गोरखपुर मूसलाधार बारिश में भी जरूरतमंदों की मदद को खड़े है कोरोना फाइटर्स, बांटे 200 पैकेट राशन
गोरखपुर। सुबह से ही मूसलाधार बारिश होने के बावजूद कोरोना फाइटर्स के हौसले कम नहीं हुए हैं. वे तेज बारिश में भीग कर भी सिविल डिफेंस के माध्यम से जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं. व्यापारी मित्रों द्वारा बनाया गया क्लब मित्रा संगठन कोरोना से जंग के बीच गरीब और जरूरतमंदों की मदद के लिए लॉक डाउन शुरू होने के बाद से ही डंटकर खड़ा है गोरखपुर में कोरोना फाइटर्स लगातार जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं. कोरोना से जंग के बीच कुछ व्यापारी मित्रों ने मिलकर जरूरतमंदों की मदद के लिए क्लब मित्रा संगठन बनाया. इन्होंने रोजमर्रा की जरूरत के सारे सामान छोटी-छोटी बोरियों में बांधकर गरीबों तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया कोरोना संक्रमण के बीच हुए लॉक डाउन ने जहां लोगों की रोजी-रोजगार छीन लिया है. वहीं हर रोज कमाने-खाने वाले लोगों के लिए खाने के लाले पड़ गए हैं ऐसे में व्यापारियों द्वारा बनाया गया क्लब मित्रा संगठन आगे आया है. इन लोगों ने अपने पास से रुपए जुटाकर हर रोज 200 बोरियों में रोजमर्रा की जरूरत के समान सिविल डिफेंस के माध्यम से अलग-अलग मोहल्लों में जरूरतमंदों को पहुंचवा रहे हैं.
सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन डॉ संजीव गुलाटी ने बताया कि व्यापारियों का संगठन क्लब मित्रा लगातार उन्हें राशन उपलब्ध करा रहा है. राशन की 100 बोरी आज भी संगठन के माध्यम से उन्होंने अलग-अलग मोहल्ले में रहने वाले सिविल डिफेंस के लोगों को उपलब्ध कराई है डॉक्टर गुलाटी ने कहा कि बारिश में भी इन लोगों का जज्बा कम नहीं हो रहा है इन बोरियों में चावल दाल आलू प्याज मसाला तेल के अलावा अन्य जरूरत के सामान हैं
नागरिक सुरक्षा कोर के उप नियंत्रक सत्य प्रकाश सिंह ने क्लब मित्रा संगठन का धन्यवाद देते हुए कहा कि बारिश के मौसम में भी वे सिविल डिफेंस को 100 छोटी बोरी राशन उपलब्ध करवाए हैं. जिन्हें जरूरतमंदों में बांटा जाएगा. 500 वार्डेन जरूरतमंदों की अलग-अलग मोहल्ले में मदद कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब तक एक लाख से अधिक पैकेट बंटवाए जा चुके हैं. 3 हजार से अधिक परिवारों को फ़ूड पैकेट बंटवाए गए हैं. एक वार्डेन ने खून देकर एक बुजुर्ग महिला की कल जान बचाई.
कोरोना महामारी ने जहां पूरे दुनिया में कहर बरपाया हुआ है. वहीं जिस तरह जरूरतमंदों की मदद के लिए कोरोना फाइटर्स के हाथ बढ़ रहे हैं, ऐसे में रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे लोगों को कुछ राहत जरूर मिलेगी.