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हिंदुत्व पर प्रहार, महाप्रलय को आमंत्रण” विषय पर हिदू धर्म की रक्षा के लिए संगोष्ठी का हुआ आयोजन

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सिद्धार्थनगर 04 जनवरी 2024

हिंदुत्व पर प्रहार, महाप्रलय को आमंत्रण” विषय पर हिदू धर्म की रक्षा के लिए संगोष्ठी का हुआ आयोजन

सृष्टि की शांति व विश्व की कल्याण की कामना करने वाले हिन्दू धर्म को बदनाम करने वालो देश विरोधी ताकतों से हम सबको एकत्रित होने की जरूरत है – साध्वी प्रज्ञा

सिद्धार्थनगर। इटवा कस्बा क्षेत्र के जे0के0जे0 मैरिज हाल में कर्म योगी परिवार इटवा द्वारा हिंदुत्व पर प्रहार, महाप्रलय को आमंत्रण” विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई। रविवार को पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह के अध्यक्षता में संगोठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों द्वारा भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित और दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों को बुके भेंटकर व अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत सत्कार किया गया।

उपरोक्त कार्यक्रम में उपस्थित प्रबुद्धजनों को संबोधित करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने बताया कि पूरे सृष्टि की शांति व विश्व की कल्याण की कामना करने वाले हिन्दू धर्म को बदनाम करने की साजिश लगातार भारत के विरोधियों द्वारा कूटरचित साजिश सनातन धर्म के खिलाफ किया जा रहा है। मैं कट्टर हिंदू हूं और कट्टर हिंदू को पसंद करती हूं, लेकिन आज के समय में जो कट्टर हिंदू नहीं रहेगा,उसको भविष्य में हिदू विरोधी ताकतों के द्वारा जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि “घटोगे तो काटोगे” “एक रहोगे तो सेफ रहोगे” आज मोदी योगी के सरकार में हम सुरक्षित हैं।अगर अभी से एक नहीं हुए तो यहां भी बंगलादेश बनने में समय नहीं लगेगा। उन्होंने कहां कि भारत में कहीं भी खुदाई करवा दो बाबा भोले ही मिलेंगे। यहां तक काबा की खुदाई करवा दो वहां बाबा भोले नाथ प्रकट हो जाएंगे।

साध्वी प्रज्ञा ने सम्भल की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि उनके यहां हर बात पर पत्थर निकल आता है। और पत्थर का इलाज बाबा का बुलडोजर हैं। भाजपा व योगी सरकार के कारण उत्तर प्रदेश में बहुत शांति है, और यह शांति बाबा के बुलडोजर से आई है। यूपी में भाजपा व योगी सरकार न होती हैं तो यह भी एक बांग्लादेश होता। हमें खतरा अपने बीच बैठे गद्दारों से हैं, हमे जातीयता की दीवार को तोड़कर एक होना होगा और किसी हिन्दू के साथ अत्याचार हो तो सबको एक हो जाना चाहिए।

साध्वी प्रज्ञा ने देश व हिंदुत्व के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों के ऊपर टिप्पणी करते हुए बताया जिसको इस देश से प्यार नहीं उसको यहां रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि हिन्दू टैक्स भरे और सुविधाएं चालीस वाले ले यह स्वीकार नहीं। हिन्दू जातिपात के भेदभाव को छोड़ते हुए एकत्रित होना चाहिए और अपने बीच बैठे गद्दारों को पहचान कर उनका बहिष्कार करना चाहिए। हम सभी को अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल को छोड़कर कर गुरुकुल, शिशु मंदिर, आर0एस0एस0 की शाखाओं में भेजना चाहिए जिससे उनके अंदर संस्कार का निर्माण हो सके। साध्वी प्रज्ञा ने कार्यक्रम के आयोजक पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में जागृति के लिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन होना चाहिए।

पूर्व विधायक डुमरियागंज राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि सभी सनातनियों को एकत्रित होने की आवश्यकता हैं। सम्भल की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि वहां के हिन्दू मंदिर बन्द करके इधर उधर चले गए, कब तक यहां वहां जाएंगे, योगी बाबा का नारा “कटोगे तो बटोगे, घटोगे तो कटोगे” से सभी को प्रेरणा लेने की आवश्यकता हैं। उन्होंने बताया कि हमें खतरा अपने बीच में बैठे गद्दारों से हैं। सनातन के सभी प्रहरियों के सम्मान से समझौता नहीं होना चाहिए। हम सभी को एक होकर सनातन विरोधियों को जबाव देना होगा। उन्होंने सभी को सम्भल और बांग्लादेश को उदाहरण के तौर पर याद रखने की बात कही।

कार्यक्रम के संयोजक व संचालक के रूप में प्राचार्य शिवपति स्नाकोत्तर महाविद्यालय शोहरतगढ़ सिद्धार्थनगर के डॉ. अरविंद सिंह ने कहा कि हिंदुत्व एक जीवन पद्धति हैं, समाज के सभी लोगों को सनातन के रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। कुछ विधर्मी एक बहुत बड़े समूह को हमारे सनातन समाज से अलग करने की कुचक्र कर रहे है। हम सभी को सामाजिक समरसता कायम रखते हुए उनको सफल नहीं होने देना हैं। सनातन भारत की प्राण हैं, सतनात बढ़ेगा तभी भारत विश्व गुरु बनकर उभरेगा।

इस दौरान लवकुश ओझा, चंद्र प्रकाश उर्फ चंदू चौधरी, धर्मराज वर्मा, विकास जायसवाल, संजय मिश्रा, रामकृपाल चौधरी, विवेक श्रीवास्तव, कप्तान सिंह, मनोज कौशल, अशोक पाण्डेय, राजू सिंह, अजय सिंह, अक्षय पाण्डेय, दिलीप उर्फ छोटे पाण्डेय, लालजी शुक्ला, मदन यादव, सुमित्रा नंदन श्रीवास्तव, लवकुश अग्रहरि, राजू पाण्डेय, राजू सिंह, श्रीराम, सुरेश कन्नौजिया, कृष्णपाल सिंह, श्याम सुंदर, बृजेश पाठक, विकास मिश्रा, प्रेम नारायण दुबे, ओम प्रकाश छापड़िया, अनिल जायसवाल आदि सहित भारी संख्या में प्रबुद्धजन मौजूद रहे।

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