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सांसद जगदंबिका पाल ने नियम 377 के तहत उ0प्र0 में भयंकर सूखा पड़ने का विषय उठाया…

दिनाँक-25 जुलाई 2022

सांसद जगदंबिका पाल ने नियम 377 के तहत उ0प्र0 में भयंकर सूखा पड़ने का विषय उठाया…

भारतीय जनता पार्टी के डुमरियागंज सांसद जगदंबिका पाल ने आज लोकसभा में नियम 377 के दौरान सरकार से उत्तर प्रदेश में इस वर्ष अभी तक बहुत कम बारिश होने के कारण भयंकर सूखा पड़ने का विषय उठाया।

उन्होंने कहा की किसानों के समक्ष खरीफ़ की फसल की रोपाई का गंभीर संकट पैदा हो गया है। बारिश ना होने के कारण किसानों के खेत में रोपाई किये हुए धन के नर्सरी और जमीन सूख गए हैं। किसान धान की नर्सरी तैयार करने के लिए पंपिंग-सेट एवं ट्यूबेल से खेत को भरने का काम कर रहे हैं। लेकिन बारिश ना होने के कारण नर्सरी के पौधे पीले पड़ गए हैं और रोपाई किये खेतो में बड़ी बड़ी दरार पड़ गई है। प्रदेश सरकार ने ट्यूबेल एवं नहरों को पूरी क्षमता से चलाने का निर्देश दिया है लेकिन वह ना-काफी है।

सांसद में लोकसभा में कहा कि अभी तक उत्तर प्रदेश में 1 जून से 15 जुलाई के बीच कुल 77.3 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अब तक सामान्य बारिश 220 मिलीमीटर होनी चाहिए थी | अतः इस अवधि के सापेक्ष 65 % कम है, IMD की भाषा में 60% से 99% कम वर्षा को “बड़ी कमी” अर्थात भयंकर सूखा की श्रेणी में माना जाता है।

उन्होंने लोकसभा में कहा कि IMD के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश में 243.5 (- 68%) के मुकाबले मानसून मौसम के पहले तीन पखवाड़े के दौरान सिर्फ 77.2 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 187.1 मिलीमीटर (-59%) के सामान्य के मुकाबले 77.5 मिली मीटर बारिश हुई है। संपूर्ण उत्तर प्रदेश में बारिश ना होने के कारण किसानों की खरीफ के धान की फसल की बुवाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है जिसके कारण उनके समक्ष धान के उत्पादन पर कुप्रभाव पड़ रहा है।

लोकसभा में सांसद पाल ने सरकार से अनुरोध किया कि उत्तर प्रदेश में इस वर्ष के सीजन में बारिश ना होने से सूखे के कारण हुए नुकसान के आकलन के लिए केंद्रीय अध्ययन दल की टीम भेजी जाए। जिससे केंद्रीय अध्ययन दल किसानो के हुए नुकसान का आंकलन करके उन्हें उचित मुआवज़ा दिलाने का कार्य सुनिश्चित करे |

प्रेस विज्ञप्ति:- जगदंबिका पाल सांसद डुमरियागंज सिद्धार्थनगर….

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