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विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति की ओर “No प्लास्टिक्स से Know प्लास्टिक्स” महत्वपूर्ण कदम – प्रोफेसर शिशिर सिन्हा

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लखनऊ: 07 मार्च 2025

एडवांसमेंट इन पेट्रोकेमिकल सेक्टर एंड एम्पावरिंग सस्टेनबल डेवलपमेंट लीडिंग टू विकसित भारत-प्रोफेसर शिशिर सिन्हा

विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति की ओर “No प्लास्टिक्स से Know प्लास्टिक्स” महत्वपूर्ण कदम – प्रोफेसर शिशिर सिन्हा

लखनऊ: केन्द्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट), लखनऊ के अमौसी स्थित परिसर में “एडवांसमेंट इन पेट्रोकेमिकल सेक्टर एंड एम्पावरिंग सस्टेनबल डेवलपमेंट लीडिंग टू विकसित भारत” (एपीएम 2025) विषय पर 16वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन दिनांक 08 मार्च से 10 मार्च 2025 तक किया गया है। अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन की पूर्व संध्या पर सिपेट परिसर के सभागार में एक आवश्यक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश के मीडिया के प्रतिनिधि, अन्य राष्ट्रीय संस्थानों से आये प्रतिनिधि, सिपेट मुख्यालय एवं विभिन्न सिपेट केन्द्रों से आये हुए केन्द्र प्रमुख एवं प्रतिनिधि तथा छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही। प्रोफेसर शिशिर सिन्हा महानिदेशक सिपेट द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर संचालित सिपेट केन्द्रों की गतिविधियों, पाठयक्रम तथा वैश्विक स्तर पर सिपेट के योगदान से रूबरू कराते हुए प्रेस वार्ता का शुरुआत किया गया।

प्रोफेसर शिशिर सिन्हा, महानिदेशक ने अपने उद्बोधन में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए बताया कि “No प्लास्टिक्स से Know प्लास्टिक्स” के अभियान को विश्वव्यापी बनाने का आग्रह करते हुए उत्कृष्ट प्लास्टिक्स प्रबंधन पर जोर दिया तथा इसमें समग्र भागीदारी का आहवान किया। इसके पश्चात् सिपेट लखनऊ में आयोजित होने जा रहे अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन (एपीएम 2025) के बारे में जानकारी देते हुए मीडिया को अवगत कराया की यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन सिपेट संस्थान द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन है जो कि वैश्विक स्तर पर पदम भूषण एवं पदमश्री तथा ख्यातिलब्ध शिक्षाविद, विषय विशेषज्ञ, शोधार्थी, उद्यमी एवं युवा शोध विद्यार्थियों को एक मंच प्रदान करता है जिसमें सम्मेलन की अवधि में पॉलीमर के क्षेत्र में हुई प्रगति, शोध, नवाचार एवं उन्नत तकनीक पर मंथन, प्रस्तुतिकरण उपरांत एक निचोड़ तैयार होता है, जो देश में समग्र विकास में पॉलीमर सेक्टर के योगदान की कार्ययोजना का सशक्त आधार बनता है।

अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए प्रोफेसर शिशिर सिन्हा द्वारा बताया गया कि इस आयोजन में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों जैसे कि आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, सीएसआईआार, डीआरडीओ और मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी (यू.एस.ए.) यूनिवर्सिटी ऑफ सस्केचेवान (कनाडा), टीसाइड यूनि्वर्सिटी (यू.के.) के साथ-साथ राज्य में स्थित विभिन्न विश्वविधालय, देश के विभिन्न राज्यों में स्थित सिपेट केन्दों से लगभग 100 विषय विशेषज्ञ एवं 200 से अधिक शोधार्थी सीओ 2 न्यूनीकरण, नैनोटेक्नालॉजी एकीकरण, बॉयो आधारित पॉलीमर, पूर्नचक्रण तकनीक, एडिटिव मैन्यूफैकचरिंग तकनीक आदि जैसे विषयों पर अपने व्याख्यान, शोधपत्र एवं पोस्टर प्रस्तुतिकरण करेंगे,अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन (एपीएम 2025) में उद्यमी सम्मेलन, भूतपूर्व छात्र मिलन, तकनीकी प्रतियोगिता जैसे नवीन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।

उक्त आयोजन में सिपेट करने वाले गति शक्ति विश्व विद्यालय बडोदरा,मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान प्रयागराज एवं डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्व विद्यालय, लखनऊ के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए जायेंगें।

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