21 सितम्बर 2021
आज विश्व अल्जाइमर डिमेंशिया दिवस पर डॉ0 सी बी पाण्डेय ने लोगो किया जागरूक
अल्जाइमर रोग या डिमेंशिया भूलने का एक गम्भीर रोग है इसका नाम अलोइस अल्जाइमर के नाम पर रखा गया है,जिन्होंने सबसे पहले इसका विवरण दिया था। डॉ0 सी बी पाण्डेय ने बताया कि इस बीमारी के प्रमुख लक्षण जैसे याददाश्त की कमी,निर्णय लेने में अक्षमता, बोलने में दिक्कत,कामकाज करने में परेशानी,व्यक्तित्व में बदलाव,अपने परिचितों को ही भूलना इत्यादि हैं ।
यह बीमारी लगभग 60वर्ष की अवस्था के आसपास ही ज्यादातर होती है, इसका कोई भी अभी तक स्थायी इलाज नहीं है,ये रोग ब्लड प्रेशर,शुगर के रोगी आधुनिक जीवनशैली अपनाने,नशा,हमेशा डिप्रेशन (अवसाद) इत्यादि से इस बीमारी के होने की आशंका बढ़ जाती हैं।
डॉ0 सी बी पाण्डेय ने बताया कि अल्जाइमर रोग में दिमाग की कोशिकाएं नष्ट होने लगती है,जैसे जैसे समय बीतता है यह बीमारी बढ़ती ही जाती हैं दिमाग मस्तिष्क में लगभग 100 अरब न्यूरॉन्स होते हैं न्यूरॉन्स बिजली और रासायनिक संकेतों के माध्यम से अन्य तंत्रिका कोशिकाओं या मांसपेशियों को सूचना भेजते है यदि सभी न्यूरॉन्स एक साथ बिजली उत्पन्न करे तो वह इतनी बिजली राशि उत्पन्न करते है की एक बल्ब जलाया जा सकता है।
इन्हीं कोशिकाओं(न्यूरॉन) में कुछ सोचती है,कुछ याद रखती हैं,देखने, सूंघने आदि में मदद करती है।
हमारा दिमाग कोशिकाओं(न्यूरॉन) ही सबसे बड़ा सेंटर है जो सभी अंगों को नियंत्रित करती है,अल्जाइमर रोग में दिमाग की कोशिकाएं धीरे धीरे काम करना बंद कर देती हैं
डॉ0 सी.बी पाण्डेय ने बताया कि यदि उपरोक्त लक्षण किसी भी व्यक्ति में दिख रही हो तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें,अपने जीवनशैली,खान पान में सुधार करे, प्रतिदिन दिमाग से सम्बन्धित सक्रियता बढ़ाने हेतु योग जरूर करे