सिद्धार्थनगर बाँसी खेसरहा-दिनाँक 27 जुलाई 2022
रुद्राभिषेक करने से ग्रह दोष से मिलती है मुक्ति आचार्य ऋषिजी
सिद्धार्थनगर। बांसी तहसील खेसरहा ब्लाक अंतर्गत ग्राम पिढिया धाम बाबा पिढेश्वर नाथ महादेव मंदिर चल रहे रुद्राभिषेक के दौरान आचार्य ऋषि ने कहा की शिवजी को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी माना जाता है। सावन के पावन महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि का भी अपना महत्व होता है। वहीं हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 26 जुलाई दिन मंगलवार को सावन शिवरात्रि पर शुभ संयोग बनने से यह दिन और भी खास हो गया है। धार्मिक मान्यता है कि विधिपूर्वक रुद्राभिषेक करने से ग्रह दोष से मुक्ति मिलने के साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
आचार्य ऋषि ने कहा कि वैसे तो सावन के पूरे महीने रुद्राभिषेक किया जाता है लेकिन सावन शिवरात्रि के दिन अभिषेक कमल के फूल से अभिषेक करने मनवांछित मनोकामना पूर्ण होता है। सुबह स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर अपने घर के मंदिर में शिवलिंग को उत्तर दिशा में स्थापित करें। ध्यान रहे कि पूजा के दौरान आपका मुंह पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। वहीं रुद्राभिषेक के दौरान महामृत्युंजय मंत्र या ओम नमः शिवाय मंत्र का निरंतर जाप करते रहें।
आचार्य ऋषि ने बताया कि इसके बाद सबसे पहले पीतल के लोटे से शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करें। इसके बाद शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं और रुद्राभिषेक की सामग्री एक-एक करके चढ़ाएं। फिर शिव जी को भोग लगाएं। तत्पश्चात ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद धूप, दीप से शिव परिवार की आरती उतारें। अंत में अभिषेक के जल को अपने घर के सभी हिस्सों में छिड़क दें।
उन्होंने बताया कि रुद्राभिषेक के लिए गंगाजल,दूध, दही, पान के पत्ते, सुपारी, चंदन, धूप, कपूर, बेलपत्र, देसी घी, मौसमी फल, शहद, गुलाब जल, पंचामृत, गन्ने का रस, नारियल और मिठाई सभी सामग्री एकत्र करके रखें। रुद्राभिषेक कराते समय उपस्थित रहे शिव भक्त एवं पिढिया धाम बाबा पिढेश्वर नाथ महादेव मंदिर के प्रबंधक अशोक कुमार त्रिपाठी, शिव भक्त नीतीश चतुर्वेदी, आयुष त्रिपाठी, प्राची त्रिपाठी, साक्षी चतुर्वेदी, धर्मेंद्र त्रिपाठी, मनीष शुक्ला, सर्वेश त्रिपाठी, चंद्रबली त्रिपाठी तथा केसरी नंदन गौड आदि लोग उपस्थित रहे।