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राजस्थान के जोधपुर के लोडता गाँव के देंचु इलाके में पाकिस्तान से आये 11 हिन्दू शरणार्थियो की संदिग्ध अवस्था में हुई मौत

ब्रेकिंग न्यूज़/जोधपुर/दिनाँक-09-08-020

राजस्थान के जोधपुर के लोडता गाँव के देंचु इलाके में पाकिस्तान से आये 11 हिन्दू शरणार्थियो की संदिग्ध अवस्था में हुई मौत

राजस्थान के जोधपुर में एक ही परिवार के 11 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों की मौत हुई है। फिलहाल मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। यह देचू थाने के लोड़ता गांव की घटना है। पुलिस ने बताया कि जोधपुर जिले के लोड़ता गांव में एक खेत में रविवार सुबह पाकिस्तान के एक हिंदू परिवार के ग्यारह सदस्य मृत पाए गए।

एक अधिकारी ने कहा कि “परिवार के एक व्यक्ति को देचू क्षेत्र के लोड़ता गांव में  जीवित पाया गया है।” पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राहुल बारहट ने कहा कि “जीवित पाए गए व्यक्ति ने इस घटना के बारे में कोई अनुमान नहीं होने का दावा किया है।”
बरहट ने कहा कि “हम अभी तक मौत के कारणों का पता नहीं लगा पाए हैं। लेकिन प्रथम दृष्टया में जाहिर होता है कि सभी सदस्यों ने रात में किसी जहरीली रसायन का सेवन किया था, जिससे इन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि झोंपड़ी में चारों ओर किसी रसायन की गंध थी, जिससे लगता है कि इन्होंने कुछ जहरील पदार्थ खाया होगा।”
उन्होंने बताया कि परिवार के सभी सदस्य भील समुदाय के पाकिस्तान के हिंदू प्रवासी थे और गांव में खेत में एक झोपड़ी बना कर रह रहे थे, जिसे उन्होंने खेती के लिए किराए पर लिया था।

एसपी ने कहा कि “किसी भी शव पर न तो कोई चोट का निशान था और न ही किसी तरह के मारपीट के कोई सबूत मिले हैं, लेकिन हम किसी भी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए फॉरेंसिक टीम और एक डॉग स्क्वाड की सहायता लेकर जांच कर रहे हैं। प्रारंभिक जानकारी से संकेत मिलता है कि परिवार में किसी मुद्दे पर कुछ विवाद था।”

जानकारी के अनुसार इस घटना में छह वयस्क व पांच बच्चों की मौत हुई है। देचू थाना अधिकारी राजू राम ने बताया कि इनमें सात महिला और चार पुरुष हैं। इधर पुलिस लोगों से पूछताछ कर रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस परिवार की एक बहन जो कि पेशे से नर्स है, यहां अपने भाई को राखी बांधने के लिए आई थी। इसके बाद यहीं रहने लगी। कुछ लोगों का यह भी कयास लगा रहे हैं कि बहन ने सबसे पहले इन 10 लोगों को जहरीला इंजेक्शन लगाया। उसके बाद खुद को इंजेक्शन लगा लिया।

फिलहाल हादसे की जगह पर किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है, जिस कमरे में यह हादसा हुआ वहां पर भी पुलिस ने प्रतिबंध लगा दिया है। कहा जा रहा है कि एफएसएल टीम ही सभी तरह के साक्ष्य जुटाकर इस मामले में खुलासे को सही दिशा दे सकती है। आपको बता दें कि पुलिस परिवार में जिंदा बचे एकमात्र सदस्य को भी शक की निगाह से देख रही है।

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