सिद्धार्थनगर–दिनाँक-04 मई 2022
सिविल सिद्धार्थनगर बार एसोसिएशन के तत्वाधान में भगवान परशुराम के जन्मोत्सव का आयोजन किया गया
आज सिविल सिद्धार्थनगर बार एसोसिएशन के तत्वाधान में भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता अंजनी कुमार दुबे एडवोकेट ने किया। संचालन एडवोकेट संजय कुमार पाठक ने किया। सभागार में मुख्य अतिथि जनपद न्यायाधीश प्रमोद कुमार शर्मा जी रहे। विशिष्ट अतिथि देवेंद्र प्रताप सिंह सदस्य विधान परिषद भी मौजूद रहे। सभागार में प्रधान न्यायाधीश अंगद प्रसाद,विशेष न्यायाधीश पोक्सो प्रमोद कुमार,प्रथम अपर जिला जज शकिलुर्रहमान एवम मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट शैलेश कुमार मौर्या,अपर न्यायाधीश कु0 रिंकू की सहभागिता रही।
भगवान परशुराम के जन्मोत्सव कार्यक्रम के मौके पर उनके चरित्र पर बृहद रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि हमे उनके आदर्शों को अपने जीवन मे उतार लेना चाहिये और उनके अच्छाइयों से हम सबको सीख लेनी चाहिए। सभागार में उपस्थिति सभी लोगो ने क्रमशः भगवान परशुराम के जीवन पर प्रकाश डालते उद्बोधन किया।
अध्यक्षीय भाषण में अंजनी कुमार दुबे ने अपने संबोधन में बताया कि भगवान परशुराम किसी जाति के नायक नही थे। बल्कि वह जन-जन के नायक थे। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक उनकी कर्म एवम रणभूमि रही। भगवान परशुराम अहंकार के शत्रु थे इसलिए उन्होंने एक प्रतापी राजा सहश्त्रार्जुन जो रावण जैसे योद्धा को बंदी बना लिया था। उसका उन्होंने अपने आत्मबल के बदौलत अपने महान अस्त्र परशु से उसका बध कर दिया और अंत मे उसके समूल वंश का नाश कर दिया। और धरा (पृथ्वी)पर शांति कायम किया। और उन्होंने रामावतार में भगवान श्रीराम को अपना धनुष देकर आताताइयों का नाश करने के लिए संदेश दिया।और कृष्णावतार में सुदर्शन चक्र देकर सभी दुष्टों का समूल नाश करने का संदेश दिया। भगवान परशुराम आज भी जीवित हैं ऐसा शास्त्रों में उल्लिखित है। जब भगवान का कल्कि अवतार होगा तो उनको भी शस्त्र देकर दुष्टों का नाश करने का प्रेरणा देंगे।
उपरोक्त कार्यक्रम में अधिवक्तागण अभिषेक शंकर त्रिपाठी,पवन कुमार मिश्रा,रमेश कुमार पांडेय,संतोष कुमार मिश्र,राजेश भट्ट,पवन चंद्र शुक्ला,दुर्गेश त्रिपाठी, श्रीराम चौरसिया,गिरीश कुमार पांडेय, जयशंकर मिश्र,शेषमणि प्रजापति, गिरजेश कुमार पांडेय,रामचंद्र चौधरी, अजय कुमार चौरसिया, अजय कुमार पांडेय,आशुतोष पाण्डेय,विकास शुक्ला,हरिप्रसाद चौधरी, जयश्याम मिश्र,अजयकांत शुक्ला, हरिप्रसाद द्विवेदी,हरिशंकर शुक्ला,रमेश ओझा,शशांक त्रिपाठी,श्रवण पाण्डेय,दिवाकर दुबे,सी.पी मिश्रा,रामसूरत यादव,सिद्धनाथ पाण्डेय,सिद्धनाथ शुक्ला,नरेंद्र भार्गव,गिरजेश बहादुर की उपस्थिति रही।
अंत मे कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अंजनी कुमार दुबे ने कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।