Fri. Apr 4th, 2025

अखिल भारतीय प्रधान संगठन के तत्वावधान में महामहिम राज्यपाल उ0प्र0 को संबोधित 13 सूत्रीय मांगों के संबंध में जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

blank

सिद्धार्थनगर/दिनांक 05 अक्टूबर 2024

अखिल भारतीय प्रधान संगठन के तत्वावधान में महामहिम राज्यपाल उ0प्र0 को संबोधित 13 सूत्रीय मांगों के संबंध में जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

अखिल भारतीय प्रधान संगठन के तत्वावधान में जिला अध्यक्ष चंद्रमणि यादव के अध्यक्षता महामहीम राज्यपाल महोदया को संबोधित जिलाधिकारी को 13 सूत्रीय मांगों के संबंध में सौंपा ज्ञापन। अखिल भारतीय प्रधान संगठन द्वारा रमाबाई अंबेडकर मैदान में 28 अक्टूबर 2021 को 40,000 से अधिक प्रधानों की महारैली के माध्यम से अपनी मांगों को सरकार के समझ रखा गया था, इसके पश्चात 15 दिसंबर 2021 का प्रदेश भर के प्रधानों को डिफेंस एक्सपो मैदान में बुलाकर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा निम्नलिखित घोषणा की गई थी जिन पर अमल करना तो दूर ग्राम पंचायत यादव को प्रयोगशाला बनाते हुए नित नए नए शासनादेश जारी कर विकास कार्यों में अवरोध पैदा करके न केवल बजट कम किया जा रहा है। बल्कि मनरेगा को समाप्त करने की साजिश भी रची जा रही है। ऐसी तीसरी सरकार के निर्वाचित प्रतिनिधियों में सरकार के प्रति असंतोष बढ़ रहा है अतः ग्राम पंचायत के निर्वाध विकास के लिए लोकहित में अखिल भारतीय प्रधान संगठन की निम्नलिखित मांगों पर अमल किया जाना आवश्यक है।

1) पंचायत सहायक सचिव कम डाटा एंट्री ऑपरेटर शौचालय केयरटेकर एवं प्रधान के मानदेय की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा अलग से करने का वादा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया था जिस पर आज तक अमल नहीं किया गया।

2) रजिस्टर डिप्लोमा होल्डर अथवा जनपद मेननियुक्त किसी भी तकनीकी सहायक से स्टीमेट बनवाने की छूट का प्रावधान करने का मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा घोषणा की गई थी जिस पर आज तक अमल नहीं किया गया।

3) जिले के प्रधानों क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्यों की सहभगिता में पंचायत से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए जनपद स्तर माह में एक बार उक्त जनपद के जिला अधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में पंचायत दिवस मनाए जाने का वादा मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था। जिस पर आज तक कोई पहल नहीं किया गया।

4) जिला योजना समिति में प्रधानों को प्रतिनिधित्व देने का वादा मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था जिस पर आज तक कोई पहल नहीं किया गया।

5) मनरेगा द्वारा संपादित कार्यों का भुगतान 15वां वित्त आयोग के धन से होने वाले भुगतान की तरह प्रधान और सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से ग्राम स्तर पर ही किए जाने के प्रावधान का वादा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया था जो अभी तक अधूरा है उसे पर कोई अमल नहीं किया गया।

इसके अतिरिक्त अखिल भारतीय प्रधान संगठन के निम्नलिखित मांगों को भी उत्तर प्रदेश में लागू के जाना जनहित में आवश्यक है।

1) जनता द्वारा निर्वाचित प्रधानों को अकारण भ्रष्ट समझ कर संदेह करने व परेशान एवं हतोसाहित करने के लिए मनरेगा योजना में कार्यस्थल पर ही ऐप के माध्यम से दिन में दो बार उपस्थिति प्रमाणित करना अनिवार्य किया गया। जबकि अधिकांश ग्रामों में नेटवर्क की समस्या के कारण ऐप के माध्यम से मजदूरों की उपस्थिति अंकित नहीं हो पा रही है। तथा मास्टर रोल शून्य हो जाता है और मजदूर काम छोड़ कर घर पर जाना पड़ता है।अतः भारत सरकार ग्रामीण विकास द्वारा जारी 23 दिसंबर 2022 के उक्त आदेश को वापस लिया जाए।

2) एक अभिनव प्रयोग करते हुए निदेशक पंचायती राज के आदेश दिनांक 24 मई 2024 द्वारा मानदेय पर नियुक्ति का प्रशिक्षित पंचायत सहायक अकाउंटेंट कम डाटा एंट्री ऑपरेटर को पंचायत गेटवे सॉफ्टवेयर में थंब को एकीकृत करते हुए अपने रजिस्टर्ड मोबाइल से पंचायत सचिवालय में स्थापित कंप्यूटर सिस्टम द्वारा भुगतान नेट अधिकृत कर दिया गया था, बिना कैसे तकनीकी प्रशिक्षण क्षमता का अकारण किए बिना उन्हें वेरीफाई किए जाने का आदेश जारी कर दी गई। अखिल भारतीय प्रधान संगठन के दबाव में संशोधन के साथ कैसे लागू की कर दिया गया है। विकास कार्य में बाधक इस अव्यवहारिक आदेश को तत्काल वापस लिया जाए।

