दिनाँक- 23.11.2021
प्रदेश के उपभोक्ता द्वारा भार जम्पिंग व तेज मीटर की शिकायत पर स्मार्ट मीटर कम्पनीयों पर सरकार उठाये ठोस कदम…
पहली बार स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी ने माना कि प्रदेश में अब तक 20925 स्मार्ट मीटर में खराबी की शिकायत प्राप्त हुई है उपभोक्ता परिषद ने उठाया सवाल कहा हजारों स्मार्ट मीटर में खराबी की क्या शिकायत है इसका खुलासा बिजली कंपनियां करें क्यों की उपभोक्ता परिषद् पहले ही कर चुका है भार जंपिंग व स्मार्ट मीटर तेज की शिकायत..
प्रदेश में लगे 12 लाख स्मार्ट मीटर के सापेक्ष खराबी की शिकायत का प्रतिशत 1.8 है इसलिए दोषी मीटर निर्माता कंपनियों के खिलाफ सरकार उठाएं कठोर कदम…
पूरे प्रदेश में लगभग 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का काम पावर कारपोरेशन द्वारा एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड को दिया गया है जिसके द्वारा एल0एन0टी कंपनी से जीनस जेन व आईटीआई कंपनी के प्रदेश में लगभग 12 लाख स्मार्ट मीटर लगवाए गए उपभोक्ता परिषद के काफी विरोध के बाद अब पावर कारपोरेशन ने यह निर्णय लिया है की प्रदेश में केवल 4 जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर ही लगाए जाएंगे इसी बीच आज उपभोक्ता परिषद जो खुलासा करने जा रहा है सभी के होश उड जाएंगे प्रदेश के उपभोक्ता लगातार यह शिकायत कर रहे थेे कि स्मार्ट मीटर में अनेकों कमियां है चाहे भार जंपिंग का मामला हो या फिर मीटर तेज चलने का मामला हो लेकिन कभी भी बिजली कंपनियों ने नहीं माना कि उपभोक्ता सही कह रहा है ।
अब एल0एन0टी कंपनी जो प्रदेश में स्मार्ट् मीटर लगाने का काम कर रही है उसनेे यह मानाा है कि पूरे प्रदेश में अगस्त 2021 तक 20925 स्मार्ट मीटर खराब होने की शिकायत कंपनी को प्राप्त हुई है ऐसेे में पावर कारपोरेशन अब यह खुलासा करें की इन 20925 मीटरो में क्या खराबी आई है सबसेे बडा सवाल यह है की यदि पूरे प्रदेश में 12 लाख स्मार्ट मीटर केेे एवज में इतने स्मार्ट मीटर में खराबी आई है तो यह बडा सवाल है । प्रदेश में जिन तीन स्मार्ट मीटर निर्माता कम्पनियो के मीटर लगाये गये है उनका नाम जीनस जेन व आईटीआई है ।
उ0 प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा अभी तक बिजली कंपनियां मानने को तैयार नहीं थी की स्मार्ट मीटर में कोई खराबी आ रही है अब जब एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड द्वारा जिस कंपनी एल0एन0टी से मीटर लगवाया जा रहा है, उसने स्वतः स्वीकार कर लिया है की प्रदेश में हजारों स्मार्ट मीटर खराब होने की शिकायत उसके पास प्राप्त हुई है ऐसे में अब इस बात की जांच होनी चाहिए कि शिकायत के बाद यदि सभी मीटर खराब पाए गए तो ऐसे में मीटर निर्माता कंपनियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही किया जाना चाहिए,
आपको बता दें कि अभी तक पावर कारपोरेशन द्वारा मीटरो के संबंध में जो व्यवस्था अपनाई जा रही है उसमें पहले साल यदि मीटर 1 प्रतिशत से ज्यादा खराब होगा तो ऐसे मीटर निर्माता कंपनी के खिलाफ कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है। यहां पर यदि यह माना लिया जाए की 12 लाख स्मार्ट मीटर जो प्रदेश में लगे हैं उसके सापेक्ष एलएनटी द्वारा जो स्मार्ट मीटर में खराबी की शिकायत 20925 बताई जा रही है यदि उसका प्रतिशत देखा जाए तो वह लगभग 1.8 प्रतिशत होगा ऐसे में जो भी मीटर निर्माता कंपनी इस दायरे में आ रही है उनके खिलाफ तत्काल कठोर कदम उठाना चाहिए ।
उपभोक्ता परिषद एक बार फिर पावर कारपोरेशन प्रबंधन व सरकार से मांग करता है जिन प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के घरों में 12 लाख पुरानी तकनीकी के स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं उन्हें अविलंब 4 जी स्मार्ट मीटर में कन्वर्ट कराया जाए क्योंकि जिन उपभोक्ताओं के घर पुरानी तकनीकी के मीटर लगे हैं उन्हें आए दिन काफी कठिनाई उठानी पड रही है,
ऐसे में एक बार फिर सरकार से उपभोक्ता परिषद यह भी मांग करता है कि प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए की मीटर की गुणवत्ता उच्च कोर्ट की हो जिससे प्रदेश के उपभोक्ताओं को कोई समस्या ना उठानी पडे