सिद्धार्थनगर,दिनांक 04 अक्टूबर 2024
ग्राम रोजगार सेवको ने मुख्यमंत्री उ0प्र0 को संबोधित 10सूत्रीय मांगों के संबंध में जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन
ग्राम रोजगार सेवक “पंचायत मित्र वेलफेयर एसोसिएशन” के प्रांतीय नेतृत्व के आवाहन पर उत्तर प्रदेश में संविदा पर नियुक्त 36,000 ग्राम रोजगार सेवकों के नियमित कर राज्य कर्मचारी का दर्जा देने सहित 10 सूत्रीय मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री को संबोधित जिलाधिकारी को आज ज्ञापन दिया,ग्राम रोजगार सेवक पंचायत मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय नेतृत्व के आवाहन पर उत्तर प्रदेश में संविदा पर नियुक्त 36,000 ग्राम रोजगार सेवकों के नियमित कर राज्य कर्मचारी का दर्जा देने सहित 10 सूत्रीय मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री को संबोधित जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन।
उपर्युक्त विषय के संबंध में अवगत कराना है कि वर्ष 2006 से मनरेगा योजना अंतर्गत ग्राम रोजगार से हो प्रदेश की ग्राम पंचायत में विगत 17 वर्षों से संविदा पर कार्यरत हैं देने में मदद रहेगा योजना की धनराशि के प्रशासनिक मंत्र भुगतान की व्यवस्था प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत की भौगोलिक स्थिति अलग-अलग है जिस कारण किसी ग्राम पंचायत में कार्य का स्कोप अधिक है तो किसी में कम है। इस कारण से प्रत्येक ग्राम रोजगार सेवक को प्रत्येक ग्राम रोजगार सेवक प्रशासनिक मद की अनुमन्य धनराशि प्रत्येक मास में भुगतान नहीं हो पता है नियमित समय से मानदेय भुगतान हर कार्मिक का अधिकार है जिस हेतु पृथक बजट की आवश्यकता है।
ग्राम रोजगार सेवक ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं में अपना योगदान देते हैं। किंतु चार्ट में सिर्फ मनरेगा से जुड़े कार्य होने के नाते हमारे अन्य दिए गए कार्यों में योगदान की गिनती नहीं की जाती है। इसलिए जॉबकार्ड में मनरेगा के अतिरिक्त अन्य कार्यों में किए गए योगदान को जोड़ा जाए,जो मुख्यमंत्री उ0प्र0 के द्वारा वर्ष 04- 10- 2021 के किए गए घोषणा के अनुरूप होगा।
ग्राम रोजगार सेवक विगत 17 वर्षों से अपना योगदान ग्राम पंचायत में विद्यालय रहे हैं वर्तमान में प्रदेश में दे रहे हैं।वर्तमान में प्रदेश में लगभग 58,194 ग्राम पंचायत सृजित है। इन पंचायत में सीधी भर्ती से नियुक्त ग्राम पंचायत/ग्राम विकास अधिकारियों की कुल संख्या लगभग 15,000 है। अर्थात एक सचिव के साथ
यदि सरकार एक सचिव के पास औसतन 4 ग्राम पंचायत हैं जिसके कारण ग्राम पंचायत के विकास में ग्रामीणों की समस्याओं के निस्तारण में असुविधा होती है। यदि सरकार द्वारा एक सहायक सचिव/ग्राम विकास सहायक का पद सृजित करके संविदा पर नियुक्त ग्राम रोजगार सेवकों को सम्मिलित कर दिया जाए तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में सचिव की उपलब्धता भी हो जाएगी साथ ही साथ रोजगार सेवको लंबे समय से कि जा रही नियमितीकरण की मांग भी पूरी हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश में ग्राम रोजगार सेवकों का मासिक मानदेय ₹10000 प्रतिमाह ईपीएफ नियोक्ता अंश सहित निर्धारित है, जबकि भारत के कई अन्य राज्य में “समूह ग” के कर्मचारियों के समान वेतन भुगतान व ग्रेड पे की व्यवस्था है। इसलिए उत्तर प्रदेश में भी ग्राम रोजगार सेवकों के लिए “समूह ग” के राज्य कर्मचारियों के समान वेतन, भत्ते, बोनस इत्यादि दिया जाना चाहिए अथवा श्रम विभाग द्वारा जारी कुशल कामगारों के लिए जारी शासनादेश के अनूरुप 24000 प्रतिमाह मानदेय की व्यवस्था की जाए।
