सिद्धार्थनगर/दिनांक 20मार्च 2024
इकोसिस्टम और फूड चेन को बनाए रखने हेतु गौरैया पंक्षी का संरक्षण आवश्यक -डीएफओ, पुष्प कुमार के
सिद्धार्थनगर- आज विश्व गौरैया दिवस है, इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को गौरैया के संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। “द नेचर फॉर एवर सोसाइटी ऑफ इंडिया एवं फ्रांस के इको-एसआईएम एक्शन फाउंडेशन” द्वारा विश्व गौरैया दिवस मनाने का विचार रखा गया। गौरैया हमारी प्राकृतिक मित्र है ,और पर्यावरण में सहायक है। परंतु बढ़ते प्रदूषण, शहरीकरण, ग्लोबल वार्मिंग, खेती किसानी में रासायनिक उर्वरकों का बढ़ता प्रयोग और लुप्त हो रहे प्राकृतिक संसाधन बेजुबान पक्षियों और गौरैया के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गए हैं। यह पक्षी अधिक तापमान में नहीं रह सकता है।
उन्होंने बताया कि भारत की आंध्र यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में गौरैया की आबादी में 60% से अधिक की कमी बताई गई है ।
उक्त विचार विश्व गौरैया दिवस पर अपने संदेश में पुष्प कुमार के नोडल अधिकारी ,(पर्यावरण)/ डी एफओ सिद्धार्थ नगर ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शहरीकरण के चलते पक्का मकान होने के साथ ही पर्यावरण के असंतुलन के कारण गौरैया पंक्षी विलुप्त होने के कगार पर है। गौरैया घरों में रहने वाले हानिकारक कीट पतंगो के साथ ही हमारी फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों का भक्षण कर हमारे प्राकृतिक मित्र रूप में हमारी सहायक है। हमें इस महत्वपूर्ण पक्षी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। जिससे हम अपने पर्यावरण मित्र पक्षी के रहने व दाना पानी हेतु उचित माहौल दे सकें, उन्होंने कहा कि इकोसिस्टम और फूड चेन को बनाए रखना है, तो गौरैया का अस्तित्व बचाए रखना हम सभी का परम कर्तव्य है। आइए विश्व गौरैया दिवस पर गौरैया के साथ-साथ सभी पक्षियों के संरक्षण हेतु पर्यावरणीय संकल्प लें।