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किसान आंदोलन के नाम पर, सोची समझी रणनीति के तहत लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने और रक्षा में मुशतैद रहने वाले पुलिस और सुरक्षाबलों से टकराता भीड़ तंत्र

प्रेस विज्ञप्ति:-राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय पाठक द्वारा जारी,

किसान आंदोलन के नाम पर, सोची समझी रणनीति के तहत लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने और रक्षा में मुशतैद रहने वाले पुलिस और सुरक्षाबलों से टकराता भीड़ तंत्रblank

राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय पाठक ने कहा कि जो पुलिस और सुरक्षा बल हर मुश्किल समय में हमारी रक्षा करते हैं अब ऐसा कुछ समय से देखा जा रहा है कि भीड़ तंत्र पुलिस से टकराव करता है जहां भी किसी भी तरह का आंदोलन चल रहा हो वहां लोग अक्सर पुलिस के धैर्य की परीक्षा लेने पर उतारू हो जाते हैं पुलिस और सुरक्षा बल हमारी रक्षा के लिए के लिए अपने जीवन को दाव पर लगा कर दिन रात हमारी रक्षा में मुशतैद रहते हैं लेकिन भिड़ तंत्र का अपना कानून है हम अक्सर देखते हैं कि काश्मीर में जब भी आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बल कार्यवाही करते हैं तो भिड़ तंत्र उनके ऊपर पथराव के साथ साथ कई बार प्रतिबंधित हथियारों का इस्तेमाल करते हैं अब ये ट्रेंड धिरे धिरे सभी आंदोलनों में होने लगा है भिड़ तंत्र को ये सोचना चाहिए कि जब भी देश में कोई भी प्राकृतिक आपदा आती है तो आम लोग सुरक्षित जगहों पर जाना चाहते हैं लेकिन पुलिस और सुरक्षा बल ही अपनी जान की परवाह किए बिना सभी की मदद में दिन रात एक कर देते हैं
आम भारतीयों को ऐ सोचना होगा जो पुलिस हमारी दिन रात सेवा करती है उसके साथ ऐसा व्यवहार क्या उचित है अगर ऐसा चलता रहा भिड़ तंत्र का अपना कानून तो एक दिन इस देश का हर व्यक्ति इसकी चपेट में निश्चित आएगा अभी सभी लोगों ने दिल्ली की घटना देखा किस तरह भिड़ तंत्र ने दिल्ली पुलिस के ऊपर हमला किया और लगभग चार सौ पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया उनमें से कुछ पुलिस कर्मी तो अब शायद ही कभी अपने काम पर लौटे इतनी बुरी तरह से उन्हें मारा गया लेकिन दिल्ली पुलिस ने जो संयम बरता उसको शब्दों में व्यक्त करता कठीन है लेकिन भिड़ तंत्र तो मानों यह ठान कर आईं थीं कि हमें ऐसा करना ही है, हम सभी नागरिकों की ये जिम्मेदारी बनती है कि इस तरह की भिड़ तंत्र का कतई भी हिस्सा ना बने जो अपने ही पुलिस और सुरक्षा बलों पर पथराव या हमला करें। अतः एसी घटनाओं के पीछे एक सोची-समझी रणनीति भी काम करती है जो उस समय दिखाई नहीं देती, लेकिन नुकसान सिर्फ लोकतंत्र का होता है इसलिए हमें संयमित और सतर्क रहने की जरूरत है और हमारे देश के सुरक्षा में तैनात पुलिस सुरक्षा कर्मियों पर अगर भिड़ तंत्र हमला करता है तो उसके विरोध में खड़ा होने की आवश्यकता है।

*अजय पाठक राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय किसान एवं मजदूर संघ*

(न्यूज़ 17 इंडिया एडिटर इन चीफ विजयकुमारमिश्रा)

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