उपर्युक्त विषय के संबंध में अवगत कराना है कि वर्ष 2006 से मनरेगा योजना अंतर्गत ग्राम रोजगार से हो प्रदेश की ग्राम पंचायत में विगत 17 वर्षों से संविदा पर कार्यरत हैं देने में मदद रहेगा योजना की धनराशि के प्रशासनिक भुगतान की व्यवस्था प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत की भौगोलिक स्थिति अलग-अलग है। जिस कारण किसी ग्राम पंचायत में कार्य का स्कोप अधिक है तो किसी में कम है। इस कारण से प्रत्येक ग्राम रोजगार सेवक को प्रशासनिक मद की अनुमति अनुमन्य धनराशि से प्रत्येक माह भुगतान नहीं हो पता है। नियमित समय से मानदेय भुगतान हर कार्मिक का अधिकार है। जिस हेतु पृथक से बजट की आवश्यकता है।
ग्राम रोजगार सेवक ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं में अपना योगदान देते हैं। किंतु चार्ट में सिर्फ मनरेगा से जुड़े कार्य होने के नाते हमारे अन्य दिए गए कार्यों में योगदान की गिनती नहीं की जाती है। इसलिए जॉबकार्ड में मनरेगा के अतिरिक्त अन्य कार्यों में किए गए योगदान को जोड़ा जाए,जो मुख्यमंत्री उ0प्र0 के द्वारा वर्ष 04- 10- 2021 के किए गए घोषणा के अनुरूप होगा।
ग्राम रोजगार सेवक विगत 17 वर्षों से अपना योगदान ग्राम पंचायत में विद्यालय रहे हैं वर्तमान में प्रदेश में दे रहे हैं।वर्तमान में प्रदेश में लगभग 58,194 ग्राम पंचायत सृजित है। इन पंचायत में सीधी भर्ती से नियुक्त ग्राम पंचायत/ग्राम विकास अधिकारियों की कुल संख्या लगभग 15,000 है। अर्थात एक सचिव के साथ
यदि सरकार एक सचिव के पास औसतन 4 ग्राम पंचायत हैं जिसके कारण ग्राम पंचायत के विकास में ग्रामीणों की समस्याओं के निस्तारण में असुविधा होती है। यदि सरकार द्वारा एक सहायक सचिव/ग्राम विकास सहायक का पद सृजित करके संविदा पर नियुक्त ग्राम रोजगार सेवकों को सम्मिलित कर दिया जाए तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में सचिव की उपलब्धता भी हो जाएगी साथ ही साथ रोजगार सेवको लंबे समय से कि जा रही नियमितीकरण की मांग भी पूरी हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश में ग्राम रोजगार सेवकों का मासिक मानदेय ₹10000 प्रतिमाह ईपीएफ नियोक्ता अंश सहित निर्धारित है, जबकि भारत के कई अन्य राज्य में “समूह ग” के कर्मचारियों के समान वेतन भुगतान व ग्रेड पे की व्यवस्था है। इसलिए उत्तर प्रदेश में भी ग्राम रोजगार सेवकों के लिए “समूह ग” के राज्य कर्मचारियों के समान वेतन, भत्ते, बोनस इत्यादि दिया जाना चाहिए अथवा श्रम विभाग द्वारा जारी कुशल कामगारों के लिए जारी शासनादेश के अनूरुप 24000 प्रतिमाह मानदेय की व्यवस्था की जाए।
आज दिनांक 4.10.2024 को ब्लॉक मुख्यालय नौगढ़ से जिलाधिकारी कार्यालय तक मोटरसाइकिल द्वारा यात्रा निकालते हुए 10 सूत्रीय मांगो को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को संबोधित ज्ञापन सोपा। जिसके अध्यक्षता संगठन के जिला प्रभारी सदानंद यादव सचिन संचालन जिला संरक्षक राजेश चतुर्वेदी ने किया। जिला महामंत्री अमरेश यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा 4 अक्टूबर 2024 को डिफेंस एक्सपो मैदान में वादा किया था, लेकिन अधिकारियों के मिली भगत के कारण लगभग 3वर्ष पूर्ण हो जाने पर भी लागू नहीं किया गया, आज 3 वर्ष के उपलक्ष्य में प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर ग्राम रोजगार सेवकों ने रैली निकालकर मुख्यमंत्री को वादा याद दिलाते हुए धरने को संबोधित किया। संगठन के जिला प्रवक्ता अब्दुल सकुर ने कहा कि सरकार द्वारा वादा खिलाफी बर्दाश्त नहीं होगा। धरने को संबोधित करते हुए विश्वजीत भास्कर ने कहा कि रोजगार सेवक को आए दिन उत्पीड़न हो रहा है,ऐसे में अगर जल्दी ही मांगे पूरी नहीं हुई तो लखनऊ में धरना प्रदर्शन करने का संगठन बाध्य होगा। उक्त रैली में उपस्थित संजीव कुमार, सतीश चंद्र, आनंद त्रिपाठी, विजय दुबे, सुरेश पांडे,राम सुभाग, नवल किशोर, वीरेंद्र कुमार, लाल सिंह वर्मा, रामकुमार,कुलदीप सोनी,राम तीरथ गिरी, राजकुमार, मनोज पांडे, अवनीश कुमार उपस्थित रहे।