दिनाँक 01अगस्त 2022
राष्ट्रीय पंचायतराज प्रधान संगठन प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर पाण्डेय ने ग्राम प्रधान के साथ हो रहे उत्पीड़न को लेकर मुख्य सचिव को लिखा पत्र..
रा0पं0राज्य प्रधान संगठन उ0प्र0 के अध्यक्ष के.के.पांडे ने पूरे प्रदेश में ग्राम प्रधान के साथ हो रहे उत्पीड़न को लेकर मुख्य सचिव को लिखा पत्र..
विषय:– बात बात पर हथियार के तरीके से पंचायत राज की धारा 95(1) छ: की कार्यवाही को रोकने हेतु–
प्रदेश अध्यक्ष के.के.पाण्डेय ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मांग की है कि वर्तमान में ग्राम प्रधानों के खिलाफ फर्जी शिकायतों की बाढ़ सी आ गई है। चुनाव में हार जाने व चुनावी रंजिश के कारण खानदानी व निजी दुश्मनी,जातीय वैमनस्यता के चलते ग्राम प्रधानों के खिलाफ शिकायतों की सुनामी आ गई है। जबकि प्रधान को अपना पद ग्रहण करते हुए मात्र एक साल चार महीने ही हुआ है। जो शिकायतकर्ता असर रसूख वाले हैं वह अपनी पहुंच के बल पर पंचायत राज एक्ट की धारा 95(1)छः की कार्यवाही करवा लेते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी भी बिना कारण जाने ग्राम प्रधान के ऊपर पंचायतीराज एक्ट की धारा 95(1)छः की कार्यवाही कर ही देते हैं तथा संबंधित ग्राम पंचायत का पूरा चुनाव गर्त में चला जाता है।
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पत्र न0 (2)
ग्राम प्रधान आरोप मुक्त होने के बाद हतोत्साहित हो जीते हैं। क्योकि निर्दोष मुक्त होने के लिए ग्राम प्रधान को कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं। क्या क्या नसीहत सहनी पड़ती है यह उनकी अंतरात्मा जानती है। यह शब्दो से बयां नही कर सकते। इस संबंध में कृपया निम्न विन्दुओं को ध्यान में लाने की कृपा करें…
1) हलफनामे पर भी झूठी शिकायत करने पर ग्राम प्रधान को निर्दोष साबित हो जाने तक झूठ हलफनामा लगाकर आरोप लगाने वाले का कुछ नहीं बिगडता। क्योकि जिला प्रशासन झूठ आरोप लगाने वाले पर कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। निर्दोष साबित होने वाले प्रधान स्वयं कुछ नहीं कर पाते हैं। वैसे भी मा0 न्यायालयों से कभी कभी न्याय पाना बड़ा कठिन हो जाता है जो ग्राम प्रधान के बस की बाहर की बात होती है। ययार्थ नियम यही है कि एक विषय की जांच एक बार ही होती है। इसी नाते अलग अलग प्रकरण की अलग अलग तरीके से प्रार्थना पत्र दिए जाते रहते हैं। जांच प्रक्रिया चलती रहती है प्रधान निर्दोष होते हुए भी परेशान होते रहते हैं। ऐसे में गांव का विकास बाधित होता रहता है। कृपया इस स्थिति को रोकने का प्रयास करें….
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पत्र संख्या (3)
2) कृपया संज्ञान में लाने की कृपा करें…ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए कार्यों/निर्माण कार्यो की गुणवत्ता किसी दूसरी कार्यदायी संस्था के अपेक्षा ज्यादा गुणवत्तापूर्ण होती है। क्योंकि ग्राम प्रधान कोई भी कार्य अपने गांव के लिए अपनी मातृभूमि के लिए करवाते हैं। हजारों आंखे ग्राम प्रधान के कार्यों का अवलोकन करती हैं। फिर भी यदा कदा राजमिस्त्री व लेबर द्वारा कोई भी कार्य मे थोड़ी कमीं राह जाती है। वही जांच दौरान पाई जाती हैं। ग्राम सचिव व ग्राम प्रधान को कह दिया जाए तो वह कमीं दूर करा जा सकती है,यह बात मैं बड़ी विनम्रता पूर्वक कयह रहा हूँ। ग्राम पंचायतों की जांच होते खुद देखी है। लेकिन सांसद, विधायक,जिलापंचायत के द्वारा कराए गए निर्माण कार्यो की जांच कभी नहीं होते देखी है।
प्रदेश अध्यक्ष के.के.पाण्डेय ने कहा कि मेरी बातों को अन्यथा न लिया जाए। मेरा निवेदन मात्र इतना है कि यदि प्रधान द्वारा निर्माण कार्य मे कमी रह गई है या जांच के दौरान कमी पाई गई हो तो सचिव व प्रधान से कहकर ठीक करवा दिया जाए। क्योकि यह कार्य मानव बल द्वारा कराया जाता है कुछ प्रतिशत की कमीं की संभावना हो सकती है।
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पत्र संख्या (4)
–सचिव व प्रधान को डोंगल लगाना पड़ता है कुछ सचिव सीधे साधे प्रधान का डोंगल भी अपने पास किसी न किसी बहाने अपने पास रख लेते हैं। यदि कोई कार्यवाही अत्याधिक व अपरिहार्य है तो उसकी कार्यवाही सबसे पहले सचिव के खिलाफ होनी चाहिए। प्रधान के खिलाफ 95 (1)छः की कार्यवाही कई बार सत्य जांचोपरांत निदेशक पंचायत की अनुमति के उपरांत की जानी चाहिए तथा ग्राम प्रधान द्वारा एवम सचिव दोनों के द्वारा संयुक्त रूप से स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए। तथा सचिव व ग्राम प्रधान के उपस्थित में जांच होनी चाहिए। ताकि जांच के दौरान भौतिक साक्ष्य दे सकें और उसका सही कारण भी दे सकें।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कृपया यह भी संज्ञान में लाने की कृपा करें की बरसात में भयंकर बाढ़ से अरबो रुपये लागत के पुल व निर्माण कार्य तेज धार में बहकर चले जाते हैं फिर तो ग्राम पंचायत का कार्य तो कुछ रुपये मात्र का होता है।
अतः आपसे विनम्रता पूर्वक सादर अनुरोध है कि 95(1)छः की कार्यवाही एक अंतिम कार्यवाही मानी जानी चाहिए। हिदायत देकर सुधार के अवसर दिए जाएं। तथा हलफनामा पर दी गई शिकायत को बहुत देख परख कर गुण दोष के आधार पर जांच परख कर संज्ञान में लेना चाहिए। पंचायतीराज एक्ट की धारा 95 (1)छः धारा का दुरुपयोग कत्तई नही होना चाहिए। न ही धारा 95(1)छः का हथियार के रूप में प्रयोग होना चाहिए।
कृपया उपरोक्त हेतु आदेश अपने स्तर से जारी करने की कृपा करें। हमारा संगठन आपका आभारी रहेगा। कृपा कर संगठन को कृत कार्यवाही से अवगत कराने की कृपा करें।
प्रतिलिपि–
सादर सूचनार्थ:–
चंद्रभूषण पाण्डेय राष्ट्रीय अध्यक्ष
भवदीय
कौशल किशोर पाण्डेय
प्रदेश अध्यक्ष