सिद्धार्थनगर: 07 जनवरी 2024
पत्रकार मुकेश चंद्राकर के निर्मम हत्या के विरोध में ग्रा0प0ए0 ने पत्रकार साथियों के साथ महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित डीएम को सौंपा ज्ञापन
जिलाध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव के नेतृत्व में करीब दो दर्जन पत्रकारों ने डीएम को ज्ञापन सौंपकर पत्रकार मुकेश चंद्राकर को मुआवजे दिलाने व कठोर कार्रवाई की उठाई मांग
छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर आक्रोशित पत्रकारों ने पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाई आवाज
सिद्धार्थनगर: छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर आक्रोशित पत्रकारों ने सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय पर पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवाज उठाई है। ग्रा0प0ए0 के जिलाध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव के साथ करीब दो दर्जन पत्रकारों ने डीएम को ज्ञापन सौंपकर मुआवजे व कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग किया है।
जिलाधिकारी को सौंपें ज्ञापन में पत्रकारों ने कहा है कि सभी पत्रकार साथी एक हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में हाल ही में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की घटना से अत्यंत दुखी और आहत हैं। यह घटना न केवल पत्रकारिता जगत बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरा सदमा है। मुकेश चंद्राकर की हत्या ऐसे समय हुई है, जब देश में प्रेस की स्वतंत्रता पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि पत्रकारों को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए जान का जोखिम उठाना पड़ रहा है।
ग्रा0प0ए0 ने उक्त प्रकरण में शामिल दोषियों को सजा दिलाने की मांग दोहराई है। इस दौरान सद्दाम खान, राकेश यादव, फिरोज खान, परवेज अहमद, अमित गुप्ता, संतोष श्रीवास्तव, रामसेवक चौरसिया, तेज प्रताप त्रिपाठी, श्यामसुंदर तिवारी, प्रदीप वर्मा,जफर,जमील रिजवी, राजेश पांडेय, विकास यादव, विजय यादव, रहबर, रेखा वरुण, नीरज, विजय मिश्रा संपादक/इंडियन रिपोर्टर एसोसिएशन स्टेट मीडिया हेड के अतिरिक्त तमाम मीडिया बंधु साथी मौजूद रहे ।
उपरोक्त ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन सिद्धार्थनगर ज्ञापन के माध्यम से निम्नलिखित मांग करता हैं कि…..
मुकेश चंद्राकर की हत्या के दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, और परिजनों को एक करोड़ रूपये व परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान किया जाये।
संपूर्ण भारतवर्ष में प्रेस मान्यता नियमावली में संशोधन कर पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाकर उनकी सुरक्षा के लिए सभी जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया जाए, ताकि पत्रकार निर्भीक होकर देशहित व जनहित में सही खबरों का प्रकाशन कर सकें।
उत्तर प्रदेश में पत्रकार आयोग का गठन करके उसमें मान्यता प्राप्त सभी संगठनों को प्रतिनिधित्व दिया जाए।
सरकार पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए।
सरकार प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हो और पत्रकारों को बिना किसी डर के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने दे।
सरकार पत्रकारों के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाए ताकि वे बिना किसी डर के सच को सामने ला सकें।