Sat. Feb 1st, 2025

शहीद विवेक अमर रहे के नारों से गूंजा गांव, नम चीखो-पुकार व आंखों से दी सपूत को अंतिम विदाई..

शहीद विवेक अमर रहे के नारों से गूंजा गांव, नम चीखो-पुकार व आंखों से दी सपूत को अंतिम विदाई..

कुलबंत सिंह — लंबागांव

हिमाचल के शहीद विवेक का पार्थिक शरीर जैसे ही तिरंगे में लिपटा उसके पैतृक गांव ठेहडू में पहुंचा, तो चीखों पुकार से हर कोई सन्न रह गया। पिछले दो दिन से बेसुध मां आशा अपने कलेजे के टुकड़े को गले लगाने के लिए आस लगाई बैठी थी, तो अभागी पत्नी प्रियंका पलकें बिछाए एक ही टकटकी लगाए दिल के अरमानों को कोस अपने शहीद पति की राह देख रही थी। घर पहुंचते ही ‘भारत माता की जय के उद्घोष शुरू हो गए, तो विवेक उर्फ कालू अमर रहे नारों की गूंज दूर-दूर तक सुनाई दे रही थी। शहीद के घर सुबह से लोगों का हुजूम लगना शुरू हो गया था।
विवेक के छह माह के बच्चे को यह समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या है, लेकिन फिर भी वह रोए जा रहा था। प्रियंका के माता-पिता संभाले नहीं जा रहे थे, क्योंकि उनके लिए भी यह उम्मीदों का चिराग था, क्योंकि वह भी तीन वर्ष पहले अपने जवान बेटे को खो चुके हैं, ऐसे में यह दो घरों का चिराग यूं चला जाएगा, शायद ही किसी ने सोचा होगा। विवेक का पार्थिव शरीर सुबह 11:15 बजे पर वायु सेना के चॉपर से गगल एयरपोर्ट पहुंचा। इसके पश्चात पार्थिव देह को सेना के वाहन से घर तक लाया गया। जहां-जहां से यह वीर जवान गुजरा, फूलों की बरसात सहित नारों से आसमान गूंजता रहा।

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