उत्तरप्रदेश 12/06/020
हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच से सरकार को बड़ी राहत,शिक्षको के भर्ती का रास्ता हुआ साफ।
सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति।
इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रदेश के 69000/सहायक शिक्षक भर्ती मामले में एकल पीठ द्वारा जारी 3जून के आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी है। इस आदेश से सरकार द्वारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का रास्ता साफ़ हो गया है। महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह व अपर अधिवक्ता रनविजय सिंह द्वारा दायर अपीलों के सुनवाई के बाद एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा की सुप्रीम कोर्ट आदेश पर कहा की सरकार भर्ती प्रक्रिया जारी रख सकती है।
इससे 69000/ शिक्षको को बड़ी राहत मिली है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने सरकार द्वाराJ जारी तीन विशेष अपीलों पर दिया है। राज्य सरकार ने 3 जून के एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह व अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता रनविजय सिंह ने कोर्ट को बताया कि गत 3 जून को एकल पीठ द्वारा दिया गया अंतरिम आदेश विधि विरुद्ध है महाधिवक्ता ने सुनवाई के समय अनेक न्याय निर्णय का हवाला देते हुए कहा था कि एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाई जाए और खारिज किया जाए।
3 जून को एकल पीठ ने भर्ती प्रक्रिया पर फिलहाल 12 जुलाई तक रोक लगा दी गई थी इस आदेश से प्रदेश सरकार को शिक्षकों की काउंसलिंग रोकनी पड़ी थी 3 जून को एकल पीठ ने दिए फैसले में कहा था कि विवादित प्रश्नों पर 1 सप्ताह के भीतर परीक्षा नियामक प्राधिकरण इन आपत्तियों को यूजीसी के विशेषज्ञों को भेजेगी तथा यूजीसी के इन आपत्तियों का निस्तारण करेगी। ज्ञातव्य हो कि पहले याचीगणों ने याचिका दायर कर शिक्षक भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा के 13 सवालों पर आपत्ति उठाई थी याचिकाओं का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने जो आंसर की जारी की है उनमें उन सवालों के उत्तर और थे जबकि एनसीईआरटी की किताबों में कुछ और दिया है।