Thu. Jan 30th, 2025

सांसद पाल की अध्यक्षता में खरीफ उत्पादकता गोष्ठी/किसान मेला एवं फसल अवशेष प्रबन्धन गोष्ठी में किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में दी गई जानकारी

सिद्धार्थनगर 20 सितम्बर 2022

सांसद पाल की अध्यक्षता में खरीफ उत्पादकता गोष्ठी/किसान मेला एवं फसल अवशेष प्रबन्धन गोष्ठी में किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में दी गई जानकारी

एन0एम0ई0ओ0 आयल सीड योजनान्तर्गत चिन्हित किसानों को निःशुल्क मिनी किट का वितरण किया गया।

पराली के अवशेष के उपयोग पशुओं के चारे व खाद बनाने के लिए डिस्पोजल का प्रयोग करें, पराली जलाने से पर्यावरण दूषित होता है।

सिद्धार्थनगर। जनपद स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी/किसान मेला एवं फसल अवशेष प्रबन्धन गोष्ठी मुख्य अतिथि सांसद डुमरियागंज जगदम्बिकापाल की अध्यक्षता एवं जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि उपेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी संजीव रंजन, मुख्य विकास अधिकारी जयेन्द्र कुमार की उपस्थिति में लोहिया कला भवन में सम्पन्न हुआ।

जनपद स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी/किसान मेला एवं फसल अवशेष प्रबन्धन गोष्ठी का मुख्य अतिथि सांसद डुमरियागंज जगदम्बिका पाल, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि उपेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी संजीव रंजन, मुख्य विकास अधिकारी जयेन्द्र कुमार द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। जिलाधिकारी द्वारा मुख्य अतिथि एवं जनप्रतिनिधिगणों को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया।

जनपद स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी/किसान मेला एवं फसल अवशेष प्रबन्धन गोष्ठी के अवसर सांसद पाल ने कहा कि एक जनपद एक उत्पाद के तहत कालानमक चावल का चयन किया गया है। कालानमक को बढ़ावा देने के लिए अर्न्तराष्ट्रीय निर्यात को और बेहतर करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। किसानो को कालानमक का उचित मूल्य प्राप्त हो। भारत सरकार/प्रदेश सरकार द्वारा तकनीकि खेती के प्रति विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित कर उनकी आय दोगुनी करने का कार्य किया जा रहा है। आज हमारे जनपद का कालानमक वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के तहत विश्व तक जाना जाता हैं। जनपद मे कालानमक के निर्यात के लिए एफ0पी0ओ0 का निर्माण हो गया है। सभी किसान भाई कृषि विभाग, कृषि वैज्ञानिको से तकनीकि जानकारी लेकर विभिन्न फसलों, सब्जी, फल आदि लगाकर अपनी आय को बढ़ायें, जिससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था और मजबूत हो सके।

जिलाधिकारी ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है। जिसके माध्यम से किसान यंत्र खरीद सकते हैं। सभी किसान भाई तकनीकी खेती के साथ साथ पशुपालन, सब्जी की खेती, आम, लीची, केला आदि लगाकर अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं। जिलाधिकारी द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन के प्रति किसानों को जागरूक किया। जिलाधिकारी ने बताया कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण वाहनो के प्रयोग की अपेक्षा अधिक होता है। इसलिए पराली न जलाये। पराली को इकट्ठा कर पशुओं के चारा हेतु प्रयोग करे अथवा कृषि यंत्रों के माध्यम से पराली का प्रबन्धन करे।

उपकृषि निदेशक अरविन्द कुमार विश्वकर्मा द्वारा किसानों को लाभार्थीपरक योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी। सभी किसान भाई उन्नतशील बीजों का प्रयोग करें जिससे पैदावार अधिक होगी। सभी राजकीय कृषि केंद्रों पर खाद, बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। किसान भाई फसल अवशेष/पराली को पशुओं के चारा एवं खाद के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। पराली को जलायें नहीं, पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है जिससे पैदावार भी कम हो जाता है। सभी किसान भाई जैविक खाद का प्रयोग करें। वेस्ट डीकम्पोजर का प्रयोग करके पराली को खाद के रूप में तैयार कर फसलो में प्रयोग किया जा सकता है। पराली जलाने से पर्यावरण अधिक प्रदूषित होता है। कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, उद्यान विभाग, मत्स्य विभाग आदि द्वारा स्टाल लगाकर किसानों को जानकारी दिया गया।

जनपद स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी/किसान मेला एवं फसल अवशेष प्रबन्धन गोष्ठी के अवसर पर सांसद डुमरियागंज जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि उपेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी संजीव रंजन, मुख्य विकास अधिकारी जयेन्द्र कुमार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत मेरी पालिसी मेरे हाथ के तहत चिन्हित किसान तौलन, विश्वनाथ साहनी, गौरीशंकर, विष्णू पाठक, राम उजागिर, सुदीप चन्द्र वाजपेयी को पालिसी का वितरण एवं एन0एम0ई0ओ0 आयल सीड योजनान्तर्गत चिन्हित किसानों को निःशुल्क मिनी किट का वितरण किया गया।

इस अवसर पर उपरोक्त के अतिरिक्त जिला कृषि अधिकारी सी0पी0सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, सहायक निदेशक, मत्स्य, कृषि वैज्ञानिक तथा दूर-दराज से आये किसान उपस्थित थे।

Related Post