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गुरू गोरखनाथ विद्यापीठ,भरोहिया के प्रांगण में क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त की पुण्यतिथि पर दी गयी सच्ची श्रद्धाजंलि

पीपीगंज गोरखपुर/दिनाँक 20 जुलाई 2022

गुरू गोरखनाथ विद्यापीठ,भरोहिया के प्रांगण में क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त की पुण्यतिथि पर दी गयी सच्ची श्रद्धाजंलिblank blank blank

गुरू गोरखनाथ विद्यापीठ,भरोहिया पीपीगंज में आजादी के 75 वें वर्षगांठ के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश शासन की मंशा के अनुरूप‘ ‘आजादी का अमृत महोत्सव‘‘ के अन्तर्गत आज दिनांक 20 जुलाई 2022 को बटुकेश्वर दत्त केा उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धाजंलि अर्पित की गयी। सांयकालीन प्रार्थना सभा के उपरान्त एक सक्षिप्त कार्यक्रम में श्रीमती अंजलि दूबे ने बटुकेश्वर दत्त के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनका जन्म 18 नवंबर 1910 को बंगाल के पूर्व वर्धमान जिले के खंडागोश गांव के कायस्थ परिवार में हुआ था। 1924 में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात भगत सिंह और चंद्रशेखर से आजाद से हुई। भगत सिंह से प्रभावित होकर बटुकेश्वर दत्त हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लकिन एसोशिएशन से जुड़ गए। और उन्होने क्रांतिकारी बन कर बम बनाना सीखा और आगरा में एक बम फैक्ट्री बनाने में बड़ी भूमिका निभाई। सेंट्रल असेंबली में बम फेंकने के बाद गिरफ्तार होने पर भगतसिंह और बटुकेश्वर दत्त दोनों को ही आजीवन कारावास की सजा हुई।

लेकिन लाहौर षड़यंत्र में शामिल होने के कारण भगतसिंह को राजगुरू और सुखदेव के साथ फांसी की सजा हो गई। 23 मार्च 1931 को भगत सिंह शहीदे आजम बन गए, बटुकेश्वर दत्त को जैसे क्रांतिकारी लोगो को भुला ही दिया गया। आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत ऐसे शहीदों को याद कर के उन्हे श्रद्धाजंलि दे कर हम उनके प्रति सच्चा सम्मान देने का प्रयास कर रहे है।

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