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स्मृति विशेष :- उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के महामहिम पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंहजी ने सत्ता से ऊपर प्रभु श्रीराम को दिया था स्थान…

स्मृति विशेष :- उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के महामहिम पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंहजी ने सत्ता से ऊपर प्रभु श्रीराम को दिया था स्थान…

कल्याणसिंह की कल्याणकारी निर्णयों,दृढ़ता और सादगी भरे जीवन के लिए हमेशा याद किये जायेंगे…

News 17 india editer in chif vijay kumar mishra-22/08/2021

उत्तरप्रदेश की राजनीति के पटल को दशकों से अपनी आभा से आलोकित करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के पूर्व महामहिम राज्यपाल श्रद्धेय कल्याण सिंहजी ने सत्ता से ऊपर प्रभु श्रीराम को स्थान दिया था,ऐसे प्रभु श्रीराम के महान भक्त हम लोगों के बीच मे नही रहे.उन्हें किस तरह से याद किया जाए उन्हें राजनीतिक संत कहूँ, जिनको पद और प्रतिष्ठा का मोह छू तक न गया हो,अथवा उन्हें संकल्प की प्रतिमूर्ति मानू,जिस लक्ष्य को जीवन मे अर्जुन की भांति एकनिष्ठ भाव के साथ प्रयत्नशील रहे,और अन्ततः सफलता ने उनका वरण किया।

पांच दशक तक उनका राजनीतिक जीवन इतना विविधता पूर्ण और संघर्षपूर्ण रहा,उन्हें कुछ विशेषणों के माध्यम से पूरा नही किया जा सकता है,इस विस्तृत समृद्ध राजनीतिक कालखण्ड में शुचिता, कर्तव्यपरायणता, ईमानदारी, सख्त प्रशासक और कुशल नेतृत्व में उनके व्यक्तित्व की पहचान बने रहे,

भारतीय राजनीति के एक बृहद कालखंड में भारत रत्न स्व: अटल बिहारी बाजपेयी, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और कल्याण सिंह जी की तिकड़ी में जनमानस के आकांक्षाओ की छबि दृष्टिगोचर होती थी,मैं बड़ा परम सौभाग्यशाली हूँ कि इन तीनो महानुभाओं को स्नेह मुझे मिला।

कल्याण सिंह जी श्रीराम मंदिर आंदोलन के अग्रणी नेतृत्वकर्ताओं में थे। श्रीराम प्रभु के मंदिर के लिए सत्ता छोड़ने में उन्होंने एक पल भी नही लगाया,उनका यह कथन और त्याग श्रीराम के आस्था के प्रति झलक है।

श्रीराम प्रभु में मेरी अगाध श्रद्धा है अब मेरे जीवन मे मुझे कुछ नही चाहिए। कल्याण सिंह जी का राम मंदिर निर्माण को देखने हार्दिक इच्छा थी जो मेरे जीते जी पूरी हो गई,सत्ता तो बहुत छोटी चीज है जो आति जाती रहेगी, मुझे सरकार जाने का कोई दुःख न पहले था न अब है,मैंने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि मैं कारसेवकों पर गोली नही चलाऊंगा,अन्य जो भी उपाय है उसका प्रयोग करके स्थिति को नियंत्रण करूँगा,सत्ता में ऐसे लोग बिरले ही मिलेंगे।

चूंकि मेरे दादा पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजय नाथ व पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन महन्त अवैद्यनाथ भी मंदिर आंदोलन में अग्रणी लोग थे,इसलिए जब उनसे मुलाकात होती या गोरखनाथ मंदिर में आना होता था तो राममंदिर आंदोलन और अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण को लेकर भव्य चर्चा होती थी। उनका अटूट विश्वास व श्रद्धा था कि भव्य राममंदिर का निर्माण उनके जन्मस्थल पर ही बने,हमारे रामलला उसी स्थान पर विराजमान हों। प्रभु श्रीराम ने उनकी प्रार्थना सुनी और पीएम नरेंद्र मोदीजी ने भारतीय जनमानस के 500 वर्षों की पूर्णता प्रदान करते हुए मंदिर निर्माण का भूमि पूजन कर शुभारंभ किया।

गोरक्षनाथ मंदिर की तीन पीढियां ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ, ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ और आज मैं स्वयं प्रभु श्रीराम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे। इस नाते गोरक्षनाथ पीठ से कल्याण सिंह जी बेहद लगाव था,ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ का बड़ा सम्मान करते थे,यही कारण था कि गोरखपुर जब भी आते तो वह हमारे पूज्य गुरुजी से जरूर मिलते थे। दोनों का सपना था कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य राममंदिर का निर्माण हो। समाज कल्याण सिंहजी के उनके निर्णयों, कर्तव्यनिष्ठा,शुचितापूर्ण जीवन के लिए स्मरण करते हुए प्रेरित करेगा।

उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के पूर्व राज्यपाल लोकप्रिय जननेता कल्याणसिंह का देहावसान हो जाने से संपूर्ण राष्ट्र की बहुत बड़ी क्षति हुई है। मैं उनके निधन पर शोक सम्वेदना व विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे, और शोक संतप्त स्वजनों को सहन शक्ति प्रदान करे।

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी..

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