महराजगंज
रक्तदान महादान/पुनीत कार्य
14-06-020
रक्तदान दिवस के मौके पर विनोदकुमार गुप्ता ने 30 वीं बार स्वैक्षिक रक्तदान किया ।
आज 14 जून रक्तदान दिवस पर रविवार को जिला संयुक्त चिकित्सालय के ब्लड बैंक में विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के पूर्व तहसील अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार विनोद कुमार गुप्ता द्वारा 30 तीसवीं बार स्वैच्छिक रक्तदान किया। विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि उनके जीवन का मात्र एक लक्ष्य है खून देकर लोगों की जान बचाना। उन्होंने बताया कि समाज में हर वर्ग के लोगों के लिए खून देकर जान बचाने का कार्य उनके द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि अपने जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ व अन्य सामाजिक पर्वों पर समय-समय पर भी लोगों को खून देकर जान बचाने का कार्य करते हैं। विज्ञान में नोबल पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन की याद में पूरे विश्व में यह दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य रक्तदान को प्रोत्साहन देना एवं उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना है।
14 जून 1868 को ही महान वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन का जन्म हुआ था, उन्होंने मानव रक्त में उपस्थित एग्ल्युटिनिन की मौजूदगी के आधार पर रक्तकणों का ए, बी और ओ समूह में वर्गीकरण किया। इस वर्गीकरण ने चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस महत्वपूर्ण खोज के लिए ही कार्ल लैंडस्टाईन को सन 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया।रक्तदान दिवस पर रक्त दान देकर किए पुनीत कार्य।
महराजगंज जिले में विश्व रक्तदान दिवस पर विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि उनके जीवन का मात्र एक लक्ष्य है खून देकर लोगों की जान बचाना। उन्होंने बताया कि समाज में हर वर्ग के लोगों के लिए खून देकर जान बचाने का कार्य उनके द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि अपने जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ व अन्य सामाजिक पर्वों पर समय-समय पर भी लोगों को खून देकर जान बचाने का कार्य करते हैं।सन 1997 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सौ फीसदी स्वैच्छिक रक्तदान की शुरूआत की, जिसमें 124 प्रमुख देशों को शामिल कर सभी देशों से स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने की अपील की गई। इस पहल का मुख्य उद्देश्य था, कि किसी भी नागरिक को रक्त की आवश्यकता पड़ने पर उसे पैसे देकर रक्त न खरीदना पड़े। और इसी उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए अब तक 49 देशों ने स्वैच्छिक रक्तदान को अमलीजामा पहनाया है। हालांकि कई देशों में अब भी रक्तदान के लिए पैसों का लेनदेन होता है,जिसमें भारत भी शामिल है। लेकिन फिर भी रक्तदान को लेकर विभिन्न संस्थाओं व व्यक्तिगत स्तर पर उठाए गए कदम भारत में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने में कारगर साबित हुए हैं।