। सदस्यों को अंशपूँजी- न्यूनतम प्रति सदस्य ₹ 100.00 तथा प्रवेश शुल्क ₹ 10.00 प्रति सदस्य की दर से जमा करना अनिवार्य है,आवेदक द्वारा आवेदन की तिथि से अगले 30 दिन के अंदर आवेदन समस्त आवश्यक अभिलेखों सहित पोर्टल पर अपलोड कर जनपदीय अधिकारी को अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित किया जाना अनिवार्य होगा अन्यथा आवेदन पत्र निरस्त कर दिया जाएगा। मत्स्य मंत्री डॉ संजय निषाद ने बताया कि निबन्धक मत्स्य जीवी सहकारी समिति द्वारा जारी दिशा निर्देश/उप-विधि में उल्लेखित शर्तें यथावत लागू रहेंगी साथ ही साथ उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1965 एवं उत्तर प्रदेश सहकारी समिति नियमावली 1968 के प्रविधान लागू रहेंगे।
निषाद राज बोट सब्सिडी: मत्स्य मंत्री डॉ संजय निषाद ने बताया कि निषाद राज बोट सब्सिडी योजना अंतर्गत मछुआ समुदाय के व्यक्तिगत लाभार्थियों के साथ साथ मत्स्य जीवी सहकारी समितियां तथा उनके सदस्य भी लाभ प्राप्त करने हेतु अब पात्र होंगे,विभागीय जलाशयों के ठेका/पट्टा की नीलामी प्रक्रिया
विभागीय जलाशयों के ठेका/पट्टा की नीलामी प्रक्रिया नीति में मत्स्य जीवी सहकारी समितियों के लिए हैसियत प्रमाण पत्र के अनिवार्यता की पूर्व व्यवस्था को संशोधित करते हुए हैसियत प्रमाण पत्र के स्थान पर समिति का धनात्मकसंतुलन पत्र (Positive Balance Sheets) एवं न्यूनतम निर्धारित मूल्य का 50% का FDR नीलामी हेतु आवश्यक अभिलेखों के साथ जमा कर प्रतिभाग कर सकेंगे| सघन मत्स्य पालन एयरेशन सिस्टम की स्थापना योजना सघन मत्स्य पालन एयरेशन सिस्टम की स्थापना योजना अंतर्गत लाभार्थी चयन में मत्स्य पालन हेतु तालाबों के पट्टा धारक महिलाओं को वरीयता दी जाएगी।उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश मत्स्य पालक कल्याण कोष योजना के अतर्गत मछुआ परिवारों के स्टूडेंट्स के लिए शुल्क प्रतिपूर्ति की सुविधा भी दी जाएगी
-संजय निषाद,कैबिनेट मत्स्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार