मनरेगा में बढ़ें काम के दिन और न्यूनतम मेहनताना हो 400 रुपये- सांसद सप्तगिरि शंकर उलाका
नई दिल्ली: ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज पर संसद की स्थायी समिति ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत प्रदान किए जाने वाले काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 दिन करने समेत श्रमिकों के दैनिक पारिश्रमिक को कम से कम 400 रुपये निर्धारित करने की सिफारिश की है। समिति ने सुझाव दिया है कि मनरेगा की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए एक स्वतंत्र सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। समिति ने उभरती चुनौतियों के मद्देनजर योजना को नया रूप देने पर भी जोर दिया है।
संसद में पेश रिपोर्ट में स्थायी समिति ने योजना के लिए आवंटित राशि में ठहराव पर चिंता व्यक्त करते हुए सोशल आडिट पर भी जोर दिया है। ताकि योजना के उचित की कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया के जा सके। कांग्रेस सांसद सप्तगिरि के शंकर उलाका की अध्यक्षता वाली यो समिति ने कहा, ‘समिति का मानना है कि मनरेगा की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण कराया त जाना चाहिए।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वेक्षण में श्रमिकों की संतुष्टि, वेतन में देरी, भागीदारी के रुझान और योजना में वित्तीय अनियमितताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, ‘समिति ने मनरेगा से जुड़े कार्यक्रम की कमियों के बारे में अहम जानकारी प्राप्त करने और मनरेगा की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए आवश्यक नीतिगत सुधारों को लागू करने के लिए देशभर में स्वतंत्र एवं पारदर्शी सर्वेक्षण की सिफारिश की है। समिति ने योजना में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि वर्तमान में 100 दिनों का रोजगार प्रदान करने का प्रविधान है, लेकिन विभिन्न क्षेत्रों से दिनों की संख्या बढ़ाने की मांग की जा रही है। समिति ने कहा, ‘बदलते समय और उभरती चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सुधार की आवश्यकता है।