उत्तरप्रदेश/लखनऊ
गुलजार हो रही ऑफ लाइन कक्षाएं
लखनऊ विश्वविद्यालय में विगत 07 दिसंबर से ऑफलाइन तथा ऑनलाइन दोनों ही तरह की कक्षाओं का संचालन हो रहा है प्रयोगात्मक विषय में अधिकांश कक्षाएं ऑफलाइन हो रही हैं । 7 दिसंबर से शुरू हुई ऑफलाइन कक्षाओं में धीरे-धीरे विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है । एम. ए. भूगोल तृतीय सेमेस्टर की प्रयोगात्मक विषय में फील्ड सर्वेक्षण करा रहे डॉ. अरुण कुमार द्विवेदी ने बताया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के दृष्टिगत प्रयोगात्मक पेपर में 2 बैच बनाए गए हैं जिससे छात्रों को प्रोटोकॉल के साथ प्रायोगिक कार्य /सर्वेक्षण कार्य कराया जा सके डंपी लेवल सर्वेक्षण की प्रासंगिकता के प्रश्न पर डॉ द्विवेदी ने बताया कि यह डंपी लेवल सर्वेक्षण नियोजन के लिए बहुत आवश्यक है
। डंपी लेवल सर्वेक्षण द्वारा रेल एवं सड़क मार्ग ,नहर ,सीवर लाइन तथा कॉलोनी आदि के निर्माण से पूर्व धरातल का स्वभाव (ऊंचाई -निचाई, ढाल की मात्रा एवं दिशा आदि ) को ज्ञात किया जाता है डंपी लेवल सर्वेक्षण से किसी परियोजना की औसत/ अनुमानित लागत का आकलन किया जा सकता है जिसकी टेंडर प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका होती है भूगोल विषय में डंपी लेवल सर्वेक्षण की छात्रों ,नियोजन कर्ताओं एवं सरकार के लिए उपयोगिता को देखते हुए प्रासंगिकता है।
(लखनऊ से डॉ विरेन्द्र कुमार की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट—)