3) प्रधान साथियों द्वारा जनहित में मनरेगा योजना से कराए गए पक्के कार्यों का भुगतान विगत दो वर्षों से न करने के कारण सामग्री दाता एजेंसी द्वारा प्रधानों को घर घेरा जा रहा है, और प्रधानों को अपमानित होना पड़ता है क्या मनरेगा योजना के अंतर्गत पक्के कार्यों का समस्त बकाया भुगतान तत्काल कराया जाए।

4) अंतिम उपभोक्ता अर्थात भारत की जनता द्वारा प्रदत्त टैक्स से सरकारों का कार्यों में विकास कार्य होता है तथा जनसंख्या का 70% भाग गांव में निवास करता है। इसलिए गांव जहां के विकास के लिए सरकार को द्वारा प्राप्त राजस्व का 70% ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराया जाए।

5) मनरेगा कार्यों में कार्य कर रहे मजदूरों की 237=00 प्रतिदिन की मजदूरी पर मजदूर काम करने को तैयार नहीं है। अतः इसे बढ़ाकर कम से कम ₹400=00 प्रतिदिन किया जाए।

6) पंचायती राज व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण एवं स्वराज की स्थापना हेतु वर्ष 1993 में पारित 73वे संविधान की 11वीं अनसुची के अनुच्छेद 243 (छ) के तहत 29 विषय/विभाग व उनसे जुड़े अधिकार,कोष,कार्य और पंचायत कर्मियों को पंचायतों को सौंपकर सत्ता विकेंद्रीकरण की आदर्श व्यवस्था लागू किया जाए।

7) राज्य वित्त आयोग व प्रशासनिक सुधार आयोग की समस्त प्रमुख सिफारिशो को उत्तर प्रदेश में लागू किया जाए।

8) प्रधानों,क्षेत्र पंचायत सदस्यों की सुरक्षा हेतु शस्त्र लाइसेंस जारी करने में प्राथमिकता दी जाए।

9) प्रधानो व सभी पंचायत प्रतिनिधियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकरण से पूर्व निदेशक पंचायतीराज से अनुमति की कृपा प्रावधान किया जाए। तथा बिना शपथ-पत्र के प्रधानों की जांच न कराई जाए,झूठ शिकायत मिलने पर शिकायतकर्ताओं के विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई अनिवार्य की जाए।

10) पंचायत से जुड़े राजस्व कर्मी, पंचायत कर्मी, आंगनवाड़ी राशन कोटेदार,व प्राथमिक विद्यालय के अध्यापकों की उपस्थिति कार्य प्रमाण निलंबन की समस्या सहित सभी मामलों में पंचायत को पूर्ण अधिकार दिया जाए।

11) प्रधानों को मिलने वाला मानदेय बहुत ही कम है इसे कम से कम 20,000 किया जाए तथा कार्यकाल पूर्ण करने के पश्चात कम से कम 5,000 पेंशन की व्यवस्था की जाए।

12) पंचायत में प्रयुक्त होने वाली निर्माण सामग्री ईट,मोरंग, सफेद बालू,गिट्टी, सरिया, सीमेंट आदि का मूल्य बाजार दर से बहुत ही कम है। अतः उसे बाजार दर के अनुरूप किया जाए। उपरोक्त निर्माण सामग्री के मूल्य का निर्धारण लोक- निर्माण विभाग द्वारा किया जाता है जबकि उपरोक्त सामग्री का प्रयोग स्वयं लोक-निर्माण विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। जिसके कारण लोक-निर्माण विभाग द्वारा जानबूझकर बाजार दर से कम मूल्य निर्धारित किया जाता है। अतः मूल्य निर्धारण का कार्य किसी अन्य एजेंसी को दिया जाए।

13) प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री आवास के लिए निर्धारित मानक में शिथिलता प्रदान करते हुए किसान क्रेडिट कार्ड धारक तथा दो-तीन कमरों में निवास करने वाले संयुक्त परिवारों को आवास के लिए अपात्र न मानते हुए उन्हें प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री आवास से वंचित न किया जाए।

अखिल भारतीय प्रधान संगठन को आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि गांधीजी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करके पंचायत को स्वावलंबी एवं सशक्त बनाने में सहभागी बनते हुए संगठन के उपरोक्त मांगों को लागू करने में आप द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक परामर्श/निर्देश दिया जाएगा, संगठन आपका सदैव आपका आभारी रहेगा।

इस अवसर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के संगठन के अध्यक्ष घनश्याम यादव, चंद्रमणि यादव जिला अध्यक्ष, अरशद जमाल, मनोज यादव, राम नरेश यादव, मुराली प्रधान, चंद्रिका प्रधान, कृष्ण मुरारी यादव, भवानी शंकर शुक्ला, दिनेश चौधरी, रामकृष्ण यादव, बृजलाल, वीर बहादुर यादव, रेनू, लोकेश राजभर, यदुनाथ यादव, नरेश यादव, माधव यादव,राकेश कुमार, कैलाशपति चौधरी, गौरव, विनोद वर्मा, स्वामीनाथ यादव, बलिराज यादव, विश्वनाथ पांडे, राज किशोर आदि उपस्थित रहे।

कृपया कृत कार्यवाही से संगठन को भी अवगत कराने का कष्ट करें…

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *