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मुख्यमंत्री युवा विकास अभियान योजना के तहत कार्यशाला आयोजित किया गया

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लखनऊ: 22 जनवरी 2024

डीएम ने युवाओं से की अपील/योजनाओं का लाभ लेकर खुद का उद्योग स्थापित करें

मुख्यमंत्री युवा विकास अभियान योजना के तहत कार्यशाला आयोजित किया गया

नीति आयोग एवं एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन ने देश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में बच्चों के सशक्तीकरण के लिए मिलाया हाथ

लखनऊ: बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के इको सिस्टम को मजबूती देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए भारत सरकार के नीति आयोग और एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन (एवीए) ने देश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तीकरण तथा अगले एक साल में देश के 104 प्रखंडों के 15000 गांवों को बाल विवाह मुक्त घोषित करने के लिए हाथ मिलाया है।

इस आशय के मंतव्य पत्र (एस.ओ.आई) पर नई दिल्ली में दस्तखत किए गए। नीति आयोग और एवीए की इस साझेदारी का स्वागत और समर्थन करते हुए संवाद सामाजिक संस्थान के सचिव अतुल तिवारी ने कहा कि इस कदम से उनकी कोशिशों को एक नई उर्जा और गति मिली है और वे जनपद लखनऊ, बाराबंकी, प्रतापगढ को बाल मजदूरी, बाल विवाह, बच्चों की ट्रैफिकिंग और बाल यौन शोषण जैसे बच्चों के खिलाफ सभी तरह के अपराधों से मुक्त कराने के प्रयासों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। एवीए और संवाद सामाजिक संस्थान दोनों ही बाल अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए देश के 416 जिलों में काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के सहयोगी हैं। दो-वर्षीय एस.ओ.आई के तहत अगले दो सालों में देश के 73 जिलों के आकांक्षी प्रखंडों के इन गांवों के आर्थिक रूप से बेहद कमजोर उन परिवारों के बच्चे जो शोषण, उत्पीड़न, बाल मजदूरी या बाल विवाह दृष्टि से संवेदनशील हैं।

संवाद सामाजिक संस्थान के निदेशक अतुल तिवारी ने कहा हम भारत सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान पर अमल करते हुए अपने जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिये प्रयास कर रहे हैं। एवीए और नीति आयोग की इस साझेदारी से हमारे प्रयासों को और बल मिलेगा। एवीए के साथ मिलकर हम जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए प्रतिबंध हैं। इसके साथ ही हम जिले में बाल सुरक्षा के व्यवस्थागत तंत्र को मजबूत बनाने के लिए भी काम करेंगे। साथ मिलकर हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारे बच्चों को एक सुरक्षित वातावरण में पुष्पित-पल्लवित होने के अवसर मिलें। बाल विवाह और बच्चों की ट्रैफिकिंग की निगरानी और रोकथाम के लिए सभी लक्षित गांवों में पंचायत स्तर पर लोगों की आवाजाही और विवाहों के ब्योरे दर्ज करने के लिए रजिस्टर रखे जाएंगे। स्कूल नहीं जा पाने वाले बच्चों को शिक्षा और कौशल विकास के अवसरों से जोड़ा जाएगा, जबकि हाशिये के व्यक्तियों और परिवारों को सरकारी जनकल्याण योजनाओं से जोड़ा जाएगा।

इस अवसर पर एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने कहा, आज समाज के सबसे कमजोर वर्गों के सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हम गर्व और कृतज्ञता महसूस कर रहे हैं। साझा प्रयासों से हमारा लक्ष्य 2025 के अंत तक इन विकास खण्ड को बाल विवाह मुक्त बनाना और दूसरों के लिए एक मिसाल कायम करना है। सरकारी निकायों, समुदायों और नागरिक समाज संगठनों राज्य जिला और विकास खण्ड जैसे हर स्तरों पर एकजुट होकर काम करने और साझा प्रयासों से सही मायनों में बच्चों की सुरक्षा का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

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