कुश और बरियार का पूजन कर माताओं ने पुत्र के दीर्घायु होने की कामना की
आनन्दनगर—महराजगंज–हलषष्ठी यानी छठ पर्व पर सुहागिन महिलाओं ने विभिन्न प्रकार के पूजन सामग्री से कुश और बरियार का पूजन कर पुत्र
के दीर्घायु की कामना की।सुहागिन माताएँ महिलाएं सुबह से रँग बिरँग परिधानों मे सजधज कर कुश और बरियार का पूजन तिन्नी का चावल, महुआ, भैंस का दही, नमक, हल्दी, व सिन्दूर से पूजन कर पुत्र के लम्बी उम्र की कामना की।उसके पश्चात शिव पार्वती के मँदिर मे पहुंच कर विधिवत पूजन अर्चन कर अपने सुहाग के लिए माँ पार्वती से आशीर्वाद प्राप्त किया।महिलाओं का कहना है कि इस दिन जुताई वाले खेत से कुछ खाया नहीं जाता न ही जुताई वाले जगह पर आया जाता है।पूजन के पश्चात माँ छठ का कथा सुनती है।शाम को तिन्नी के चावल को बनाकर साग दही आदि से खाती हैं।बरियार का पूजन करते समय माताएँ कहती है कि —–अरियार ,बरियार मोर पूत बरियार मार आवे मरा न आवे,इस उक्ति को कहती हुई बरियार का पूजन की।यह त्यौहार परम्परागत तरीक़े से धानी, फरेन्दा, वृजमनगँज, कोल्हुई, पुरन्दरपुर, भैया फरेन्दा सहित गांव, देहात मे छठ व्रत रखकर व्रती महिलाओं ने कुश और बरियार का पूजन कर पति व पुत्र को चीरँजीव होने का आशीर्वाद माँगी।