सिद्धार्थनगर 22 जुलाई 2021
कोरोना से निराश्रित हुए बच्चों के भरण पोषण, शिक्षा और सुरक्षा के दृष्टिगत मुख्यमंत्री योगी ने बाल सेवा योजना का बर्चुअल शुभारंभ किया…
कोरोना से निराश्रित हुए बच्चों के भरण पोषण, शिक्षा और सुरक्षा के दृष्टिगत मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ जी द्वारा महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनन्दीवेन पटेल, एवं महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह की उपस्थिति में बाल सेवा योजना का बर्चुअल शुभारंभ किया।
विकास भवन के अम्बेडकर सभागार में मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया गया। मुख्य विकास अधिकारी पुलकित गर्ग ने चिन्हित 20 बच्चों को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की तथा रू0 4000 मासिक की दर से 3 महीने की धनराशि स्वीकृत की गई। कोविड-19 के संक्रमण से माता/पिता की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 से अभिभावकों की मृत्यु के दृष्टिगत शासन द्वारा इस योजना के तहत 0-18 वर्ष के बच्चों के अभिभवकों/संरक्षको को रू0 4000 प्रतिमाह कि दर से उनके भरण पोषण, शिक्षा और सुरक्षा के लिए दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों का एडमिशन आवासीय विद्यालयों में भी कराया जा सकता है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी विनोद राय ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से जनपद में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत में 20 बच्चों को चिन्हित किया गया हैं। इस योजना के अन्तर्गत कोविड-19 से प्रभावित हुए बच्चों के संरक्षण एवं देखरेख हेतु शासन द्वारा रू0 4000 प्रति माह की दर से उनके भरण-पोषण शिक्षा और सुरक्षा के लिए दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बच्चों को सरकारी बाल देखरेख संस्थाओं में निशुल्क आवास, 11 से 18 वर्ष के सभी बच्चों को कक्षा 12 तक की निशुल्क शिक्षा कस्तूरबा गांधी बालिका /अटल आवासीय विद्यालयों में बच्चों को प्रवेश दिला सकते हैं, जिसके लिए रुपए 12000 प्रतिवर्ष दिए जाएंगे बालिग बालिकाओं के विवाह हेतु इस योजना के तहत प्रशासन द्वारा रू0 एक लाख एक हजार का आर्थिक सहयोग दिया जाएगा। कक्षा-9 या इससे ऊपर/व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को टेबलेट/लैपटॉप दिया जाएगा। बालिग होने तक बच्चों की चल अचल संपत्ति की कानूनी एवं विधिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना के पात्र लाभार्थी को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है। जिनके दोनों माता-पिता/ माता या पिता/वैध अभिभावक/आय अर्जित करने वाले अभिभावक की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण के कारण से 1 मार्च 2020 के बाद मृत हुई हो।आवेदन की प्रक्रिया के लिए स्वयं सत्यापित ऑफलाइन आवेदन ग्राम विकास, पंचायत अधिकारी, विकासखंड अधिकारी, लेखपाल, तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा किया जा सकता है। माता-पिता दोनों या एक की मृत्यु के 2 के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। कार्यक्रम में उपरोक्त के अतिरिक्त संबधित अधिकारी व कर्मचारी, बच्चे एवं उनके परिजन उपस्थित थे।
( News 17 india edited in chif vijay kumar mishra..)