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पूर्वांचल के गांधी प्रभु दयाल विद्यार्थी की आज मनाई गई पुण्यतिथि

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सिद्धार्थनगर 07 सितंबर 2024

पूर्वांचल के गांधी प्रभु दयाल विद्यार्थी की आज मनाई गई पुण्यतिथि

सिद्धार्थनगर। महात्मा गौतम बुद्ध उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जोगिया सिद्धार्थनगर में आज विद्यालय के संस्थापक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूर्व विधायक स्वर्गीय प्रभु दयाल विद्यार्थी की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर उनके समाधि स्थल जोगिया में उनकी धर्मपत्नी प्रबंधक महात्मा गौतम बुद्ध उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पूर्व विधायक श्रीमती कमला साहनी उनकी बड़ी बेटी श्रीमती कविता साहनी, छोटी बेटी श्रीमती अमिता रुंगटा, विद्यालय के प्रबंधक प्रतिनिधि रामसेवक साहनी, उप प्रबंधक विशुनकुश साहनी ,कोषाध्यक्ष प्रबंध समिति श्रीमती चमेली देवी, गोपाल साहनी रोहित साहनी,गोविंद साहनी विद्यालय के प्रधानाचार्य बृजेश कुमार द्विवेदी ,शिक्षक पंकज कुमार द्विवेदी, युगुल किशोर मिश्र,अंगद प्रसाद,अरुण लाल श्रीवास्तव ,लक्ष्मी सिंह सोनाली देवी,लिपिक दिनेश धर द्विवेदी स्टाफ दुर्गेश ,राजन गोंड, मुनिराम लोधी, विशाल पाठक तथा छात्र और छात्राओं ने तथा सभी शिक्षक और कर्मचारियों ने उनकी समाधि पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्चन कर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए प्रधानाचार्य बृजेश कुमार द्विवेदी ने बताया की किस तरह वह 8वर्ष की अवस्था में घर छोड़कर ठक्कर बाप्पा के साथ वर्धा आश्रम पहुंचे। वहां पहुंचने पर गांधीजी की शिष्यता ग्रहण की। गांधी जी के छठे पुत्र के रूप में उनके परिवार में रहने लगे वहां से उन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उनके गिरफ्तारी पर ₹5000 का इनाम रखा गया। वह बारूद और हथियार लेने के लिए मुंबई से नागपुर की यात्रा भी किए और सफल रहे। गांधीजी के कहने पर अंग्रेजों के समक्ष समर्पण किया और उन्हें लाल किला में बंद कर दिया गया। जहां उन्हें घोर यातनाएं दी गई और थर्ड डिग्री टॉर्चर किया गया । उनके एक साथी ने जब जेल से बाहर निकल कर प्रभु दयाल विद्यार्थी पर की जाने वाली अंग्रेजों की जुल्म और यातनाओं का जिक्र किया तो देशभर में उन्हें रिहा करने के लिए उग्र आंदोलन खड़ा हो गया। मजबूर होकर अंग्रेज सरकार ने उन्हें मरणासन्न अवस्था में जेल से बाहर रिहा किया ।प्रभु दयाल विद्यार्थी लाल सेना तथा सुभाष चंद्र बोस के संगठन से भी जुड़े थे उनके इन्हीं कार्यों के कारण उनसे संबंधित बहुत सी जानकारियां सुभाष चंद्र बोस की फाइल के साथ बंद थे इस समय वह फाइलें खुली हैं जिससे बहुत कुछ उनके बारे में जानकारी प्राप्त हो रही है।

आजादी के बाद जवाहरलाल नेहरू के निवेदन पर पहली बार प्रभु दयाल विद्यार्थी 1952 में विधानसभा का चुनाव लड़े और विजई होकर क्षेत्र की सेवा करने का निश्चय किया वह चार बार विधानसभा के सदस्य रहे उनके सहयोग से जनपद सिद्धार्थनगर में सड़के बनीं ,सिंचाई के लिए बन गंगा नदी पर बैराज बनवाकर नहरें निकलवाया और ककरही पुल का निर्माण करवाया, जोगिया में उन्होंने ब्लॉक, कोतवाली और स्वास्थ्य केंद्र ,बैंक स्थापित करवाया क्षेत्र की शिक्षा के लिए महात्मा गौतम बुद्ध उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की स्थापना किया।पूरे पूर्वांचल में उन्हें गांधी के रूप में और महान ऐतिहासिक व्यक्तित्व के रूप में याद किया जाता है। उनके योगदान पर श्रीमती कविता साहनी, राम सेवक साहनी विशुनकुश साहनी तथा श्रीमती कमला साहनी ने प्रकाश डाला। महात्मा गांधी जी के प्रपत्र तुषार गांधी ने स्वर्गीय प्रभु दयाल विद्यार्थी को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। प्रभू दयाल विद्यार्थीजी के इस योगदान के लिए विद्यालय परिवार तथा क्षेत्रवासी उन्हें शत-शत नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित किया है।

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